क्यों हैं अनिवार्य ईश्वर की पूजा ? ( Why is worship of God mandatory?)

Snehajeet Amrohi
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ईश्वर ने इस संसार को बनाया यहां तक कि सभी जीव-जंतु पेड़ पौधे तथा मनुष्यो का भी सृजन किया। क्या कभी किसी ने सोचा हैं कि क्यों ईश्वर ने इस संसार में आप सबको भेजा आपका सृजन किया ? जब आप अपने समस्त परिवार के लिए एक गृह का निर्माण करते हैं तब आपको बहुत खुशी होती हैं कि आपका पूरा परिवार इस गृह में सुखी संपन्न रहेंगे। कोई भी सदस्य आपस में कभी मतभेद,लड़ाई-झगड़े और कलह नहीं करेंगे जिससे घर का माहौल खराब हो या घर से खुशी छिन्न हो जाए। ईश्वर की नजरो में कोई भेदभाव नहीं वो सभी प्राणियों को एक समान स्नेह करते हैं। ईश्वर भी तो गृहस्थ जीवन बिताते हैं उनका भी परिवार हैं मगर ईश्वर कभी अपने परिवार और संसार के भक्तो में कोई भेदभाव नहीं करते। ईश्वर की कृपा और दया सभी के लिए बराबर हैं। मगर आप मनुष्य तो खुद अपने ही परिवार से द्वेष करते हो ईर्ष्या करते हो तो इस दुनिया में किसी अन्य इंसान के लिए आप में करुणा ,दया और सम्मान कहां से जागृत होगा ? आप मनुष्य तो एक बड़े पद को प्राप्त करने के बाद खुद को ही ईश्वर समझने कि भूल कर जाते हैं और अपने अहंकार में वशीभूत हो कर दुसरो का अपमान कर जाते हो। जिसमे अहंकार का वर्चस्व उत्पन्न होने लगता हैं वो इंसान स्वयं का सबसे बड़ा शत्रु बन जाता हैं। क्योकि उसका यही अहंकार उससे वो भूल और गलतियां करा देता हैं जिससे वो इंसान ईश्वर की नजरो से गिर जाता हैं और एक दिन ऐसे अहंकारी मनुष्य के अहंकार का दमन अवश्य होता हैं। क्या आपने सोचा हैं आखिर महादेव को ये संसार और यहां तक समस्त देवता ऋषि ,गन्धर्व, नाग,तथा असुर सभी महादेव कह कर क्यों सम्बोधित करते हैं क्यों मिली महादेव को महादेव कहलाने की उपाधि ? क्योकि भगवान शिव ही हैं जो किसी भी देवता में जीव में मनुष्य हो या असुर पशु हो या अन्य कोई भी प्राणी किसी में भेद नहीं करते उनका न्याय सर्वोपरि हैं वो अपने न्याय पर कभी कोई प्रश्नचिन्ह नहीं लगाते। इस संसार की रक्षा के लिए सभी प्राणियों के हित के लिए महादेव ने विष का पान किया। महादेव ने संसार के सृजन सभी जीव और मनुष्यो के सृजन के लिए अपने शरीर से अपनी प्रिय अर्धांगनी को आदिशक्ति को विलग किया।  त्याग,दया,करुणा, स्नेह,न्याय,परोपकार और सम्मान भाव ही आपको पूजनीय बनाता हैं इसलिए कुछ लोग एक अच्छे इंसान को ये कह कर बुलाते हैं कि आप हमारे लिए भगवान से कम नहीं। ईश्वर इसलिए पूजनीय हैं क्योकि ईश्वर का न्याय उनकी करुणा दया,परोपकार,स्नेह,त्याग सराहनीय हैं जिसके सामने शब्द भी कम पड़ जाएंगे। ईश्वर कोई कोई फर्क नहीं पड़ता आप उनकी पूजा करो अथवा ना करो ईश्वर नहीं कहते मुझे सम्मान दो। ईश्वर आपको यही सीख देते हैं कि यदि आपमें सभी के लिए सम्मान भाव,दया और स्नेह भाव मौजूद हैं तो संसार में ऐसा कोई स्थान नहीं जहां आपको सम्मान ना मिले अर्थात आपकी अच्छाई आपके नेक विचार और गुण आपको हर जगह सम्मानित करेंगे। 




God created this world and even created all the animals, plants and humans.Has anyone ever wondered why God sent you all into this world and created you? When you build a house for your entire family, then you feel very happy that your entire family will live happily and prosperous in this house. No member will ever have differences of opinions, fights or discord among themselves which may spoil the atmosphere of the house or take away the happiness from the house.There is no discrimination in the eyes of God, He loves all creatures equally.God also lives a household life, he also has a family, but God never discriminates between his family and the devotees of the world. God's grace and mercy are equal for all.But you humans hate and envy your own family, then how will compassion, kindness and respect for any other human being in this world arise in you? You humans, after attaining a high position, mistake yourself for God and under the influence of your ego, you insult others.The person in whom the dominance of ego begins to arise becomes his own biggest enemy. Because his ego makes him commit those mistakes and mistakes due to which that person falls from the eyes of God and one day the ego of such an arrogant person will definitely be suppressed.Have you ever thought why this world and even all the gods, sages, Gandharvas, Nagas and Asuras address Mahadev as Mahadev? Why did Mahadev get the title of being called Mahadev? Because Lord Shiva is the only one who does not differentiate between any living being in any deity, be it human or demon, animal or any other creature, his justice is supreme, he never puts any question mark on his justice.To protect this world, Mahadev drank poison for the protection of all living beings. Mahadev separated his beloved wife Adishakti from his body for the creation of all living beings and human beings in the world.Sacrifice, kindness, compassion, affection, justice, charity and respect make you worshipable, that is why some people call a good person saying that you are no less than God for us.God is worshipable because his justice, compassion, kindness, benevolence, affection and sacrifice are praiseworthy in front of which even words fall short.God doesn't matter whether you worship him or not, God doesn't say, give me respect. God teaches you that if you have respect, kindness and affection for everyone, then there is no place in the world where you will not be respected, that is, your goodness, your noble thoughts and qualities will honor you everywhere.



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  1. बहुत प्यार लेख बहुत सुंदर से आपने इसमें ईश्वर के बारे में बताया आपका प्रत्येक लेख बहुत अच्छा होता है। 👍

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