इस धरा पर रहने वाले प्रत्येक मनुष्य कि अनेको इच्छाएं उसे अपनी माया में उलझा कर रखती हैं। अगर सोचा जाए तो इच्छाओ का कोई पार नहीं, हर क्षण मनुष्य के मस्तिष्क में अनेको विचार उत्पन्न होते हैं उन विचारो से अनेको इच्छाएं उत्पन्न होती हैं और यदि मनुष्य कि वो इच्छा पूर्ण नहीं होती तो वो अपने भाग्य को कोसता हैं। अपनी इच्छाओ के पूर्ण ना होने पर मनुष्य ईश्वर को भी दोषी ठहरा देते हैं। कोई मनुष्य ये क्यों नहीं सोचता कि भला ईश्वर क्यों आपके दुःख के जिम्मेदार होंगे ? ईश्वर ने तो आपको ये अनमोल जीवन प्रदान किया हैं ईश्वर का तो कार्य यही तक था, बाकि कि यात्रा तो आप मनुष्यो का हैं। जब कोई इंसान ये कहता हैं कि शायद मेरी किस्मत खराब हैं या तो मेरे भाग्य में ईश्वर ने बस दुःख लिखा हैं तब उस इंसान कि सोच पर ईश्वर क्रोधित नहीं होते बल्कि वो यही अफसोस करते हैं कि तुम मेरी संतान हो तुम्हारा निर्माण मुझसे हुआ हैं कोई माता-पिता अपनी संतान का बुरा नहीं सोच सकता ना ही उसकी किस्मत में दुःख लिख सकता हैं।ये चुनाव तो मैंने एकमात्र अपनी सभी सन्तानो को प्रदान किया हैं, जो संतान सुपथ मार्ग पर चलेंगे सदा धर्म के मार्ग का चयन करेंगे, मेरी वही संतान अपने जीवन को खुशियों से प्रकाशित कर पाने में सक्षम होंगे। ऐसे मनुष्य अपना भाग्य भी स्वयं अपनी मेहनत और अपने कर्मो से सुनिश्चित करेंगे। हाँ मैं मानती हूँ कि इस धरा पर बहुत से ऐसे लोग हैं जो सदा बुराई और अधर्म के मार्ग पर चल कर हर सुख सुविधा से परिपूर्ण जीवन बिता रहे वो अन्य लोगो को खुद से छोटा समझ कर उनका अपमान कर रहे अपने अहंकार में चूर हो कर सदा सबका तिरस्कार कर रहे तो कुछ भले इंसान को ऐसा लगता हैं कि इतने गलत कर्म करने के बावजूद भी ये सुखी समपन्न हैं मगर मैंने आजीवन भला सोचा भलाई की मगर मुझे उसका अच्छा परिणाम नहीं मिला क्या कलयुग में भगवान सो गए हैं ? क्या उन्हें ये सब दिखाई नहीं दे रहा ? ईश्वर के प्रिय भले भक्तो ईश्वर ने कभी किसी में कोई भेदभाव नहीं किया ना ही कभी करेंगे।क्योकि ईश्वर कि नजरो से कुछ भी नहीं छुपता ना ही इस कलयुग का एक भी अन्याय पाप और अधर्म ईश्वर से छुपा हैं। जो मनुष्य बुरे कर्म के बावजूद आरामदायक जीवन जी रहे हैं वो स्थायी नहीं हैं मगर जो मनुष्य अच्छे कर्मो के बावजूद दुःख भरा जीवन जी रहे वो अस्थायी हैं अर्थात अच्छे लोगो का दुःख बस कुछ क्षण का हैं जो अभी आपको लम्बे अवधि कि प्रतीत हो रही वो किस क्षण दुःख से सुख में बदल जाए इसका अनुमान किसी को नहीं मगर सबसे बड़ी बात तो ये हैं कि अच्छे लोगो का स्थान सदा ईश्वर के करीब होता हैं मगर बुरे लोगो का स्थान सदा ईश्वर से दूर रहता हैं। अर्थात भले ही आपकी अच्छाईयों से आपको अनेको सुख सुविधा पूर्ण जीवन अभी प्राप्त नहीं हुआ मगर जो सबसे अनमोल हैं वो ये कि ईश्वर आपके अच्छे कर्मो के ही कारण आपके निकट होते हैं मगर आप उन्हें पहचान नहीं पाते ना ही उन्हें महसूस कर पाते हैं। यदि कोई मनुष्य बुरे कर्मो के बावजूद ईश्वर की पूजा और भक्ति कर रहा इससे ये सिद्ध नहीं होता कि वो ईश्वर को प्रसन्न कर रहा ऐसे मनुष्य बस अपनी तसल्ली के लिए पूजा और भक्ति करते हैं मगर ईश्वर तो बिना पूजा के भी बिना किसी चढ़ावे के भी अपने सच्चे और नेक भक्तो और सन्तानो पर ईश्वर प्रसन्न रहते हैं। ये कलयुग का कालचक्र हैं इसलिए ईश्वर अपने वचनो और वरदानो के समक्ष शांत हैं इस कली के काल में बुराई के मार्ग पर चलने वाला अनेको सुख सुविधा और धन दौलत से परिपूर्ण जीवन बिता रहे मगर अंत में ईश्वर का न्याय अपने सच्चे और नेक सन्तानो के हित में ही होना तय हैं जो बुरे इंसानो को अभी स्वर्ग और अमृत तुल्य प्रतीत हो रहा वही आगे चल कर विष और नर्क के समान प्रतीत होगा जो अभी अच्छे लोगो को विष के समान प्रतीत हो रहा आगे चल कर वही अमृत के समान प्रतीत होगा। ईश्वर के सच्चे भक्तो ईश्वर यहीं हैं वो बस आपसे यही कहना चाहते हैं जो नेकी और सदाचार आपने सदैव किया वही करते रहना खुद को अपने अच्छे विचारो और संस्कारो को किसी के कहने पर मत बदलना,क्योकि बुराई कि अवधिकाल अधिक नहीं मगर अच्छाई कि उम्र और अवधि सदैव स्थायी और लम्बी होती हैं और सदा ही रहेगी।
