आपका घर एकमात्र सजावट करने से सुन्दर दृश्यमान नहीं होता हैं बल्कि आपके घर कि वास्तविक शोभा आपके बड़े बुजुर्गो से होती हैं। चाहे आप कितने पूजा पाठ कर लो जितनी मर्ज़ी तीरथ धाम कर लो मगर यदि आपने अपने बड़े बुजुर्गो का सदा तिरस्कार किया हैं तो आपका तीर्थ धाम किसी काम का नहीं अर्थात बड़े से बड़े तीर्थ धाम, बड़ी से बड़ी पूजा, व्रत-अनुष्ठान ये सब तबतक व्यर्थ हैं जबतक आप अपने बुजुर्गो का सम्मान करना नहीं सीखते। जैसे एक पौधा जब छोटा होता हैं तो उसके विस्तार हेतु आप उसकी बहुत देखभाल करते हैं ताकि वो सूखे और मुरझाए नहीं क्योकि वो पौधा आपके घर कि शोभा बढ़ाता हैं हरे-भरे पौधे आपके घर कि रौनक को बढ़ाते हैं जैसे-जैसे वो अपने विस्तार करता हैं बड़ा होने लगता हैं उसके विस्तार से आपको छाया मिलती हैं। ठीक उस पौधे कि भाति आपके बड़े-बुजुर्ग होते हैं वो आपको छाया प्रदान करते हैं जिस छाया में रहकर आप अनेको समस्याओं से सुरक्षित रहते हैं उनके आशीर्वाद और दुआए आपको जीवन में सफल बनाती हैं। संसार में बहुत से लोग इस बात और इस तथ्य से अनजान हैं कि बुजुर्गो के अंदर ईश्वर की विशेष अनुकंपा और दया पाई जाती हैं। मगर आजकल के मनुष्य जाति हर पल अपने बुजुर्गो का अपमान कर रहे हैं क्योकि वो ये सोचते हैं कि उनकी वृद्धावस्था हैं और वो कमजोर हैं बुजुर्गो को किसी सहारे कि जरुरत हैं, नौजवानो को नहीं। यह आजकल के नौजवानों की सबसे बड़ी भूल है। यह तो ईश्वर के द्वारा ली जाने वाली सबसे बड़ी परीक्षा हैं जो ईश्वर सभी मनुष्यो से लेते हैं। सत्य तो ये हैं जब एक बच्चे का जन्म होता हैं तो उसके बालपन से युवा होने तक जैसे उसके माता-पिता अपनी संतान का देखभाल करते हैं उसकी हर ख़ुशी हर ख्वाईशो को पूरी करते हैं अपनी संतान की परवरिश में माता-पिता कभी कोई कमी नहीं आने देते। माता-पिता अपने बच्चों के पालन-पोषण में कभी कोई कसर नहीं छोड़ते। माता-पिता का बचपन से अपनी संतान के प्रति वो प्यार,ममता दया भाव सराहनीय हैं जिसकी तुलना किसी दौलत और पैसो से कदापि नहीं की जा सकती हैं। जब आप इस दुनिया में आए आपका जब जन्म हुआ आपको पहचान और नाम आपके माता-पिता ने दिया आपके बालपन में आपकी सेवा देखभाल इतने लाड -प्यार से की कभी आपको कोई दुःख और तकलीफ नहीं महसूस होने दिया। उन्हें बहुत गर्व और खुशी थी कि बड़े हो कर आप उनके बुढ़ापे का सहारा बनोगे। माता-पिता कभी एहसान नहीं जताते उन्होंने आपके लिए इतना कुछ किया आपको पढ़ा-लिखा कर इस काबिल बनाया। मगर आप उनपे एहसान जता रहे उनकी सेवा करने के लिए भी आप तैयार नहीं वो आपके लिए बोझ बन गए। ऐसी सोच रखना अपने बुजुर्गो का तिरस्कार करना आपके भविष्य के लिए सही नहीं और ईश्वर की ली गई परीक्षा में भी आप असफल साबित हो रहे यही वजह हैं कि इस कलयुग में ईश्वर की छत्रछाया आप सभी से दूर होते जा रही हैं। एक बच्चे में और बुजुर्ग में थोड़ा फर्क रहता हैं क्योकि जब किसी का बुढ़ापा आता तो उसका दिल एक बच्चे की भाति कमजोर और नाजुक हो जाता हैं उन्हें हर छोटी-छोटी बाते कष्ट पहुँचाने लगती हैं थोड़ा प्यार भी उन्हें पल भर में खुश कर देता हैं। मैं इस तथ्य से भलीभाति अवगत हूँ, मैंने महसूस किया हैं बुजुर्गो की मौजूदगी में हमारा जीवन कितना खुशहाल और सुखमय होता हैं जब उनका साया हमसे दूर हो जाता हैं,तो हमारे घर में पहले जैसी कोई रौनक और खुशहाली मौजूद नहीं रहती हैं। बहुत खुशनसीब होते हैं वो लोग जिनके घरो में बुजुर्गो का साया होता हैं वक़्त रहते सीख जाओ उनकी कदर करना,उनका सम्मान करना अन्यथा आजीवन पश्चाताप की अग्नि में जलते रहोगे ,क्योकि इस संसार से जो एक बार चला गया वो दुबारा लौट कर नहीं आता हैं। बुजुर्गो की सेवा करने का मौका बार-बार नहीं आता ये ऐसा पुण्य हैं जो तमाम उम्र हर जन्म तक तुम्हारे साथ जाता हैं। ये तो दुनिया का दस्तूर हैं जो इस दुनिया में आया हैं उसे एक ना एक दिन जाना हैं ईश्वर के बनाए नियम अनुसार बालपन युवा और बुढ़ापा सभी का आता हैं मगर जिसने ईश्वर के बताए गए आदर्शो का और ज्ञान का अनुचित लाभ उठाया हैं, और सदा बुजुर्गो का अपमान किया हैं वो एक दिन अपने हर बुरे कर्मो के लिए शर्मिंदा अवश्य होने वाले हैं।
