परिवार का महत्व क्या होता हैं और परिवार का सही अर्थ क्या हैं ये आज कि दुनिया में लोग भूल चूके हैं। एक खाली वीरान सा स्थान जहाँ आपने अपने रहने के लिए बहुत कठिनाइयों से एक मकान का निर्माण कराया ताकि आप उसमे अपने कुटुंब के साथ रह सको। मकान तबतक एक घर नहीं कहलाता जबतक उसमे रहने वाले लोगो में उनके रिश्ते मजबूत नहीं होते। जब आप अपने माता-पिता भाई-बहन का दिल से सम्मान नहीं करते या आप उनसे नफरत कि भावना रखते हैं तो इसका अर्थ यही होता हैं कि आपके लिए आपका परिवार कुछ मायने नहीं रखता और आप केवल अपने स्वार्थ के लिए जीते हो। जो संतान अपने माता-पिता भाई-बहन का नहीं हुआ वो किसी अन्य रिश्ते के लायक क्या होगा ? आजकल लोग लोभ-लालच वश अपने सभी रिश्ते रखते हैं। आज कि दौर में लोग बस पैसे को ही अपना परिवार अपना सबकुछ मानते हैं। यदि कोई बाहरी इंसान आ कर कह दे तुम अपने परिवार से सारे रिश्ते खत्म कर दो या उनका क़त्ल कर दो तुम्हे बहुत पैसे दूँगा तो लोग इसके लिए भी तैयार हो जाएंगे। कुछ ऐसे भी लोग आज इस धरा पर मौजूद हैं जो अपने परिवार के लिए अपनी जान तक न्यौछावर कर सकते हैं जिन्हे पैसो से कही अधिक अपने परिवार से प्यार हैं ऐसे लोग कभी पैसे को इतना महत्व नहीं दे सकते जितना वो अपने कुटुंब को देते हैं। ऐसे लोग कोई आम इंसान नहीं कहलाते क्योकि जिस मानव में मानवता का वास होता हैं वो कोई साधारण इंसान नहीं होता। परिवार का अर्थ होता हैं वो अटूट बंधन वो पवित्र रिश्ता जिसे ना ही कोई तोड़ सकता हैं और ना ही कभी अलग कर सकता हैं। परिवार एक ऐसा समूह हैं जिसमे गम हो या ख़ुशी उनके साथ हर परिस्थिति में भी आनंद आता हैं। परिवार वो डोर हैं जो प्रत्येक सदस्य को एक दूसरे से एक मजबूत डोर में बाँध कर रखता हैं। परिवार एक ऐसा अटूट बंधन हैं जिसमे बंधने के बाद यदि कोई उस बंधन से बाहर आना चाहता हैं तो वो चाह कर भी उससे बाहर नहीं आ सकता। मगर जब आपके मकसद और आपके इरादे नेक नहीं होते तो इस बंधन से एक भी सदस्य यदि बाहर आ जाए तो पूरा परिवार बिखर कर विलग हो जाता हैं फिर चाह कर भी कोई उस मजबूत,पवित्र और अटूट बंधन में दुबारा नहीं बंध पाता। प्रेम का धागा ऐसा धागा होता हैं जो एक बार टूट गया तो दुबारा जुड़ नहीं सकता यदि जुड़ भी गया तो उसमे गाठ अवश्य पड़ जाती हैं फिर वो रिश्ता ना ही पहले कि तरह मजबूत रह पाता हैं और ना ही उसमे प्रेम का कोई स्थान बचता हैं। आजकल परिवार बस नाम के रह गए हैं इन दिनों बहुत कम ऐसे परिवार हैं जो आज भी प्रेमपूर्वक साथ रहते हैं। इंसान जैसा शुरू से रहते आया हैं उसे हर पल वैसे ही रहना सही होता हैं। इंसान के व्यवहार उसकी सोच कभी बदलनी नहीं चाहिए मगर जो इंसान अपने निजी स्वार्थ के लिए या किसी के कहने पर खुद को बदल ले तो वो ना ही अपना भला कर सकता हैं ना ही किसी अन्य का। आपका परिवार और आप चाह कर भी अलग नहीं हो सकते क्योकि भले ही आप अपने माता-पिता को महत्व ना दे अपने परिवार को महत्व ना दे मगर इस दुनिया में जबतक आप जीवित हैं आपका नाम और आपकी पहचान आपके माता-पिता से जुड़ी रहेगी आप किसी भी स्थान पर जाएंगे आपकी पहचान आपके परिवार से ही होगी। परिवार वो होता हैं जो आपके दुःख में साथ देता हैं यदि परिवार के रहते आपको किसी बेगाने से मदद मांगनी पड़े तो इससे दुःख और शर्म कि अन्य कोई बात हो ही नहीं सकती। परिवार से ही आपका संसार हैं और परिवार से ही समाज में आपका सम्मान हैं।
धन-दौलत,पैसे आपकी पहचान नहीं कराते बल्कि आपकी पहचान आपके व्यवहार आपके परिवार से होता हैं।
In today's world, people have forgotten what is the importance of family and what is the true meaning of family. An empty, deserted place where you built a house with great difficulty so that you could live in it with your family. A house is not a home unless the people living in it have strong relationships. When you do not respect your parents, brothers and sisters from your heart or you have a feeling of hatred towards them, it means that your family means nothing to you and you live only for your own selfishness. If a child does not belong to his parents or siblings, how would he be worthy of any other relationship? Nowadays people keep all their relationships out of greed. In today's times, people consider only money, their family as their everything. If some outsider comes and says that you break all relations with your family or kill them and I will give you a lot of money, then people will be ready for this also. There are some people present on this earth today who can even sacrifice their lives for their family, who love their family more than money. Such people can never give as much importance to money as they give to their family. Such people are not called ordinary people because the human being in whom humanity resides is not an ordinary human being.The meaning of family is that unbreakable bond, that sacred relationship which can neither be broken nor separated by anyone. Family is a group in which there is joy in every situation, be it sadness or happiness. Families are the strings that bind each member to each other in a strong thread. Family is such an unbreakable bond that if someone wants to come out of that bond, then he cannot come out of it even if he wants to. But when your motives and your intentions are not pure, then if even one member comes out of this bond, then the whole family gets scattered and separated, and even after trying, no one is able to get tied again in that strong, sacred and unbreakable bond.The thread of love is such a thread that once it is broken, it cannot be joined again. Even if it is joined, there will definitely be knots in it, then that relationship can neither remain as strong as before nor is there any place left for love in it. These days, families are just a name; these days there are very few families that still live together lovingly. It is right for a person to remain the same way as he has been living since the beginning. A person's behavior and thinking should never change, but a person who changes himself for his personal interest or at someone's request can neither benefit himself nor anyone else.Your family and you cannot be separated even if you want, because even if you do not give importance to your parents or do not give importance to your family, as long as you are alive in this world, your name and your identity will remain linked to your parents. Wherever you go, you will be recognized only by your family. Family is the one who supports you in your sorrow. If you have to ask for help from a stranger while you are with your family, then there can be nothing more sad and shameful than this. Your family is your world and your family is your respect in the society.
Your wealth and money do not define you; your identity is determined by your behavior and your family.
हमें अपने परिवार के साथ हंसी खुशी के साथ रहना चाहिए क्योंकि परिवार ही हमारी पहचान है और परिवार हमारी शान है।
ReplyDeleteबहुत ही प्रेरणादायक लेख 👍
Thank you so much....
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