जब भी किसी दूसरो को कष्ट में देख कर दुखी हो जाना, किसी दूसरे की समस्या का हल निकालना किसी की सहायता कर उसे प्रसन्न देख आपका प्रसन्न होना ये इस बात की ओर संकेत करता हैं की आप कोई साधारण इंसान नहीं हो सकते।
ये सारे दैविक परोपकार वाले गुण सबमे मौजूद नहीं होते। ये इस बात का प्रतिक हैं की आप ईश्वर के चुने हुए खास संतान हैं जो एक बड़ा कार्य करने हेतु इस धरा पर ईश्वर द्वारा भेजा गया हैं।जब कोई मनुष्य अत्यंत पीड़ा और दुःख में रहता हैं तो वो यही विचार करता हैं की कोई उसकी सहायता कर उसके पीड़ा से उसको मुक्त करे ईश्वर किसी ना किसी रूप में अपने भक्तो के लिए किसी ना किसी को फ़रिश्ते के रूप में अवश्य भेजते हैं, मगर बहुत कम लोग ही इस बात का अनुमान लगा पाते हैं। हर किसी को हर बात नहीं बताई जाती ये कभी मत भूलना यदि आपने किसी की सहायता की हैं तो आप हर जगह उसका प्रचार ना करे क्योकि पुण्य कर्म कर के उसका प्रचार करना आपके पुण्य को क्षीण कर देता हैं। ईश्वर तो सबकी सहायता करते हैं ईश्वर कभी उसे उजागर नहीं करते यहाँ तक की यदि ईश्वर आपकी भी सहायता करते हैं तो आपको भी पता नहीं चलता कब कैसे आपकी समस्या का समाधान निकल आया। यही तो कहलाता हैं पुण्यशील कर्म की पहचान।
जिंदगी के भागदौड़ में मनुष्य इतना उलझ जाता हैं की उसे ये खबर नहीं होती उसके अपने परिवार में किसे कौन सी समस्या सता रही हैं मगर इतने भागदौड़ वाली जिंदगी में यदि आप अपनों के साथ-साथ किसी अन्य मनुष्य की भी दुःख को कम करने की वजह बनते हैं तो यकीन माने ये गुण यही दर्शाता हैं की आप एक असाधारण इंसान हैं प्रतिपल आपके साथ कोई ना कोई दैविक शक्ति अवश्य रहती हैं।
अपने सरल व्यवहार और अच्छे संस्कार से कोई भी इंसान ईश्वर को अपने करीब महसूस कर सकता हैं, क्योकि मंत्रो से पूजा से अनुष्ठान से और तप से आप वरदान पा सकते हैं मगर सदैव ईश्वर को अपने नजदीक नहीं। ईश्वर को यदि पाना हैं तो अपने मन को पवित्र बनाने का प्रयास करो दूसरो की दुःख की वजह ना बन कर उनकी खुशी की वजह बनो। यदि आपमें ऐसे गुण मौजूद हैं यदि आपमें सबके प्रति सम्मान और दयाभाव हैं तो आप कोई साधारण इंसान नहीं।
ईश्वर को प्रसन्न किसी की पूजा अनुष्ठान और 56 भोग नहीं करते हैं बल्कि मनुष्य का सरल स्वाभाव अच्छे कर्म ही उसे ईश्वर के करीब लाते हैं मनुष्य का कर्म ही उसकी पूजा हैं। यदि आप बुजुर्गो के प्रति सदा सम्मान की भावना रखते हैं यदि उनकी सेवा कर आपको प्रसन्नता महसूस होती हैं तो ये संकेत हैं आप एक असाधारण इंसान हैं जिसके ऊपर ईश्वर का हाथ हैं जिसके साथ सदैव ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद रहता हैं।
यदि दूसरे का धन देख आपके मन में ईर्ष्या या लालच नहीं आता तो ये इस ओर ही संकेत करता हैं आपमें कोई ना कोई दिव्य शक्ति का वास हैं जो आपको एक असाधारण इंसान बनाता हैं।
यदि आप अपने परिवार के सभी सदस्यों साथ कोई ईर्ष्या और नफरत जैसी भावना नहीं रखते हैं यदि आप अपने भाई-बहन,माता-पिता सबके लिए सम्मान और प्यार को अपने दिल में बसाए रखते हैं तो यकीन माने आप कोई साधारण इंसान नहीं हो सकते। क्योकि परिवार और परिवार में एकता का वास होना ये सबके लिए संभव नहीं होता हैं परिवार से बड़ी दौलत इस संसार में कही नहीं होता हैं।
क्या करेंगे आप इतनी दौलत की जब आपका परिवार ही सुखी संपन्न नहीं ? अपने लिए तो सब जीते हैं मगर जो दूसरो के लिए जीता हैं हकीकत में वही अपने जीवन को सार्थक बनाता हैं।
यदि आपकी सोच और आपके विचार सभी के लिए एक समान हैं यदि आप किसी की मदद करने के बाद कभी किसी पर एहसान नहीं जताते यदि आप किसी को खुद से छोटा नहीं समझते यदि आप किसी गरीब अमीर में भेदभाव नहीं करते तो आपके ये गुण इस ओर ही संकेत करते हैं की आप संसार में किसी बड़े उदेश्य को ले कर आए हैं तभी इतने असाधारण गुण व्यवहार और आदते आपमें समाए हैं।
अपना जीवन तो सब बेहतर बनाते हैं मगर जो दूसरो के जीवन को बेहतर बनाता हैं वो अपनी अलग पहचान सबके दिलो में बनाता हैं जो दूसरो की मुसीबत में उनकी मदद करता हैं उसकी हर मुसीबत में ईश्वर स्वयं उसकी मदद के लिए आ जाते हैं क्योकि एक साधारण इंसान हो कर भी यदि आपमें ऐसे असाधारण गुण हैं तो आप एक दिव्य शक्ति के संरक्षण में हैं।
जब आपका जन्म हुआ आपको नाम और पहचान आपके माता पिता से मिली मगर यही आपका कर्तव्य शुरू होता हैं जैसे आपके माता पिता के द्वारा आपको समाज में अपनी पहचान मिली वैसे आपको कुछ ऐसा करना चाहिए की आपके अच्छे कर्मो के फलस्वरूप ये दुनिया आपको एक नई पहचान और नया नाम दे क्योकि जब आप कभी अपने घर से बाहर निकलते हैं लोग आपको यही कहते हैं की आप उनके बेटे हो आपके पिता बहुत अच्छे नेक इंसान हैं जिसे सुन कर आपको गर्व होता हैं ठीक वैसे जब आपके माता पिता कही भी जाए तो लोग यही कहे आप उनके माता पिता हैं आपके बेटे का तो दूर-दूर तक नाम और सम्मान हैं जिसे सुन कर आपके माता पिता को आप पर फक्र हो क्योकि जब आप छोटे थे आपको पहचान आपके माता-पिता से मिली मगर बड़े हुए आपके अच्छे कर्मो से आपके माता-पिता को एक नई पहचान मिली जो किसी भी माता-पिता के लिए अत्यंत गर्व की बात होती हैं।
जिनके माता-पिता को इस संसार में एक कर्तव्यनिष्ठ संतान मिली हैं वो माता-पिता ना तो एक साधारण इंसान हो सकते हैं ना ही उनकी संतान एक साधारण इंसान हो सकती हैं। क्योकि अच्छे कर्म से ही किसी को भी अच्छी संतान की प्राप्ति होती हैं।
Whenever you become sad after seeing someone else in pain, find a solution to someone else's problem, or feel happy after seeing someone else happy by helping him, it indicates that you cannot be an ordinary person.
