दुनिया में कितनी भीड़ हैं मगर भीड़ में भी कोई ना कोई तनहा हैं क्यों ?, क्यों सबके साथ हो कर भी किसी के साथ होने का एहसास नहीं ?, क्यों अपनों के बीच रहकर भी किसी अपने के होने का एहसास नहीं ?, क्यों पास हो कर भी कोई दूर हैं ?
दुनिया में चाहे कोई कितना भी दौलतमंद इंसान हो सब कुछ होने के बावजूद भी सबको कोई ना कोई समस्या अवश्य होती हैं। जो गरीब हैं उसे पैसो की समस्या सताती हैं जो अमीर हैं हैं उन्हें अपनों से दूर होने की समस्या सताती हैं।
आज दुनिया में बहुत से ऐसे लोग मौजूद हैं, जिन्हे अपनों के होने के बावजूद भी अपनेपन का एहसास नहीं होता हैं, उस प्यार का, उस परवाह का एहसास नहीं होता।
अकेलेपन की वजह क्या हैं -
ज्यादा उम्मीदे और शिकायते ही मनुष्य की चिंताओं का सबसे बड़ा कारण हैं क्योकि शिकायते अक्सर शिकायतों को बढ़ा देती हैं, अधिक उलझने ही सबको उलझा देती हैं। बात थोड़ी अजीब लग सकती हैं मगर यही सच्चाई हैं। शिकायते इसलिए शिकायतों को बढ़ा देती हैं, क्योकि आप यदि किसी अपने को उसकी गलती या उसकी भूल का एहसास कराएंगे, तो वो व्यक्ति आपको समझने की बजाय आपसे ही दूरी बनाने लगता हैं, आपकी बाते उसे नापसंद लगने लगती हैं। अधिक उलझने आपको उलझाने का कार्य करती हैं इसका एकमात्र कारण यही हैं की आप जितनी देर किसी के कठोर शब्दों को सोचेंगे जितनी देर आप उदास और परेशान रहेंगे आप अपना कीमती समय तो गवाएंगे ही साथ ही साथ आप उस उलझन से बाहर कभी निकल नहीं पाएंगे इस तरह आपको अक्सर अकेले रहना अच्छा लगने लगेगा आपको किसी का साथ पसंद नहीं आएगा।
अकेलेपन से क्या हैं नुकसान -
अक्सर अकेलापन सबके लिए सही साबित नहीं होता। क्योकि जब कोई व्यक्ति किसी कारणवश दुःख, चिंता, या शोक में डूबा रहता हैं, तो वो कभी अकेलेपन से बाहर नहीं आता हैं, जबतक उसे किसी ऐसे वफादार और भरोसेमंद व्यक्ति का साथ प्राप्त ना हो, वो अपने जीवन में निराशा में ही डूबा रहता हैं उसे सही,गलत, अच्छा और बुरा कुछ समझ नहीं आता इस तरह अपनी जिंदगी से तंग आ कर ज्यादातर लोग आत्महत्या जैसे जघन पाप कर बैठते हैं।
क्योकि अकेलापन जब आपकी जिंदगी में जगह बनाने लगता हैं, फिर आपको ना ही अपनी परवाह रहती हैं,और ना ही किसी प्रिय जन की। ऐसी परिस्थितियों में आपके अपने भी आपसे बेगाने होने लग जाते हैं, आपके हर रिश्ते में दूरियां बढ़ने लगती हैं।
अकेलेपन का सीधा असर व्यक्ति के दिमाग पर पड़ता हैं ऐसे में उसके सोचने समझने की क्षमता नष्ट होने लगती हैं।
अकेलापन किन परिस्थितियों में फायदेमंद साबित होता हैं -
अकेलापन हर पहलू में गलत साबित नहीं होता क्योकि जब आप किसी बड़े कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं तो इस पहलू में सर्वप्रथम आपको भीड़ से अलग होना पड़ेगा क्योकि भीड़ में आप सही और गलत का अनुमान नहीं लगा सकते, क्योकि भीड़ आपकी मस्तिष्क को अशांत कर देती हैं, भीड़ में आप एकमात्र उस भीड़ का हिस्सा बन कर रह जाते हैं। भीड़ में और सबके बीच रहकर व्यक्ति का दिमाग कभी स्थिर नहीं रह पाता, ऐसे हाल में वो इंसान अपनी मंजिल और अपने लक्ष्य से पीछे रह जाता हैं। क्योकि ज्यादा शोर व्यक्ति के दिमाग को अशांत कर देता हैं।
आप खुद सोचे और विचार करे आप पढ़ने के लिए किसी शांत स्थान को क्यों चुनते हैं ? पूजा और ध्यान के लिए क्यों एक शांत और पवित्र स्थान का होना आवश्यक हैं ? क्योकि जहाँ शांति होती हैं वहीं आपका दिमाग और आपका मन शांत रह पाता हैं और जब दिमाग और मन शांत रहने लगते हैं, तो कोई भी बड़े से बड़ा कार्य या फैसले करने में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती हैं।
इस दुनिया में अकेले आना और अकेले जाना इस बात का प्रमाण हैं की अकेलापन आपके लिए कभी नुकसान और चिंता का कारण नहीं बल्कि अकेलापन आपको भीतर से मजबूत और आपके भीतर छुपी शक्तियों से आपका परिचय कराने आता हैं, आपकी असली पहचान क्या हैं ? आपको आपकी सही पहचान से रूबरू कराने, आपकी मंजिल तक ले जाने और आपको आपके लक्ष्य से मिलाने के लिए अकेलापन आपकी जिंदगी में आता हैं।
यदि अकेलेपन से उभरने का रास्ता ढूँढ रहे हो तो सर्वप्रथम खुद से अपनी जिंदगी से प्यार करना सीखो क्योकि जबतक तुम्हे खुद से प्यार नहीं होगा तबतक तुम्हे किसी दूसरे से प्यार नहीं हो सकता और जब एक बार प्यार किसी की जिंदगी में दाखिल होने लगता हैं, उसका अकेलापन स्वतः ही दूर हो जाता हैं।
There is so much crowd in the world, but why are some people lonely even in the crowd? Why don't you feel like you are with anyone despite being with everyone? Why don't you feel like you belong to someone even while living among your loved ones? Why is someone far away despite being close?
