हर पाप का अंत अवश्य होता हैं चाहे देर हो या शीघ्र मगर हर पापी का भी अंत अवश्य होता हैं। धन-दौलत,पैसा जायदाद के लिए मनुष्य अपनी पुरानी सभ्यता संस्कृति और संस्कार सब कुछ भूल चुके हैं। आए दिन न्यूज़ में अखबारों में हर जगह यही देखने और सुनने को मिलता हैं कि बेटे ने अपने माता-पिता को पैसो के लिए पिटा। हर दिन कोई ना कोई दर्दनाक घटना इस संसार में होती चली जा रही हैं जिसका अंजाम बहुत बुरा होने वाला हैं। कुछ तो शर्म होनी चाहिए ऐसे दुष्टो को जो अपने माता-पिता को बेरहमी से मार रहे उनका शोषण कर रहे। जिस माता-पिता ने तुम्हे ये जीवन दिया जिसने तुम्हे चलना सिखाया जो माता-पिता खुद ना खा कर अपना निवाला भी तुम्हे खिलाया बदले में तुमने उन्हें क्या दिया ?उनके उपकारों का ये सिला दिया ? ये गर्व कि बात नहीं ना ही कोई महानता का गुणगान हैं जो संतान अपने माता-पिता पर जुल्म कर रहे उनका जीवन और भविष्य पूरी तरह बर्बाद हो चूका हैं ऐसे पापी को ना कोई ख़ुशी प्राप्त हो सकती हैं,और ना ही सुख-शांति आजीवन ऐसे लोग ईश्वर के प्रकोप का भाजन बनते हैं ईश्वर के कठोर दंड के अधिकारी बनते हैं। ये मत समझना कि जो हाथ आज तुमने अपने माता पिता पर उठाया हैं वो हाथ भविष्य में तम्हारे लिए सुरक्षित और सलामत रहेगा क्योकि संतान के हाथ माता-पिता कि सेवा के लिए उठना श्रेयकर माना जाता हैं। मगर जिस संतान के हाथ माता-पिता पर जुल्म अत्याचार के लिए उठ गए फिर वो हाथ कभी सलामत नहीं रहते। जुल्म और आतंक से संसार को यहाँ के प्राणियों को भयभीत करने वाले ये ना सोचना कि तुम सबसे बड़े और महान हो सब तुमसे भयभीत हैं। क्योकि तुमसे और सबसे बड़ा हैं वो ईश्वर हैं जिसने इस संसार कि नींव रखी और सबका निर्माण जिससे हुआ सबका संघार भी उससे ही होता हैं। परोपकार अच्छे कर्म ही आपकी ढाल हैं जो आजीवन आपकी रक्षा करता हैं मगर जिसने हर क्षण पाप और अन्याय किया हैं उसका अंत अत्यंत भयावह होता हैं। बुजुर्गो से माता-पिता से हर संतान को निस्वार्थ प्रेम करना चाहिए। क्योकि एकमात्र माता-पिता ही हैं जो अपनी संतान का कभी बुरा नहीं सोचते ,कभी अपनी संतान का तिरस्कार नहीं करते जिसकी दुआओ ने हर क्षण तुम्हारी रक्षा की हैं जिसने धुप में भी तुम्हे छाँव दिया हैं जिसने बार-बार तुम्हारे लड़खड़ाने पर तुम्हारा हाथ थाम कर तुम्हे चलना सिखाया हैं जिसने खुद भूखा रह कर तुम्हे अपने हिस्से का निवाला खिलाया हैं जिसने कई रात जाग कर तुम्हे चैन की नींद सुलाया हैं बड़े अफसोस कि बात हैं कि आज कि संतान अपने माता-पिता के त्याग, दुःख,दर्द ,ममता, प्यार और उपकार भूल चुके हैं। जो लोग प्रतिदिन अनेको बुरे कर्म करते हैं वो इस बात से बेखबर होते हैं कि हर क्षण उन्हें वो शक्ति देख रही जिसने समस्त प्राणियो कि संरचना की हैं जरा विचार करे जो घर आप बनाते हैं उसके एक-एक नुकसान और क्षति का हिसाब आप रखते हैं जब आपका मकान ज्यादा क्षतिग्रस्त होने लगता हैं तो आप उसे पूरी तरह तोड़ कर फिर से नया और मजबूत बनाने का प्रयास करते हैं तो कोई ये क्यों नहीं सोचता यदि एकमात्र घर के लिए आप ऐसा निर्णय ले सकते हैं तो जिस महाशक्ति ने इस पूरी दुनिया को बनाया हैं हर क्षण इस दुनिया में हो रहे पाप अन्याय अधर्म और जुल्म को देख कितनी दुःखी और कुपित होगी वो चाहे तो एक पल में समस्त संसार का विनाश कर पुनः सृजन कर सकती हैं मगर वो एक मौका देती हैं अपनी संतान को सही और उचित मार्ग पर आने का उन्हें सही रास्ता दिखाने का यदि संतान नहीं मानते तो फिर उस महाशक्ति को भी कठोर निर्णय लेना पड़ता हैं।
इसलिए वक़्त रहते अपने हर बुरे कर्मो का त्याग कर दे अपने माता-पिता का सम्मान करना सीख जाए ,इसी में सबका और इस जगत का कल्याण निहित हैं।
