ऐसे संबोधित कर तुम कर रहे माता रानी का अपमान। ( You are Insulting Goddess Mother Queen By Addressing Her Like This.)

Snehajeet Amrohi
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वक़्त बदल गया मगर बदलते वक़्त के साथ मनुष्य भी बदल गए। जब संसार में कुछ नहीं था तो थी वो महाशक्ति जिसने इस संसार को बनाया आकाश पृथ्वी नदियाँ झील पहाड़ सूर्य चाँद तारे सभी जीव जंतु पेड़ पौधे पुष्प और समस्त प्राणी को निर्मित कर सबमे प्राण शक्ति का संचार किया सबको जन्म देने वाली वो महाशक्ति देवी आदिशक्ति हैं शिव और आदिशक्ति ने मिल कर इस संसार की नींव रखी सबका कल्याण किया। 

इसलिए शिव और आदिशक्ति को जगतमाता और जगतपिता से सम्बोधित किया जाता हैं मगर जब इस धरा पर पाप और अधर्म का विस्तार होने लगा जब कोई बड़ी घटना घटने लगी जब कभी बाढ़ या भूकंप जैसे घटनाएं होते गए कई लोगो को क्षति पहुँचने लगी तो कुछ मनुष्य इसे माता रानी के प्रकोप का कारण बता कर उस जगत जननी आदिशक्ति को ऐसे संबोधित करने लगे जैसे सबको पीड़ा दे कर देवी अपना प्रकोप दिखा रही हैं। अब जरा मुझे ये जवाब दो जो संसार के सभी प्राणियों को एक समान स्नेह करती हैं जिन्हे पशुओ से कीटो से यहाँ तक सभी पेड़ पौधे और पक्षियों से इतना स्नेह हैं जो उन्हें भी कष्ट में देख रोती हैं वो प्रकोप का इस तरह प्रदर्शन क्यों करेगी भला ?  

हमेशा स्मरण रखो  पूत कपूत हो सकते हैं मगर माता कुमाता कदापि नहीं हो सकती । बच्चे अनुपस्थित या दूर हो सकते हैं, लेकिन एक माँ का अपने बच्चों के प्रति स्नेह और चिंता कभी कम नहीं होती। भले ही उसके बच्चे दूर हों, माँ की मातृ प्रवृत्ति और उनके लिए प्यार बना रहता है। जब एक साधारण स्त्री की ममता का कोई पार नहीं लगा सकता तो समस्त ब्रह्माण्ड की माता की ममता और करुणा का पार लगा पाना किसी के लिए संभव नहीं।

 हाँ मैं मानती हूँ की संसार में अधर्म और अन्याय अपनी चरमसीमा पर पहुँच चूका हैं, मैं ये भी मानती हूँ की मनुष्यो के अंदर इंसानियत का वास नहीं रहा हैं, मैं ये भी मानती हूँ की ये पृथ्वी पाप के बोझ को उठा कर अब थक चूकि हैं। मगर किसी एक की गलती की सज़ा सबको मिलना अन्याय होगा इसलिए माता रानी अपनी सन्तानो को बेवजह कभी कोई क्षति नहीं पहुँचा सकती। 

 जो प्राकृतिक आपदाएं हो रही हैं कई जगहों पर दंगे युद्ध हो रहे हैं कोई बड़ी घटना घटित हो रही हैं तो लोग अपने चैनलो पर आ कर जो बेबुनियाद मनघडंत कहानियाँ बना कर सबको भयभीत कर रहे और सच्चाई से गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। हाँ मैं मानती हूँ जितने पाप और अधर्म इस धरा पर मनुष्य करते जा रहे हैं ये सत्य हैं बहुत दुःख होता हैं जब किसी मनुष्य के द्वारा किसी दूसरे मनुष्य को क्षति पहुँचती हैं अत्यंत क्रोध भी आता हैं जब बेवजह किसी मासूम और अच्छे लोगो को कष्ट होता हैं कोई लोभ वश किसी की जान लेता हैं तो कोई बदले और नफरत की भावना से किसी निर्दोष की हत्या कर देता हैं। मगर जो दोषी हैं जो अपराधी सज़ा के पात्र भी वही हैं, ना की कोई निर्दोष। आज जिस काल्पनिक बातो पर अमल कर मनुष्य अपना जीवन बसर कर रहे हैं वो उनके भविष्य को अंधकार में ढ़केल रही हैं इसलिए अपने सही विवेक से कोई भी निर्णय ले अथवा किसी को ज्ञान दे बिना सत्य को जाने बिना सत्य को देखे आप ये कदापि अनुमान नहीं लगा सकते किसी भी इंसान पे की उसने वो कार्य किया या उसने वो भूल की हैं यहाँ तो बात किसी इंसान की नहीं बल्कि समस्त ब्रह्माण्ड की अधिष्ठात्री सारे जगत का पोषण करने वाली जगदम्बा की बात हो रही हैं। 

