आप उन चीज़ो को अपने जीवन में महत्व देते हैं जिसका वास्तिविकता में कुछ खास महत्व नहीं होता। आप उन लोगो के पीछे भागते हैं जिन्हे आपके होने ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। आखिर इस दुनिया में लोगो में इतनी महत्वाकांक्षा उन चीज़ो के लिए ही क्यों उत्पन्न होती हैं जिसकी इतनी आवश्यकता नहीं होती मगर फिर भी लोग उनकी पूर्ति हेतु अपना समय अपना चैन-आराम सब गवा देते हैं ? जहाँ ज्यादा भीड़ खड़ी होती हैं लोग वहां इकट्ठे क्यों होते हैं ? क्योकि लोगो में एक कौतुहल होती हैं ये जानने कि आखिर वहां हो क्या रहा ? आखिर इतने लोग वहां क्यों एकत्रित हैं ? आखिर आप भीड़ का सहारा क्यों बनना चाहते हैं ? आप वो बनो जिससे मिलने के लिए एक लम्बी कतार में लोग एकत्रित हो। आप जितना अपना क़ीमती वक़्त उन लोगो के पीछे बर्बाद करते हो जिन्हे आपकी कोई परवाह नहीं आप उस क़ीमती वक़्त को खुद के भविष्य को सवारने में क्यों नहीं लगाते जिससे आपकी क़ीमत लोगो को पता चले। क्यों आप मनुष्यों ने सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ रखा हैं ? आप खुद अपने भरोसे को क्यों नहीं आजमाते ? आप स्वयं खुद को अहमियत क्यों नहीं देते ? आप क्यों लोगो का इंतेजार करते हो कि लोग आपको अहमियत दे ? आप मनुष्यों में ये विचार क्यों विद्यमान रहता हैं कि कोई आपका सहारा बने ? जब ईश्वर ने आपको शरीर से सही सलामत बनाया हैं आपको ये मानव शरीर दिया हैं फिर भी आप अपने कार्यो के लिए यहां तक कि अपनी खुशियों के लिए भी दुसरो पर आश्रित हो आखिर ऐसा क्यों ? जो मानव अपने शरीर से स्वस्थ नहीं जो शरीर से अपंग होते हैं वो मनुष्य दुसरो पर निर्भर होते हैं। मगर जब ईश्वर ने आपको अच्छी काया दी हैं तो आप फिर भी असंतुष्ट क्यों रहते हैं ? ज्यादातर मनुष्य जाने-अनजाने कुछ ऐसी भूल कर रहे जिसके फलस्वरूप उन्हें अनगिनत समस्याओं और उलझनों से गुजरना पड़ रहा हैं फिर भी वो हकीकत से दूर हैं। समय इतनी तेज रफ्तार से आगे बढ़ते जा रहा मगर लोग आज भी वही अटके पड़े हैं। आज के दौर में कोई अपना समय किसी को नहीं देना चाहता लोग जैसे पैसे कि कीमत लगाते हैं ठीक वैसे किसी इंसान को हौसलासाहि देने में भी लोग अपना वक़्त बर्बाद नहीं करना चाहते क्योकि लोगो में जलन अहंकार और नफरत प्रतिदिन जागृत होते जा रही हैं। क्या आपको पता हैं सारी समस्याओं का हल आपके पास मौजूद हैं मगर आप उससे अनजान हैं ? जैसे आपका दिमाग आपसे काम करवाता हैं ठीक वैसे आप अपने दिमाग से वो काम करवा सकते हैं जिससे आप स्वयं अपने भविष्य को सवार सकते हैं। आपके सोचने कि शक्ति जितनी सकारात्मक रूप लेगी उतनी ही आपकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आपको नजर आना शुरू हो जाएंगे। अपने दिमाग से जिस दिन आपने भय को निकाल दिया उस दिन से आपका दिमाग आपको किसी भी चीज़ से भयभीत नहीं होने देगा। आप जितना वक़्त दुसरो के पीछे भागने में लगाते हैं उतना वक़्त आप खुद के पीछे लगाए फिर देखे लोग खुद ही आपके पीछे-पीछे खींचे चले आएंगे। आप जो प्रोत्साहन दुसरो से चाहते हो वो प्रोत्साहन आप खुद से स्वयं को देना शुरू करे फिर आप दुसरो के उम्मीद के सहारे जीना छोड़ देंगे।
जो प्यार और बदलाव अपने जीवन में आप लाना चाहते हैं उसकी पहल आपको सर्वप्रथम स्वयं के भीतर तलाश करनी होगी क्योकि आपकी यही तलाश आपको आपके सही मंज़िल का पता बताएगी।
The love and change that you want to bring in your life, you will first have to search within yourself because this search of yours will tell you the address of your true destination.
आपका लेख बहुत प्रेरणादायक है मैं आपका प्रत्येक लेख पढ़ता हूं आपके लेख की जितनी तारीफ की जाए कम है, आप गूगल पर सबसे अच्छी लेखक है।👍👍
ReplyDeleteThank you so much.....
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