Every sin has an end, whether it is late or soon, but every sinner also has an end. For the sake of wealth, money and property, people have forgotten their old civilization, culture and values. Every day we see and hear everywhere in the news that a son beats his parents for money. Every day some painful incident is happening in this world whose consequences are going to be very bad.There should be some shame on such evil people who are brutally killing their parents and exploiting them. The parents who gave you this life, who taught you to walk, who fed you even their own morsel without eating themselves, what did you give them in return? Did you give them this lesson for their gratitude?This is not a matter of pride nor is it an praise of greatness. The life and future of those children who are oppressing their parents is completely ruined. Such sinners can neither get any happiness nor peace and happiness throughout their life. Such people become victims of God's wrath and become worthy of God's harsh punishment. Do not think that the hand you have raised against your parents today will remain safe and secure for you in the future because it is considered auspicious for the children to raise their hands to serve their parents. But the hands of the children who have raised their hands to torture their parents never remain safe.Those who frighten the living beings of the world with oppression and terror, do not think that you are the biggest and greatest, everyone is afraid of you. Because the God who is greater than you is the one who laid the foundation of this world and from whom everything was created and everything is destroyed only by him. Charity and good deeds are your shield which protects you throughout your life but the one who has committed sin and injustice every moment, his end is very dreadful. Every child should love his parents and elders selflessly. Because they are the only parents who never think bad of their children, who never despise their children, whose prayers have protected you every moment, who have given you shade even in the sun, who have held your hand again and again when you faltered. Who has taught you to walk, who himself has fed you his share of food while being hungry, who has kept you awake many nights and made you sleep peacefully. It is a matter of great regret that today's children are the victims of their parents' sacrifice, sorrow, pain, affection, love. and have forgotten the gratitude. People who do many bad deeds every day are unaware that every moment they are being watched by the power which has created all the living beings. Just think, you keep track of every loss and damage of the house you build. When your house starts getting badly damaged, you try to completely demolish it and make it new and strong again, then why doesn't anyone think that if you can take such a decision for the only house, then the superpower which has ruled this entire world. How sad and angry she would be after seeing the sins, injustice, injustice and oppression happening in this world every moment. If she wanted, she could destroy the entire world in a moment and recreate it, but she gives one chance to her children on the right and proper path. But if they do not accept their children to show them the right path to come, then that superpower also has to take tough decisions.
Therefore, give up all your bad deeds in time and learn to respect your parents, in this lies the welfare of everyone and this world.
प्रत्येक व्यक्ति को अपने माता-पिता को हर सुख देना चाहिए सदा उनका सहयोग करना चाहिए जो संताने अपने माता-पिता पर हाथ उठाते हैं उनका भयानक विनाश होता है
ReplyDeleteबहुत प्रेरणादायक लेख 👍
You are Absolutely Right... Thank You so much...
Delete