जब भी कोई क्षति इस संसार को होगी तो समस्त संसार को रक्षित एकमात्र वो महाशक्ति ही करेगी शिव की शक्ति आदिशक्ति। आप अपने घर की सफाई तो रोज करते हैं आप अपने तन की सफाई भी रोज करते हैं मगर अपने मन को कब साफ़ और पवित्र करेंगे ? जिस शक्ति के बदौलत ही आज आप सब इस संसार में आए हैं जिस शक्ति का अंश प्रत्येक जीवो में समाहित हैं जिसके दम पर आप सब चल पा रहे हैं अपना हर कार्य कर पाने में सक्षम हैं जिससे आप सबको ऊर्जा मिली हैं  उस शक्ति को समझने का प्रयास करे। जब समय आएगा विनाश या  महाप्रलय का तब क्षति एकमात्र दुष्टो को होगी पापियों को होगी मातारानी और महादेव कभी किसी निर्दोष और सच्चे भक्तो को कोई क्षति नहीं पहुँचाते बल्कि सच्चे और नेक भक्तो को पीड़ा में देख महादेव और माँ आदिशक्ति स्वयं उस कष्ट को महसूस कर दुखी होते हैं, क्या ईश्वर की आँखों में आशु नहीं आते क्या वो नहीं रोते ? ईश्वर भी रोते हैं जब किसी संतान को बेवजह कष्ट प्राप्त होता हैं। 

समय आने पर आप सब सत्य को समझ जाएंगे अभी आपका कर्म हैं सही रास्ते का चुनाव कर सत्य के मार्ग पर चलना जन-जन का कल्याण करना मानवता को अपने अंदर बसा कर दूसरो का हित करना। बिना गुमराह हुए हकीकत जान कर बस अपने कर्म करते जाना। प्रकृति को क्षति पहुँचाना बंद करे प्रकृति से खेलना बंद करे। 

पेड़ पौधों को नुकसान पहुँचाना निर्दोष पशुओ की हत्या करना बंद करे। अच्छे निर्दोष इंसानो को कष्ट देना छोड़ दे अन्यथा परिणाम भयंकर होगा तब मातारानी का प्रकोप किसी दुष्ट को ना ही क्षमा प्रदान करेगा ना ही किसी को कोई संरक्षण प्रदान करेगा।   

  


Times changed but with changing times, humans also changed. When there was nothing in the world, there was that superpower which created this world, the sky, the earth, the rivers, the lakes, the mountains, the sun, the moon, the stars, all the living beings, the trees, the plants, the flowers and all the living beings and infused the life force into all, that superpower which gave birth to everyone is Goddess Adishakti. Shiva and Adishakti together laid the foundation of this world and provided welfare to everyone. 

That's why Shiva and Adishakti are addressed as Jagatmata and Jagatpita, but when sin and unrighteousness started expanding on this earth, when any big event started happening, when events like flood or earthquake started happening and many people started getting harmed, then some humans started blaming it. After explaining the reason for Mata Rani's anger, he started addressing Adishakti, the mother of the world, as if the goddess was showing her anger by giving pain to everyone. Now please give me this answer, why would she show her anger like this, who loves all the living beings of the world equally, who has so much love for all the trees, plants and birds, from animals to insects, who cries seeing them in pain?  

Always remember that sons may become evil, distant but mothers can never become evil. Children might be absent or distant, but a mother’s affection and concern for her children never diminish. Even if her children are far away, a mother’s maternal instincts and love for them remain. When no one can surpass the love of an ordinary woman, then it is not possible for anyone to surpass the love and compassion of the mother of the entire universe. 

Yes, I believe that unrighteousness and injustice have reached their peak in the world, I also believe that humanity is no longer present in humans, I also believe that this earth is tired of carrying the burden of sin. But it would be unfair for everyone to be punished for the mistake of one person, hence Mother Queen can never cause any harm to her children unnecessarily. 

Natural calamities are happening, riots are happening at many places, wars are happening, any major incident is happening, then people are coming on their channels and making baseless fabricated stories to scare everyone and are trying to mislead everyone from the truth. Yes, I believe that all the sins and unrighteousness that human beings are committing on this earth is true. It feels very sad when one human being causes harm to another human being. I also feel extremely angry when innocent and good people suffer unnecessarily. Some people kill someone out of greed, while others kill an innocent person out of revenge and hatred. But those who are guilty and those who are criminals are the ones who deserve punishment and not the innocent ones. Today, the imaginary things by which people are living their lives are pushing their future into darkness, therefore, you can never take any decision with your right conscience or give knowledge to anyone without knowing the truth and without seeing the truth. We can accuse any person of having committed that act or committing that mistake. Here we are not talking about any human being but about Jagdamba, the presiding deity of the entire universe who nurtures the entire world. 

Whenever any harm occurs to this world, only that superpower will protect the entire world, the power of Shiva, Adishakti. You clean your house every day, you also clean your body every day, but when will you clean and purify your mind? It is because of that power that you all have come into this world today, a part of that power is contained in every living being, on the basis of which you all are able to move, are able to do all your work, which has given energy to all of you, try to understand that power. When the time of destruction or cataclysm comes, only the wicked will be harmed. The sinners will be harmed. Goddess mother and Mahadev never cause any harm to innocent and true devotees, but seeing the true and noble devotees in pain, Mahadev and Mother Adishakti themselves feel sad and feel that pain. Are there tears in God's eyes? Do He not cry? Even God cries when a child suffers unnecessarily.

 When the time comes, you all will understand the truth. Now your duty is to choose the right path and follow the path of truth, do welfare of the people and do good to others by inculcating humanity within yourself. Just keep doing your work after knowing the reality without getting misled. Stop harming nature, stop playing with nature. 

Stop harming trees and plants and killing innocent animals and try to stop hurting Good people, stop hurting innocent people, otherwise the consequences will be dire, then the wrath of the goddess mother will neither grant forgiveness to any wicked nor will it provide any protection to anyone.





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  1. प्रत्येक व्यक्ति को अच्छे कर्म करने चाहिए और ईश्वर पर हमेशा भरोसा रखना चाहिए आप हर कार्य में सफल हो जाएगे। बहुत ही प्यारा लेख👍

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