मनुष्य ना जाने अपनी कामयाबी पाने की चाह में कितनी मिन्नतें और परिश्रम करता हैं मगर जो उचित कर्तव्य हैं लोग अपने उस फर्ज और दायित्व से विमुख हो चुके हैं। क्या कभी किसी ने ये सोचा हैं कि दिन-रात कठिन परिश्रम के बावजूद भी यदि आपको आपके कार्य में सफलता प्राप्त नहीं हो रही तो उसका मुख्य कारण क्या हैं ?अक्सर लोग कामयाबी पाने की जूनून में अपने परिवार माता पिता को ही भूल जाते हैं। ज्यादातर लोग अपने घर के बड़े बुजुर्गो को वो प्यार और सम्मान नहीं देते जिनके वो हक़दार होते हैं। सदा स्मरण रखे संसार के हर मनुष्य को ये बात याद रखना चाहिए कि माता-पिता ही हमारे सबसे प्रथम गुरु होते हैं और माता-पिता का स्थान ईश्वर से भी बड़ा माना जाता हैं। माता-पिता के चरणों का आशीर्वाद और माता पिता कि सेवा करना ही हर संतान का मुख्य कर्तव्य होता हैं और जो संतान अपने बड़े बुजुर्गो कि सेवा करते हैं उनको सदा सम्मान देते हैं वो संतान सदा अपने हर मुश्किल से भी मुश्किल चुनौतियों को पार कर जाते हैं और सफलता हासिल कर पाने में सक्षम होते हैं। क्योकि आपकी सफलता की चाभी किसी अन्य के पास नहीं ना ही ईश्वर के पास हैं बल्कि आपके बहुत करीब हैं वो स्थान हैं आपके अपने माता पिता के चरणों की सेवा। चाहे आप अपनी सफलता के लिए किसी मंदिर मस्जिद चर्च या गुरुद्वारा जाए मगर आपकी दुआ तब-तक कुबूल नहीं होती जब-तक आपके शीश पर आपके माता-पिता का आशीर्वाद नहीं होता। एकमात्र पढ़ लिख कर बड़ी डिग्रीया हासिल कर लेने से कोई महान नहीं होता जब-तक उसके अंदर ये वास्तविक ज्ञान ना हो कि हमारे बड़े बुजुर्ग माता-पिता का सदा सम्मान करना हमारा फर्ज हैं और हमे आज जो भी हासिल हुआ हैं उसका पूरा श्रेय हमारे माता पिता का ही हैं यदि हमारे माता-पिता हमे पढ़ा लिखा कर इतना कामयाब नहीं बनाते तो आज हम इतने बड़े मक़ाम को हासिल ना कर पाते। जैसे आप युवा अनगिनत ख्वाब देखते हो कि हम कामयाब हो कर बहुत ऐशो आराम भरा जीवन बिताएंगे ठीक उसी प्रकार आपके माता-पिता ने भी अनगिनत ख्वाब संजोए होंगे कि जब उनकी संतान पढ़ लिख कर कामयाब हो जाएंगे तो अपने माता पिता के बुढ़ापे का सहारा बनेगे। जैसे बचपन से बड़े होने तक आपके माता पिता ने कई कठिनाइयों का सामना कर आपका पालन पोषण किया होगा आपको पढ़ाया होगा, ठीक उसी प्रकार संतान को भी अपने माता-पिता कि हर जरुरत का ख्याल रखना और माता-पिता का सदा सम्मान करना हर संतान का फर्ज और दायित्व होता हैं। मगर कुछ संतान अपने सही मार्ग से भटक गए हैं जिन्हे अपने कर्तव्यों का कुछ भी स्मरण नहीं रहा दुनिया की चकाचौंध में उलझ कर गैरो कि बातो को मान कर ये सोचते हैं कि मैं इतना सफल हो गया अब मुझे किसी की क्या जरुरत ऐसे में अपने माता पिता को घर में एक पुराने सामान और बोझ समझ कर उनके साथ बुरा बर्ताव करते हैं सही से भोजन नहीं देते ना ही प्रेम और सम्मान देते हैं। यही पाप हैं जो किसी भी संतान को पल भर में राजा से रंक बना सकता हैं, कामयाबी के शिखर से विमुख कर सकता हैं और आजीवन कष्ट दुःख भरा जीवन बिताने पर मजबूर कर सकता है।
People do not know how much pleading and hard work they do to achieve success, but people have turned away from their duties and responsibilities which are their proper duties. Has anyone ever thought that despite working hard day and night, if you are not getting success in your work, then what is the main reason for it? Often people forget their family and parents in their passion to achieve success. Most people do not give the love and respect to the elders of their house that they deserve. Always remember that every person in the world should remember that parents are our first teachers and the place of parents is considered greater than God. Blessings at the feet of parents and serving their parents is the main duty of every child and those children who serve their elders and always respect them, those children always overcome even the toughest challenges. and are capable of achieving success. Because the key to your success does not lie with anyone else nor with God, but that place is very close to you and is the service at the feet of your parents.Even if you go to any temple, mosque, church or gurudwara for your success, your prayers are not accepted unless you have the blessings of your parents on your head. No one becomes great just by studying and getting a higher degree unless he has the real knowledge that it is our duty to always respect our elders and our parents and whatever we have achieved today, the full credit goes to us. It's all about our parents. If our parents had not made us so successful by educating us, we would not have been able to achieve such a great position today.Just as you youth have innumerable dreams that after being successful, we will live a very luxurious and comfortable life, in the same way, your parents too must have harbored innumerable dreams that when their children become successful through education, they will become the support of their parents in their old age. . Just as your parents must have raised you facing many difficulties from childhood till growing up, they must have taught you that in the same way, every child must take care of every need of his/her parents and always respect their parents its their duty and responsibility.But some children have deviated from their right path, who do not remember anything about their duties, get entangled in the glamor of the world and believe in the words of others and think that I have become so successful, now why do I need anyone? Considering the father as an old item and a burden in the house, they misbehave with him, neither feed him properly nor give him love and respect. These are the sins that can turn any child from a king to a pauper in a moment, can divert him from the pinnacle of success and can force him to live a life full of pain and sorrow.
आपने बिल्कुल सही कहा जो संताने अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं जो अपने माता-पिता की सेवा करते हैं अक्सर वही लोग इस संसार में सफलता के शिखर तक पहुंचते हैं बहुत ही सुंदर लेख आपके द्वारा👍
ReplyDeleteThank you so much...
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