Your home does not look beautiful just by decorating it, but the real beauty of your home comes from your elders. No matter how much worship you do, you can do as many pilgrimages as you wish, but if you have always disrespected your elders, then your pilgrimages is of no use, that is, the biggest pilgrimage, the biggest worship, fasts and rituals, all this till are useless unless you learn to respect your elders. For example, when a plant is small, you take a lot of care of it for its growth so that it does not dry and wither because that plant enhances the beauty of your home. Lush green plants enhance the beauty of your home as it expands. It starts getting bigger and you get shadow from its expansion. Just like that plant, your elders are there, they provide you shade and by staying under their shade, you remain safe from many problems. Their blessings and prayers make you successful in life. Many people in the world are unaware of this fact that God's specific compassion and mercy is found in the elderly. But today's humans are insulting their elders every moment because they think that they are old and weak. The elders need some support, not the youth.This is the biggest mistake of today's youth. This is the biggest test that God takes from all human beings. The truth is that when a child is born, from childhood till adulthood, as his parents take care of their child, they fulfill his every happiness and every wish. Parents never leave any reduction in the upbringing of their children. The love and kindness that parents show towards their children since childhood is admirable, which can never be compared with any wealth and money.When you came into this world, when you were born, your parents gave you an identity and a name. During your childhood, you were looked after and cared for with so much love and care that you were never allowed to feel any sorrow or pain. He was very proud and happy that when you grow up, you will support him in his old age.Parents never show favors, they did so much for you and made you capable of this by educating you.But even though you are showing a favor to them, you are not ready to serve them, they have become a burden for you.Thinking like this, disrespecting your elders is not good for your future and you are proving unsuccessful even in the test taken by God, this is the reason why in this Kaliyuga, the protection of God is moving away from you all. There is a little difference between a child and an elderly person because when someone gets old, his heart becomes weak and fragile like a child, every small thing starts hurting him, even a little love makes him happy in a moment. .I am well aware of this fact, I have realized how happy and joyful our life is in the presence of elders. When their shadow goes away from us, then there is no glow and happiness in our house like before. Very lucky are those people who have elders in their homes. Learn to appreciate and respect them in time, otherwise you will keep burning in the fire of remorse throughout your life ,because once one leaves this world, it never comes back again. The opportunity to serve the elderly does not come again and again, it is a virtue that goes with you throughout your life and in every birth. This is the custom of the world, whoever has come into this world has to go one day or the other, according to the rules made by God, childhood, youth and old age come for everyone, but the one who has taken unfair advantage of the ideals and knowledge given by God, and always Those who have insulted the elders are definitely going to be ashamed of all their bad deeds one day.
बहुत ही प्रेरणादायक लेख बुजुर्गों के सम्मान में बहुत प्यार लेख.. जितनी तारीफ की जाए कम है। 👍
ReplyDeleteThank you so much....
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