अक्सर कुछ बाते जो आपके दिल को चोट पहुँचाती हैं किसी अपने के द्वारा कही गई हो या किसी दूसरे के द्वारा कही गई हो।
हो सकता हैं आपके अपनों के द्वारा कही गई बाते आपके हित के लिए हो मगर उनके कहने का तरीका सही ना हो क्योकि कभी-कभी कुछ अच्छी बाते किसी के भलाई के लिए यदि आप कहते हैं तो उसे कहने और समझाने का एक सही तरीका होना चाहिए जिससे किसी को तकलीफ भी ना हो और वो आपकी बातो से सहमत हो तथा वो आपकी बातो का अमल करे।
मगर कुछ लोग सही बात को भी गलत तरीके से कठोर शब्दों में कह देते हैं बिना विचारे कुछ भी बोल दिया करते हैं वो ये भी नहीं सोचते कि उनकी बातो का प्रभाव किसी पर कैसा होगा ? इस तरह लोग उनकी बातो पर अमल करेंगे भी या नहीं वो ऐसा बिल्कुल नहीं सोचते। दुनिया में हर कोई इंसान एक समान नहीं होता सबकी सोच एक समान नहीं होती हैं सबके समझने और समझाने का तरीका एक समान नहीं होता यही वजह हैं कि लोगो में एक दूसरे के प्रति गलतफहमिया हो जाती हैं और रिश्ते में दूरिया बढ़ जाती हैं।
यही कारण हैं आज दुनिया में एक दूसरे के प्रति लोगो में घृणा, ईर्ष्या,क्रोध और अहंकार उतपन्न होने लगे हैं।
कुछ लोग परिवार में जाने-अनजाने ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे उनके बीच दरार उत्पन्न होने लगती हैं।
सदैव एक बात याद रखे किसी भी चीज़ की अति अच्छी नहीं होती। अति का अर्थ हैं, अत्यधिक अर्थात अत्यधिक क्रोध अत्यधिक प्रसन्नता अत्यधिक उदासी अत्यधिक ईर्ष्या अत्यधिक अहंकार अत्यधिक नफरत अत्यधिक बोलना अत्यधिक खामोशी अत्यधिक प्यार अत्यधिक भोजन भी आपके लिए हानिकारक साबित होता हैं।
प्रत्येक चीज़ की एक सीमा निर्धारित की गई यदि सीमाओं को लांघने का प्रयास करोगे तो तुम्हारा जीवन असीमित दुःख को जन्म देगा जिससे तुम्हारा पूरा जीवन कष्ट में गुजरेगा। परिवार में हर सदस्य यदि एक दूसरे को एक समान प्यार और सम्मान देते हैं तो वो परिवार कभी बिखर नहीं सकता ना कोई बाहरी व्यक्ति आपके परिवार को आपसे कभी अलग कर सकता हैं इसलिए हमेशा एक बात अवश्य याद रखे यदि आपके परिवार के किसी सदस्य से कोई भी त्रुटि या भूल होती हैं तो आप उस सदस्य से ही इसका कारण पूछे उसने ये गलती क्यों की ?
किसी बाहरी व्यक्ति से उसकी चर्चा भूल कर भी ना करे क्योकि घर की बाते जब बाहर जाने लगती हैं तो उस वक़्त से ही आपके परिवार में दूरिया भी बढ़ने लगती हैं, परिवार का अर्थ क्या हैं एक ऐसा समूह जिसे कोई ना ही अलग कर सकता हैं और ना वो खुद कभी अपने परिवार को खुद से अलग कर सकता हैं जिसकी गलतियां हैं उसे सुधारने का कार्य भी भी एकमात्र वही कर सकता हैं ना कोई और कर सकता हैं।
इसलिए इस मूलमंत्र को याद रखे आप विनम्रता पूर्वक उस व्यक्ति से ही बात करे कठोर शब्दों का प्रयोग तबतक ना करे जबतक वो आपसे कठोर शब्द का प्रयोग नहीं करता हैं यदि किसी को उसके भूल का एहसास कराना हैं तो उसके लिए आपको उससे ही पूछना होगा जिसने वो भूल की हैं चाहे वो आपके घर का सदस्य हो या कोई अन्य यदि आप किसी दूसरे इंसान से उसकी भूल की चर्चा करेंगे तो इससे आपका भी सम्मान कम होगा साथ में आपके परिवार का भी जब आपके सदस्य को ये पता चलेगा तो वो अपनी भूल सुधारने के बजाय आपसे ही सवाल करेगा ऐसे में कोई भी व्यक्ति अपनी भूल को कदापि स्वीकार नहीं करता।
आखिर आपने अपने परिवार के लिए घर क्यों बनवाया ताकि आप सुरक्षित रह सके। मगर कुछ गलतियां कर आप अपनी ही खुशियों को दांव पर लगा देते हैं। कभी ऐसा भी होता हैं जब कुछ लोग आपकी खुशियाँ देख नहीं पाते हैं आपको जानबूझ कर तकलीफ देने के लिए या तो कुछ कड़वी बाते कहते हैं या कोई झूठी बाते बना कर आपको सच से गुमराह करने का प्रयास करते हैं। भगवान ने हर मनुष्य को दो आँखे, दो पैर,दो हाथ,दो कान,दिया हैं तो तुम मनुष्य दूसरो की कही बातो पर बिना सुने बिना देखे बिना जाने कैसे यकीन कर लेते हो ? यदि जिंदगी में सफल और खुशहाल जीवन जीना हैं तो ऐसे जियो जैसे एक निर्भय इंसान जीता हैं और निर्भय वही हो सकता हैं जो सदैव सत्य का पालन करता हैं क्योकि सच को किसी से डर नहीं और जहाँ पर डर नहीं वहाँ पर किसी दुःख का स्थान नहीं। क्या आपने कभी सोचा हैं आप जिसके लिए दुखी रहते हैं या जिनकी कठोर बातो को सोच कर सदैव तनाव में रहते हैं चाहे वो इंसान कोई अपना हो या कोई गैर यदि उसको आपकी सच में थोड़ी भी परवाह होती तो आपसे वो ऐसे लहज़े में बात नहीं करता।
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जानबूझ कर आपको दुःख देते हैं उन्हें पता हैं आप हर बात दिल पर लेते हो आप दिल के साफ़ हो आप उनकी बातो को दिल पर ले कर हर वक़्त दुखी रहोगे और आपको दुखी देख वो लोग खुश रहेंगे क्योकि लोग यही तो चाहते हैं जिन्हे आपसे आपकी खुशियों से ईर्ष्या होती हैं कि आप सदैव तनाव में अपना जीवन बर्बाद कर ले मगर आपको ऐसा नहीं करना हैं।
आप खुद से कहो मैं अपने जीवन में ये हक़ किसी को नहीं दूँगा कि कोई मेरी खुशियों को मुझसे दूर करने में सफल हो। क्योकि ये मेरी जिंदगी हैं फैसले भी मेरे होंगे, लोगो के नहीं ये जीवन मुझे ईश्वर ने प्रदान किया हैं मुझपे किसी बात का असर होगा भी तो बस उस ईश्वर का क्योकि ईश्वर की बाते सदा ही सबके हित के लिए होती हैं।
Often some of the things that hurt your heart may have been said by a loved one or by someone else.
It may be possible that the things said by your loved ones are for your benefit but the way they say them may not be right because sometimes if you say some good things for the welfare of someone then there should be a right way of saying and explaining it. So that no one faces any problem and he agrees with your words and implements your words.
