अक्सर हमारे समाज में कई ऐसे इंसान मौजूद हैं जो दुसरो के कहने पर अपने पूजा पाठ और दिनचर्या में बदलाव लाने का प्रयत्न करते हैं। कुछ लोगो की ऐसी मानसिकता होती हैं की वो अपने पूजा घर के देवी देवता की मूर्तियाँ भी हटा देते हैं। कई लोग तो ऐसा भी कहते हैं की इतने वर्षो से पूजा इतनी पूजा पाठ कर रहे मगर कोई फायदा नहीं। जरा ध्यान दे इन शब्दों पर की कोई फायदा नहीं इसका मतलब अपने स्वार्थ के लिए तुमने ईश्वर की पूजा शुरू की ना की श्रद्धा से तो उसका फल कैसे मिल सकता हैं ? कई लोग अनेको मंदिरो में जा कर पंडितो के कथन को सही मान कर अपने घर के देवी देवता की पूजा करना छोड़ देते हैं क्योकि पंडित ने कहा की तुम गणेश की नहीं हनुमान जी की पूजा करो, किसी दूसरे पंडित ने कहा तुम देवी दुर्गा की नहीं महाकाली की पूजा करो, किसी ने कहा की तुम महादेव की नहीं साई बाबा की पूजा करो वही से कृपा रुकी हैं। कितनी अजीब बात हैं ना इतने असमंजस में डाल रखा हैं कुछ पंडितो ने हमारे देश में ईश्वर के कुछ भक्तो को। जो भक्तगण अपने देवता को किसी पंडित के कहने पर बदल देते हैं वो जरा संभल जाए क्योकि यह उनकी बहुत बड़ी भूल हैं। क्या आपने ध्यानपूर्वक विचार किया हैं की यदि आपके माता पिता आपको अपने घर से बेदखल कर दे और आपका स्थान किसी अन्य को प्रदान कर दे तो आप पर क्या गुज़रेगी ? आपको अत्यधिक दुःख होगा और क्रोध भी आएगा की आपके माता पिता अपने फायदे के लिए ऐसा गलत निर्णय कैसे ले सकते हैं ? तो सोचिए आपने किसी पंडित के कहने पर अपने ही पूज्य उस परमपिता का घोर अपमान किया और उन्हें अपने फायदे के लिए चुना उन पर क्या गुजरती होगी। क्या ऐसा करने से किसी को बेहतर परिणाम मिल सकते हैं ? कुछ लोग कहते हैं तुम चर्च जाओ तुम ईसाई धर्म को अपना लो हिन्दू देवी देवता की शक्ति काम नहीं करती कलयुग में। मैं किसी अन्य धर्म का ना ही अनादर कर रही और ना ही अपमान कर रही। मैं किसी धर्म और देवता का विरोध नहीं कर रही। आप पूजा करे और चर्च मस्जिद या गुरुद्वारा कहीं भी जाए मगर एक बार यदि आपने अपना इष्ट देवी देवता किसी को बना लिया तो भूल कर भी उनका परित्याग ना करे, क्योकि इसके परिणाम सकारात्मक नहीं बल्कि परिणाम विपरीत ही मिलते हैं। आप सम्मान सबको देते हैं मगर दिल में स्थान उसी को देते हैं जो उसके हक़दार होते हैं। एक बात हमेशा याद रखे कोई तांत्रिक या पंडित आपके ना ही भाग्य बदल सकते हैं और ना वो किसी की मृत्यु को टाल सकते हैं। कुछ लोग लालच में अपने फायदे के लिए आपको आपके मार्ग से भटकाने का प्रयास करते हैं, यह तो आपके ऊपर निर्भर करता हैं की आप किसका चुनाव करते हैं। क्योकि सत्य तो सत्य ही रहता हैं इसे कोई बदल नहीं सकता। ठीक वैसे ईश्वर हैं और रहेंगे यदि ईश्वर विद्यमान हैं तो उनकी शक्ति भी विद्यमान हैं और सदा रहेगी। जो तांत्रिक और पंडित आपको भटकाने का प्रयास कर रहे वो भी ईश्वर के शक्ति के बदौलत ही दुनिया में जीवित हैं। ना जाने कितने घर तबाह हो गए इन्ही पंडितो और तांत्रिको के चक्कर में। ईश्वर के भक्तो सदा स्मरण रखे कलयुग हो या सतयुग हर युग ईश्वर द्वारा निर्धारित होती हैं प्रत्येक युग की नींव ईश्वर द्वारा ही रखी जाती हैं। ईश्वर तो कण-कण में हैं। प्रत्येक मनुष्यो का जीवन ईश्वर से ही हैं यदि ईश्वर नहीं यदि ईश्वर की कृपा नहीं तो किसी मनुष्य और जीव का जीवन नहीं। एकमात्र ईश्वर ही हैं जो आपको आपके जीवन पथ से नहीं भटकाते। ईश्वर कभी नहीं कहते की मेरे भक्त तुमने आज मुझे भोग नहीं लगाया, तुमने मुझे अनेको प्रकार के 56 भोग नहीं चढ़ाया। ईश्वर तो बस आपकी निर्मल भक्ति और भावना के भूखे हैं। ईश्वर तो बस आपकी निर्दोष भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं।
''जो भक्त किसी पंडितो एवं पुरोहितो के कहने पर पूजा में अपने देवी- देवता को बदलते हैं, या उनकी पूजा करना छोड़ देते हैं वो अवश्य ध्यान दे।''( Devotees Who Change Their Deities during Worship or Stop Worshiping Them on the Advice of any Priest must Pay Attention.)
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February 17, 2024