All these qualities of divine benevolence are not present in everyone. This is a symbol of the fact that you are God's chosen special child who has been sent by God to this earth to do a great work. When a person is in extreme pain and sorrow, he thinks that someone should help him and free him from his pain. In some form or the other, God definitely sends someone in the form of an angel to his devotees, but Very few people are able to guess this. Never forget that not everything is told to everyone, if you have helped someone, then do not publicize it everywhere because publicizing it after doing a good deed dilutes your virtue. God helps everyone, God never reveals it, even if God helps you, you don't even know when and how the solution to your problem was found. This is what is called the recognition of virtuous deeds.
Man gets so entangled in the hustle and bustle of life that he does not know what problems are troubling him in his family, but in such a hectic life, if you find a reason to reduce the suffering of your loved ones as well as any other person. If you become one, then believe me, these qualities show that you are an extraordinary person, some divine power definitely stays with you every moment.
Any person can feel God close to him with his simple behavior and good deeds, because you can get boon through mantras, worship, rituals and penance, but God is not always close to you. If you want to find God, then try to make your mind pure. Do not become the reason for the sorrow of others, but become the reason for their happiness. If you have such qualities, if you have respect and kindness towards everyone, then you are not an ordinary person. It is not the worship of anyone who pleases God, rituals and 56 indulgences, but man's simple nature and good deeds that bring him closer to God. Man's deeds are his worship. If you always have respect for the elders, if you feel happy by serving them, then these are signs that you are an extraordinary person on whom God's hand is upon you and who always has God's grace and blessings.
If you do not feel jealous or greedy after seeing someone else's wealth, then it indicates that some divine power resides in you which makes you an extraordinary person. If you do not have any feelings of jealousy and hatred towards all the members of your family, if you keep respect and love for your brothers, sisters, parents in your heart, then believe me you cannot be an ordinary person. Because it is not possible for everyone to have family and unity in the family, there is no greater wealth in this world than family.
What will you do with so much wealth when your family is not happy and prosperous? Everyone lives for themselves, but those who live for others actually make their life meaningful. If your thinking and your thoughts are the same for everyone, if you never show favor to anyone after helping someone, if you do not consider anyone lesser than yourself, if you do not discriminate between the rich and the poor, then these qualities of yours are towards This indicates that you have come into this world with some great purpose, that is why you have so many extraordinary qualities, behavior and habits.
Everyone makes their own life better but the one who makes the life of others better makes his own identity in everyone's heart. The one who helps others in their trouble, God himself comes to help him in every trouble because he is an extraordinary person. Despite being a human being, if you have such extraordinary qualities then you are under the protection of a divine power.
When you were born, you got your name and identity from your parents, but this is where your duty begins. Just as you got your identity in the society through your parents, you should do something that as a result of your good deeds, this world gives you a new identity. And give a new name because whenever you go out of your house, people tell you that you are their son, your father is a very good and noble person, hearing which you feel proud. Similarly, whenever your parents go anywhere, people say the same thing. Say that you are their parents, your son has name and respect far and wide, hearing this, your parents should be proud of you because when you were young, you got recognition from your parents but as you grew up, you got recognition due to your good deeds. Parents got a new identity which is a matter of extreme pride for any parent.
Those whose parents have blessed a dutiful child in this world can neither be an ordinary human being nor their child can be an ordinary human being. Because only through good deeds one gets a good child.
प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में निरंतर अच्छे कर्म करने चाहिए और गरीब, बेसहारों की सेवा करनी चाहिए तभी हमारे इस कार्य से ईश्वर खुश होते हैं। बहुत ही सुंदर लेख आपके द्वारा
ReplyDeleteThank you so much....
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