बेटिया बोझ नहीं बल्कि देश का गौरव और घर की शान कहलाती हैं। Daughters are not a Burden but the Pride of the Country and Pride of the House.

Snehajeet Amrohi
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हमारे देश में ना जाने कितने ऐसे घर होंगे जहाँ पर आज भी लोग बेटे और बेटियों में भेदभाव करते हैं। कुछ लोग बेटे को ज्यादा महत्व देते हैं और बेटियों को वो प्यार और हक़ नहीं देते जिनकी वो हमेशा से हक़दार हैं। क्योकि कुछ लोगो की ऐसी मानसिकता हैं की बेटिया पराया धन होती हैं क्योकि विवाह उपरांत बेटिया ससुराल चली जाती हैं और उनका ससुराल ही उनका अपना घर कहलाता हैं। विवाह के बाद बेटियों का अपने मायके पर कोई हक़ और अधिकार नहीं होता हैं। जबकि ये सारी बाते बिल्कुल गलत हैं। बेटिया कभी पराई नहीं होती, जिन माता पिता को ऐसा लगता हैं की विवाह के बाद बेटिया पराई  हो जाती हैं, आज  मैं उनसे पूछती हूँ की क्या विवाह के बाद आपका बेटा पराया नहीं होता ? बेटे की भी शादी होती हैं उसके भी ससुरालवाले होते हैं उसका भी एक नया रिश्ता जुड़ता हैं। तो आप बस बेटियों को खुद से दूर कर वो सारे हक़ नहीं दे कर यह विचार क्यों करते हैं की बेटिया अपना सुख दुःख अपने माता पिता से ना बाँट सके। देश की हर माँ से मैं यही कहना चाहूँगी की बहुत भाग्यशाली होती हैं वो माँ जिनके घर बेटियों का जन्म होता हैं। इसलिए बेटियों के जन्म से ना घबराए, क्योकि जन्म तो माँ देती हैं मगर बेटिया अपना भाग्य स्वयं सुनिश्चित करती हैं। हर कन्या में देवी पराशक्ति भवानी पार्वती का अंश विद्यमान होता हैं इसलिए बेटिया अपमान की नहीं बल्कि सम्मान की हक़दार होती हैं। जिन घरो में बेटियों का तिरस्कार होता हैं ऐसे घरो से सुख सौभाग्य और शांति स्वतः दूर चली जाती हैं। ये कोई मजाक नहीं और ना ही असत्य हैं। यह एक अटल सत्य हैं जिससे हर किसी को वाकिफ होना पड़ेगा। जरा विचार करे कुछ घरो में अक्सर बेटे को अधिक सम्मान और प्यार दिया जाता हैं बदले में वही बेटे विवाह के बाद अपनी पत्नी की बातो में आ कर अपने माता पिता का अपमान कर देते हैं। यहां तक की कुछ बेटे अपने माता पिता को घर से बाहर निकाल देते हैं। मगर बेटियों का दिल कोमल और निर्मल होता हैं वो अपने माता पिता को कभी जानबूझ कर तकलीफ नहीं दे सकती। हर घर में कलह की वजह बस मनुष्यो की मानसिकता पर ही निर्धारित होती हैं। यदि हर व्यक्ति अपनी बुरी सोच और मंधारणा को बदल कर अपने जीवन में सही दिशा को चुनेगे तो कभी निराश नहीं होंगे। कुछ लोग अपनी बेटियों को अधिक पढ़ाना नहीं चाहते, क्योकि उन्हें लगता हैं की जो पैसे उनकी शिक्षा में खर्च करेंगे उससे अच्छा होगा उनकी विवाह के लिए बचा कर रखे। ये बहुत गलत सोच हैं हो सकता हैं की आपकी बेटिया पढ़ लिख कर इतनी कामयाब हो जाए  विवाह का कोई खर्च आपको उठाना ना पड़े बल्कि आपको अपनी बेटियों पर गर्व महसूस हो। ना जाने कितनी बेटियों का उज्जवल भविष्य कुछ खोखली सोच और विचारधारा ने बर्बाद कर डाला। कुछ लोग लोभ और लालच की वजह से अपनी बेटियों का विवाह गलत जगह कर देते हैं उन्हें लगता हैं की बहुत दौलतमंद परिवार में उनकी बेटी जा रही वहां सुख करेगी खुश रहेगी। जबकि हर जगह दौलत पैसे नहीं देखा जाता, इंसान के विचार और गुण को देख कर ही कोई निर्णय लेना श्रेयकर होता हैं।  

देश के हर माता पिता अपने बच्चो में भेदभाव उत्पन्न ना करे। अपनी बेटियों को प्यार और सम्मान का दर्जा दे। ✌

There are many such houses in our country where even today people discriminate between sons and daughters. Some people give more importance to sons and do not give daughters the love and rights that they always deserve. Because some people have such mentality that daughters are someone else's property because after marriage, daughters go to their in-laws' house and their in-laws house is called their own home. After marriage, daughters do not have any right or authority on their maternal home. Whereas all these things are absolutely wrong. Daughters are never strangers, those parents who feel that daughters become strangers after marriage, today I ask them, doesn't your son become a stranger after marriage? The son also gets married, he also has his in-laws and a new relationship is formed. So why do you think that daughters cannot share their happiness and sorrow with their parents by simply removing them from themselves and not giving them all the rights? I would like to say to every mother of the country that those mothers are very lucky in whose houses daughters are born. Therefore, do not be afraid of the birth of daughters, because mothers give birth but daughters ensure their own destiny. A part of Goddess Parashakti Bhavani Parvati is present in every girl, hence daughters deserve respect and not insult. Happiness, good fortune and peace automatically go away from those houses where daughters are despised. This is neither a joke nor a lie. This is an unchangeable truth that everyone needs to be aware of. Just think, in some families, sons are often given more respect and love, but in return, the same sons insult their parents by talking to their wife after marriage. Even some sons throw their parents out of the house. But daughters have a soft and pure heart and can never intentionally hurt their parents. The reasons for discord in every house are determined only by the mentality of the people. If every person changes his bad thoughts and ideas and chooses the right direction in his life, he will never be disappointed. Some people do not want to educate their daughters much, because they feel that the money spent on their education would be better saved for their marriage. This is a very wrong thinking. It is possible that your daughters may become so successful after getting education that you will not have to bear any expense of marriage but you will feel proud of your daughters. Who knows, the bright future of many daughters was ruined by some hollow thinking and ideology. Some people, due to greed and greed, get their daughters married in the wrong place. They think that if their daughter goes to a very wealthy family, she will be happy there. While wealth and money are not seen everywhere, it is better to take any decision only after looking at the thoughts and qualities of the person.

Every parent in the country should not create discrimination among their children. Give your daughters a status of love and respect.✌






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  1. सचमुच आपने बेटियों के महत्व को बता कर सही किया जिस घर में बेटी का सम्मान होता है वह घर हमेशा खुशहाल रहता है इसलिए सभी को बेटियों का सम्मान करना चाहिए।

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