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Often there are many such people in our society who try to bring changes in their worship and daily routine on the request of others. Some people have such mentality that they even remove the idols of Gods and Goddesses from their worship house. Many people even say that they have been doing so much puja for so many years but there is no benefit. Just pay attention to these words that there is no benefit, it means that you started worshiping God for your selfishness and not with faith, then how can you get the result? Many people go to many temples and stop worshiping the deity of their house considering the words of Pandits as correct because Pandit said that you should worship Hanuman ji and not Ganesha, some other Pandit said that you should not worship Goddess Durga. Worship Mahakali, someone said that you should worship Sai Baba and not Mahadev, the blessings have stopped from there. It is so strange that some pundits have created so much confusion among the devotees of God in our country. Devotees who change their deity on the advice of a Pandit should be careful because this is a big mistake. Have you thought carefully about what would happen to you if your parents threw you out of their house and gave your place to someone else? You will feel extremely sad and also angry that how could your parents take such a wrong decision for their own benefit? So imagine what would have happened if you insulted your own revered Supreme Father on the advice of a Pandit and chose him for your own benefit. Can one get better results by doing this? Some people say that you go to church and adopt Christianity, the power of Hindu Gods and Goddesses does not work in Kaliyuga. I am neither disrespecting nor insulting any other religion. I am not opposing any religion or god.You may worship, go to church, mosque or gurudwara anywhere, but once you have made someone your favorite deity, then do not abandon them even by mistake, because its results are not positive but opposite results. You give respect to everyone but give place in your heart only to those who deserve it. Always remember one thing, no Tantrik or Pandit can change your fate nor can they avert someone's death. Some people out of greed try to divert you from your path for their own benefit, it depends on you which one you choose. Because truth remains truth and no one can change it. Similarly God exists and will always exist. If God exists then his power also exists and will always exist. The Tantrikas and Pandits who are trying to mislead you are also alive in this world only because of the power of God. I don't know how many houses have been destroyed because of these Pandits and Tantriks. Devotees of God, always remember that whether it is Kalyug or Satyayug, every era is determined by God, the foundation of every era is laid by God only. God is in every particle. The life of every human being is from God only. If there is no God, if there is no grace of God then there is no life for any human being or creature. God is the only one who does not deviate you from your life path. God never says that my devotee, you have not offered me food today, you have not offered me 56 different types of food. God is just hungry for your pure devotion and feelings. God is just pleased with your innocent devotion.
आपने सही कहा लोग दूसरों को कहने पर देवताओं का परिवर्तन कर रहे हैं और अपनी पूजा पाठ में परिवर्तन कर रहे हैं जैसे दूसरे धर्म में या दूसरी पूजा करने से वह अमर हो जाएंगे हमें ध्यान रखना चाहिए सर्वप्रथम मनुष्य को कर्म हमेशा अच्छा करना चाहिए जिसका परिणाम भी उसे अच्छे मिले।
ReplyDeleteThank you
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