संसार में आप सभी ने ईश्वर के विभिन्न अवतारों और उनकी लीलाओ का वर्णन अनेको ग्रंथो में पढ़ा और सुना हैं मगर किसी को इस बात का अनुभव भी हैं कि ईश्वर कहाँ और किस स्थान पर निवास करते हैं ? वास्तविक सत्य क्या हैं ? इससे बहुत कम लोग ही अवगत होंगे। आप सब लोगो ने ईश्वर पर आधारित बहुत सी फिल्मो में देखा और सुना हैं कि ईश्वर का स्थायी निवास स्वर्गलोक में हैं इस धरा पर नहीं। आप सबको यही लगता हैं कि ये सच हैं कैलाश पर्वत पर महादेव, वैकुण्ठ में विष्णुदेव और ब्रह्मलोक में ब्रह्मदेव वास करते हैं। ये त्रिदेवो का स्थायी निवास हैं। अब मुझे एक बात बताए जब आप खुद के लिए और अपने समस्त परिवार के लिए जब एक घर का निर्माण करते हैं तो क्या आप उसे भूल जाते हैं ? क्या आपको आपके निवास स्थान से कोई लगाव और स्नेह नहीं होता ? चाहे आप किसी अन्य स्थान पर रहे मगर आपका ध्यान आपके द्वारा निर्मित उस गृह पर अवश्य होता हैं। ठीक वैसे ईश्वर भी जब इस सृष्टि कि रचना कर रहे थे उन्हें भी सभी प्राणियों से इस धरा से इतना ही लगाव और स्नेह था और सदा ही रहेगा। वो इस स्थान को कदापि नहीं भूल सकते ना ही इस सृष्टि के किसी प्राणियों से अपना रिश्ता खत्म कर सकते हैं। जरा इस बात पर भी विचार करे जब आपके घर पर आपके अपनों पर कोई आंच या मुसीबत आती हैं तो क्या आपको दुःख नहीं होता ? हाँ कभी किसी मज़बूरी या कारणवश आप शांत रहते हैं मगर अंततः आप कोई ना कोई समाधान अवश्य निकालते हैं। ठीक वैसे ईश्वर भी अपने हर भक्तो से अपनी हर संतान से एक समान ही स्नेह करते हैं यदि ईश्वर कि संतान मार्ग से भटक जाए उसे सही मार्ग भी दिखाते हैं अब ईश्वर के दिखाए मार्ग पर चलना या ना चलना बस संतान के हाथ में होता हैं। ईश्वर कहीं और नहीं आप सबके बहुत निकट हैं उन्हें इधर-उधर ढूँढे नहीं उन्हें बस महसूस करे। लोग कहते हैं कि इस कलयुग में कोई चमत्कार नहीं होता ईश्वर का इस धरा पर वास नहीं ना ही कोई कृपा मौजूद हैं मगर ये कहना तो अनुचित हैं क्योकि यदि ईश्वर नहीं हैं तो आप मनुष्य अबतक इस धरा पर कैसे टिके हो ? जब कोई गरीब असहाय व्यक्ति मदद के लिए पुकारता हैं और जब कोई नेक इंसान उस असहाय कि मदद करता हैं उसके परोपकार इस बात को दर्शाते हैं कि ईश्वर यहीं मौजूद हैं किसी ना किसी रूप में। जब आप अपने घर में अपने बड़े बुजुर्गो का सदा सम्मान करते हैं उनके विश्वास को बनाए रखते हैं आपके घर कि खुशहाली, सुख- शांति इस बात का प्रतीक हैं कि ईश्वर वहीं आपके निकट हैं। जब कोई इंसान अपनी समस्या का हल ढूँढ रहा और अचानक उसे कोई समाधान मिल जाए तो ये इस बात का संकेत हैं कि ईश्वर उसके बहुत निकट हैं जो ईश्वर ने उसे समाधान के रूप में ये एहसास दिलाया मगर बहुत कम ऐसे लोग हैं जो ईश्वर को समझ और महसूस कर पाते हैं। भले ही आपके पास अधिक धन-दौलत और पैसा नहीं मगर यदि आपके विचार बड़े और नेक हैं जो आपको सदा अच्छाई का रास्ता दिखलाते हैं तो ये भी इस बात का संकेत हैं कि ईश्वर आपके अंदर मौजूद हैं। संसार के हर भले और नेक इंसान जिनके दिलो में सदैव इंसानियत बसती हैं ईश्वर भी वहीं बसते।
ईश्वर को देख पाने कि क्षमता किसी में नहीं मगर ईश्वर को महसूस कर पाना हर मनुष्य के बस में हैं इसलिए ईश्वर को दुसरो के कहने पर यहाँ-वहाँ ढूँढे नहीं ईश्वर को समझे उनकी लीलाओ को समझे आपका साक्षात्कार स्वयं ही ईश्वर से हो जाएगा।
No one has the ability to see God, but it is within the power of every human being to feel God, therefore do not search for God here and there on the advice of others, understand God, understand His pastimes, you will have an encounter with God yourself.
बहुत प्यारा लेख आज मुझे ईश्वर के बारे में सच्चाई जानकर खुशी हुई मुझे भी लगता है ईश्वर हम सबके पास है हमें बस अच्छे कर्म करने चाहिए और उन्हें महसूस करना चाहिए। 👍
ReplyDeleteThank you so much....
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