But some people say even the right thing in the wrong way in harsh words, they say anything without thinking, they do not even think about what effect their words will have on someone. In this way, he doesn't think at all whether people will follow his words or not. Every person in the world is not the same, everyone's thinking is not the same, everyone's way of understanding and explaining is not the same, this is the reason why people have misunderstandings about each other and the distance in relationships increases.
This is the reason why hatred, jealousy, anger and ego have started arising among people towards each other in the world today.
Some people knowingly or unknowingly make such mistakes in the family which create rifts between them.
Always remember one thing, too much of anything is not good. Ati means excessive i.e. excessive anger, excessive happiness, excessive sadness, excessive jealousy, excessive ego, excessive hatred, excessive speaking, excessive silence, excessive love, excessive food also proves to be harmful for you.
A limit has been set for everything, if you try to cross the limits then your life will give rise to unlimited sorrow due to which your entire life will be spent in suffering. If every member of the family gives equal love and respect to each other, then that family can never disintegrate nor can any outsider separate your family from you, hence always remember one thing if any member of your family has any problem. If any error or mistake occurs then you should ask the reason from that member only, why did he/she commit this mistake?
Do not even by mistake discuss it with any outsider because when the family talks start going out, from that time the distance in your family also starts increasing.
What is the meaning of family? A group which no one can separate and Neither can he ever separate his family from himself, nor can anyone else do the work of correcting those who have made mistakes.
Therefore, remember this basic mantra, talk politely only to that person and do not use harsh words unless he uses harsh words against you. If you want to make someone realize his mistake, then for that you will have to ask the person who did it. Whether he is a member of your family or someone else, if you discuss his mistake with any other person, it will reduce your respect as well as that of your family. When your member comes to know about this, he will try to correct his mistake. Instead of questioning you, no person ever accepts his mistake.
After all, why did you build a house for your family so that you could be safe? But by making some mistakes you put your own happiness at stake. Sometimes it happens when some people are unable to see your happiness and to deliberately hurt you, they either say some bitter things or try to mislead you from the truth by creating false stories. God has given every human being two eyes, two legs, two hands and two ears, so how do you believe what others say without hearing or seeing? If you want to live a successful and happy life then live like a fearless person lives and only he can be fearless who always follows the truth because truth has no fear of anyone and where there is no fear there is no place for sorrow. Have you ever thought about the person for whom you feel sad or whose harsh words you think about? Whether that person is your own or someone else's, if he really cared about you at all, he would not have talked to you in such a tone.
There are some people who deliberately hurt you, they know that you take everything to heart, you are pure at heart, you will take their words to heart and will remain sad all the time and they will be happy to see you sad because this is what people do. So those who are jealous of your happiness want you to waste your life in constant stress but you don't have to do this.
You tell yourself that I will not give this right to anyone in my life to take my happiness away from me. Because this is my life, the decisions will also be mine, not the people's, this life has been given to me by God, even if anything affects me, it will only be of that God because God's words are always for everyone's benefit.
प्रत्येक व्यक्ति को बिना सोचे समझे कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए चाहे अपनों की बात हो या गैरों की हमें खुद अपने विवेक से सही फैसला करना चाहिए तभी रिश्ते हमेशा मजबूत बने रहते हैं। बहुत प्यार 👍लेख
ReplyDeleteThank you so much....
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