No matter how rich a person is in the world, despite having everything, everyone definitely has some problem. Those who are poor are troubled by money problems, those who are rich are troubled by the problem of being away from their loved ones.
Today, there are many such people in the world who, despite having loved ones, do not feel that sense of belonging, that love, that care.
What are the reasons for loneliness -
Too many expectations and complaints are the biggest reason for man's worries because complaints often increase complaints, more complications only confuse everyone. This may seem a bit strange but this is the truth. Complaints increase complaints because if you make a loved one realize his mistake or mistake, then instead of understanding you, that person starts distancing himself from you and he starts disliking your words. The only reason for this is that the longer you think about someone's harsh words, the longer you will remain sad and worried, you will not only waste your precious time but you will never be able to get out of that confusion. Like you will often like being alone, you will not like anyone's company.
What are the disadvantages of loneliness -
Often loneliness does not prove to be right for everyone. Because when a person is immersed in sadness, worry, or grief due to some reason, he never comes out of loneliness unless he gets the support of a loyal and trustworthy person. He remains immersed in despair in his life. They do not understand what is wrong, good and bad, hence, being fed up with their life, most of the people commit heinous sins like suicide.
Because when loneliness starts making a place in your life, then you neither care about yourself nor about any loved one. In such circumstances, even your own people start becoming strangers to you and distance starts increasing in every relationship.
Loneliness has a direct impact on a person's mind, in such a situation his ability to think and understand starts getting destroyed.
Under what circumstances does loneliness prove beneficial -
Loneliness does not prove to be wrong in every aspect because when you want to start any big work then in this aspect first of all you will have to be separated from the crowd because in the crowd you cannot guess what is right and wrong because the crowd makes your mind disturbed. You are the only one in the crowd and remain a part of that crowd. A person's mind can never remain stable while living in a crowd and among everyone, in such a situation that person remains behind his destination and his goal. Because too much noise disturbs a person's mind, think for yourself and consider, why you choose a quiet place to study? Why is it necessary to have a quiet and sacred place for worship and meditation? Because where there is peace, your brain and your mind remain calm and when the mind and brain remain calm then there is no hindrance in taking any big task or decision.
Coming alone into this world and going alone is proof that loneliness is never a cause of loss or worry for you, rather loneliness makes you strong from within and comes to introduce you to the powers hidden within you. What is your real identity? Loneliness comes into your life to make you face your true identity, to take you to your destination and to connect you with your goal.
If you are looking for a way out of loneliness, then first learn to love yourself and your life because unless you love yourself, you cannot love anyone else and once love starts entering someone's life, His loneliness automatically goes away.
ReplyDeleteWe should always keep positive thoughts in our mind and stay away from negative people, whenever you feel alone or depressed, then close your eyes and remember God, who has sent you on this earth, then you Will never consider yourself alone.. Very Nice Article by You...🥳👍
Thank You so Much.....
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