The many desires of every human being living on this earth keep him entangled in his illusion. If you think about it, there is no limit to the desires, every moment many thoughts arise in a person's mind, from those thoughts many desires arise and if a person's desire is not fulfilled then he curses his fate. When their desires are not fulfilled, people blame God also. Why doesn't any human being think that why would God be responsible for your sorrow? God has given you this precious life, God's work was only this much, the rest is the journey of you humans. When a person says that maybe his luck is bad or God has just written sorrow in his destiny, then God does not get angry at that person's thinking but rather he regrets that you are my child, you were created by me. Parents cannot think bad about their children nor can they write sorrow in their fate. I alone have given this choice to all my children, those children who will walk on the right path will always choose the path of religion, they are my children. You will be able to illuminate your life with happiness. Such people will ensure their own destiny through their own hard work and deeds. Yes, I believe that there are many people on this earth who are always following the path of evil and unrighteousness and are living a life full of every comfort and facility. They are insulting other people by considering them as lesser than themselves and are intoxicated with their ego. If they are always disrespectful to everyone then some good people feel that despite doing so many wrong deeds they are happy, but I thought about doing good all my life but I did not get good results from it. Has God fallen asleep in Kaliyuga? Can't they see all this? Dear good devotees of God, God has never discriminated against anyone nor will He ever do so. Because nothing is hidden from God's eyes, nor is any injustice, sin or injustice of this Kalyug hidden from God. The people who are living a comfortable life despite bad deeds are not permanent but the people who are living a sad life despite good deeds are temporary, that is, the sorrow of good people is only for a few moments, what seems to you to be of long duration. No one can predict at what moment the situation will change from sorrow to happiness but the biggest thing is that the place of good people is always close to God but the place of bad people is always away from God. That is, even if you have not yet got many comforts and luxuries in your life due to your good deeds, the most precious thing is that God is near you because of your good deeds, but you are not able to recognize him or feel him. If a person is worshiping and worshiping God despite doing bad deeds, it does not prove that he is pleasing God. Such people worship and worship only for their own satisfaction, but God is there even without worship and without any offering, God remains happy with his true and righteous devotees and children. This is the time cycle of Kaliyuga, hence God is calm in front of His words and blessings. In this Kali era, those following the path of evil are living a life full of many luxuries and wealth, but in the end, God's justice is in the interest of His true and righteous children. What seems like heaven and nectar to bad people now, will seem like poison and hell in the future, what seems like poison to good people now, will seem like nectar in the future. True devotees of God, God is here, he just wants to say to you, keep doing whatever goodness and virtue you have always done, do not change your good thoughts and values on the advice of anyone, because the duration of evil is not long but the life span of goodness is longer. The duration is always permanent and long and will last forever.
प्रत्येक मनुष्य को अच्छे कर्म निरंतर करते रहने चाहिए क्योंकि अच्छे कर्म का फल देर से सही लेकिन मिलता जरूर है।
ReplyDeleteआपका प्रत्येक लेख बहुत अच्छा होता है जितनी तारीफ की जाए कम है। आप निरंतर एसे प्रेरणादायक लेख लिखती रहें। 👍
Thank you so much....
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