संसार में हर प्राणी की भलाई इसी में हैं कि वो सदा धर्म का अनुसरण करे। क्योकि धर्म की एकमात्र ऐसा हैं जो ढाल बन कर आपकी रक्षा करता हैं। आप सब ने सुना और देखा भी हैं कि धर्म के पालक सदा ईश्वर की कृपा पाया करते हैं और स्वयं ईश्वर धर्म के पालक की रक्षा करते हैं। आखिर क्यों रावण के समस्त कुल का नाश हुआ ? आखिर क्यों महादेव का इतना बड़ा प्रतापी भक्त होने के बाद भी रावण का सर्वनाश होने से कोई रोक ना सका ? क्योकि रावण ने अधर्म का चयन किया और देवी सीता का छल से हरण करने का जघन पाप किया। क्यों महाभारत में श्री कृष्ण भगवान युद्ध में पांडवो का साथ देने का निर्णय किया क्योकि पांडव सदा धर्म और न्याय के रास्ते पर चले और सदैव धर्म का चयन किया। वहीं कौरवो ने अधर्म के रास्ते को चुना जिससे उनका सर्वनाश हुआ। असुरो में राजा बली क्यों प्रसिद्ध हैं क्योकि उन्होंने श्री विष्णु के कहने पर उनके वामन अवतार को अपना सब कुछ दान कर दिया था सदा उन्हें सम्मान दिया और श्री विष्णु के कहने पर पाताललोक में बस गए देवताओ से कोई अवरोध या युद्ध नहीं किया। तब उनसे प्रसन्न हो कर श्री विष्णु भगवान ने राजा बली को ये वचन दिया की सदैव श्री नारायण विष्णु उनके पाताल लोक की रक्षा उनके रक्षक बनकर करेंगे। राजा बली ने भी धर्म का ही चयन किया इस कारण देवो ने उन्हें एक असुर होते हुए भी सम्मान दिया। जो घटनाएं सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग में घटित हुई जो सज़ा एक अधर्मी को प्राप्त हुई वो आज इस कलयुग में भी प्राप्त होगी क्योकि ईश्वर नहीं बदलते ना ही उनका न्याय और नियम बदलता हैं बदलाव केवल युग और समय का हुआ हैं। इसलिए जो लोग अधर्म के मार्ग पर प्रसस्त हो कर अन्याय कर रहे किसी निर्दोष को सता रहे, अपने बुजुर्गो का अपमान कर रहे वो इस बात से बेखबर हैं की जब उनके पाप का घड़ा भर जाएगा तो ईश्वर की न्याय का चक्र स्वतः गतिमान हो जाएगा। ईश्वर कभी भी अन्याय सहन नहीं करते चाहे युग कितने भी बदल जाए मगर ईश्वर धर्म के रास्तो पर कोई बाधा उत्पन्न नहीं होने देते तथा जो धर्म के विरोधी होते हैं ईश्वर ऐसे अपराधी को कदापि क्षमा नहीं करते हैं। जब कोई इंसान गलत रास्ते पर चलता हैं या किसी पर जुल्म करता हैं तो वो खुश होता हैं कि इतना पाप कर के भी वो कितने खुशहाल जिंदगी बिता रहे ईश्वर भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते उन्हें लगने लगता हैं कि वो ईश्वर से बड़े हैं। मगर यह उनकी भूल हैं क्योकि असुर कलि के प्रभाव में आ कर जो पाप वो कर रहे उसका अंत बहुत भयावह होगा। जब मृत्यु किसी के नजदीक होती हैं तो व्यक्ति सहम जाता हैं और वो अपनी रक्षा के लिए विनती करने लगता हैं मगर जो बुरे कर्म और जो अधर्म करेगा उसकी भरपाई भी उसे ही करनी पड़ती हैं। क्योकि अधर्म का अन्धकार धर्म के दैविक ऊर्जा भरे प्रकाश को खुद में कैद नहीं कर सकता। जैसे आप कोई समान खरीद कर लाते हैं अगर वो सही और उचित नहीं होता तो आप या तो उसे फेक देते हैं या वापस कर आते हैं। आप जानबूझ कर विष का पान नहीं करेंगे मगर अनजाने ही सही जो अधर्म के मार्ग पर चल पड़े हैं, लोभ-लालच अहंकार, काम, क्रोध ने जिन्हे जकड़ रखा हैं उनके जीवन को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता एकमात्र उनके अच्छे कर्मो का और धर्म का चयन ही उनकी रक्षा कर सकता हैं, इसलिए फैसला उनके हाथ में हैं।
धर्म का चयन करना क्यों आवश्यक हैं ? ( Why Is It Necessary To Choose righteousness?)
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March 04, 2024
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The welfare of every living being in the world lies in always following Dharma. Because religion is the only thing which protects you by becoming a shield. You all have heard and seen that the guardians of religion always get the blessings of God and God himself protects the guardians of religion.After all, why was Ravana's entire clan destroyed? After all, why despite being such a great devotee of Mahadev, no one could stop Ravana from getting destroyed? Because Ravana chose unrighteousness and committed the heinous sin of abducting Goddess Sita by deceit.Why in Mahabharata, Lord Krishna decided to support Pandavas in the war because Pandavas always followed the path of religion and justice and always chose religion. Whereas the Kauravas chose the path of unrighteousness which led to their destruction.Why is King Bali famous among the demons because at the behest of Shri Vishnu, he donated everything to his Vaman incarnation, always respected him and at the behest of Shri Vishnu, did not create any obstruction or fight with the gods who settled in the underworld. Then, being pleased with him, Lord Shri Vishnu promised King Bali that Shri Narayan Vishnu will always protect him in the underworld by becoming his protector. King Bali also chose religion, that is why the gods respected him despite being a demon.The incidents that happened in Satyayuga, Tretayuga, Dwaparayuga and the punishment that an unrighteous person received will also be received in this Kalyug today because God does not change nor does His justice and rules change, only era and time have changed. Therefore, those people who indulge in the path of unrighteousness and persecute innocent people who are doing injustice, and insult their elders, are unaware of the fact that when the pot of their sins is filled, the wheel of God's justice will automatically start moving. God never tolerates injustice, no matter how the era changes, but God does not allow any obstacle to arise on the path of religion and God never forgives those criminals who are against religion.When a person follows the wrong path or commits atrocities on someone, he becomes happy that despite committing so much sin, he is living such a happy life that even God cannot harm him. He starts feeling that he is greater than God. But this is their mistake because the sins they are committing under the influence of Asura Kali will end in disaster. When death is near someone, the person gets scared and he starts pleading for his protection, but he has to compensate for the bad deeds and injustice done by him. Because the darkness of unrighteousness cannot capture the divinely energetic light of religion.Like when you buy something, if it is not right and proper then you either throw it away or return it. You will not drink poison knowingly, but those who have unknowingly walked on the path of unrighteousness, those who are held captive by greed, ego, lust and anger, no one can save their lives from getting ruined, only their good deeds and Only choice of religion can protect them, hence the decision is in their hands.
प्रत्येक मनुष्य को सदा सत्य मार्ग पर चलना चाहिए और ईश्वर का ध्यान करके अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए बहुत सुंदर संदेश दिया आपने इस लेख के माध्यम से👍👍
ReplyDeleteThank you..
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