जो चला गया वो दोबारा लौट कर नहीं आएगा चाहे वो समय हो या इंसान मगर वक़्त रहते कौन उनकी कदर करता हैं ? यदि संसार का हर मनुष्य इस सीख को अमल कर लेता तो किसी रिश्ते में तनाव और दूरियां ना होती कोई भी इंसान किसी का शत्रु ना होता।
माना कि पैसो के बगैर किसी का जीवन बसर नहीं होता क्योकि जीने के लिए भोजन आवश्यक हैं और भोजन के लिए पैसे आवश्यक हैं। कपड़े, अन्न, यहां तक की जल भी अब पैसो से ही प्राप्त होता हैं। यदि पैसा हैं तो हर रिश्ता टिकाऊ हैं यदि किसी के पास पैसा नहीं तो उसकी कोई कदर नहीं। मगर अपनी आवश्यकता के लिए जो जरुरी हैं वहां आप पैसो को अहमियत दे सकते हैं जैसे - अपने तन को ढ़कने के लिए वस्त्र आपको पैसे से ही प्राप्त होता हैं अपनी भूख मिटाने के लिए भोजन आपको पैसो से ही प्राप्त होता हैं अपनी प्यास बुझाने के लिए जल भी आपको पैसो से ही प्राप्त होता हैं अपनी अच्छी शिक्षा भी आपको पैसो से ही हासिल हो सकती हैं ये सारे पहलू आपके जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं तो यहां पैसो को अहमियत देना गलत नहीं मगर जहाँ बात आपके परिवार आपके अपने प्रिय जन की आती हैं वहाँ पर पैसो को उनसे अधिक अहमियत देना गलत हैं क्योकि यही भूल मनुष्य को अपनों से दूर कर देती हैं जहाँ अपने भी बेगाने हो जाते हैं।
पैसे के लिए इस संसार में बेटे अपने माता-पिता की ही अहमियत को उनके उपकार को उनकी ममता उनके प्यार को भूल चूके हैं। आए दिन पैसो के लोभ में कोई बुजुर्गो को अपने शोषण का शिकार बना रहा तो कोई बुजुर्गो का हर दिन तिरस्कार कर रहा।
कभी ये विचार नहीं किया किसी ने कि इस दुनिया में जब किसी का जन्म हुआ उसको पैसे ने नौ महीने तक पीड़ा सहन कर अपनी कोख में नहीं रखा था बल्कि माँ ने ही हर दुःख दर्द को भुला कर तुम्हे जन्म दिया तुम्हारा पालन पोषण किया। ऐसे उदंड सन्तानो को एक ही बात कहना चाहूँगी जब तुम्हारा बुढ़ापा आएगा तब तुम्हे अवश्य अपनी हर भूल का एहसास होगा।
क्योकि कर्म हर मनुष्य का साथी बन कर उसकी परछाई बन कर उसके साथ रहता हैं चाहे तुम कोई भी कर्म करो अच्छा या बुरा तुम्हारा हर कर्म तुम्हे फल अवश्य प्रदान करता हैं किसी को उसके अच्छे कर्मो का अमृत तुल्य मीठा फल प्राप्त होता हैं तो किसी को अपने बुरे कर्म का विष तुल्य फल प्राप्त होता हैं।
ये मत सोचना कि इस दुनिया में मृत्यु के बाद किसी को कोई दंड प्राप्त नहीं होता जो जैसा कर्म करता हैं सबका लेखा जोखा ईश्वर के पास मौजूद होता हैं क्योकि ईश्वर ने सभी प्राणियों को इस धरा पर भेजा हैं कौन कैसे कर्म कर रहा ? सब पर ईश्वर की नजरे होती हैं। क्यों करते हो तुम ईश्वर की पूजा ? कहीं ईश्वर की पूजा भी तुम अपने निजी स्वार्थ के लिए तो नहीं करते ? क्योकि ईश्वर की पूजा तभी फलित होती हैं जब मनुष्य के मन में सबके लिए सम्मान और प्यार का वास होता हैं क्योकि एक स्वार्थी इंसान कभी ईश्वर की कृपा और दया का पात्र नहीं होता हैं। इसलिए इस दुनिया में आए हो तो काम ऐसा करो की हर जगह तुम्हारा नाम हो वक़्त आने पर ईश्वर के समक्ष भी तुम नजरे मिला कर खड़े हो सको इसलिए कोई ऐसा अधर्म,अन्याय और पाप मत करो जिससे तुम्हे हर जगह शर्मिंदा होना पड़े।
एक बात जो सभी मनुष्य को याद रखना चाहिए कि आप सब इस धरा पर आए नहीं ईश्वर द्वारा लाए गए हो क्योकि जब किसी कि मृत्यु होती हैं उसका समय, दिन,तारीख सब ईश्वर द्वारा ही निर्धारित की गई हैं। जिस धन के लिए आज आप सब आपस में भाई-भाई में परिवार और रिश्तेदार में लड़ाई-झगड़े कर रहे हो वो असलियत में एकमात्र छलावा हैं क्योकि तुम्हारा असली धन तो तुम्हारे ही भीतर मौजूद हैं जिसका अनुमान तुम ना लगा सके और संसार की इस मायाजाल में आ कर उलझ गए और अपने असली धन को ही भूल गए। जरा विचार करना तुम इस धरा पर ईश्वर द्वारा क्यों लाए गए हो ? तुम्हे ईश्वर ने इंसान बना कर इस धरा पर क्यों भेजा ? आज मैं इस तथ्य को पूरी दुनिया में उजागर करती हूँ तुम्हे ईश्वर के द्वारा इस धरा पर इंसान बना कर इसलिए भेजा गया ताकि तुम अपनी इंसानियत से वाकिफ हो सको जग में सबके लिए एक फ़रिश्ते के रूप में उनका कल्याण कर सको। यदि इंसान होने के बाद भी तुम जानवरो की भाति कुरुरता दिखाओगे तो उसका परिणाम समय आने पर तुम्हारे समक्ष अवश्य प्रस्तुत होने वाला हैं।
ईश्वर ने तुम्हे इंसान इसलिए बनाया ताकि तुम अपनी इंसानियत को अपना कर सही मार्ग का अनुसरण कर ईश्वर के कार्यो में सहभागी बन सको मगर यदि तुम ईश्वर के कार्यो में सहभागी की जगह एक बाधक बनने का प्रयत्न करोगे संसार में बुराई का प्रसार करने का अपराध करोगे तो अंततः ईश्वर के दंड का और उनके कोप का भाजन अवश्य बनोगे।
जैसे एक वीरान वन तुम्हे भयभीत करता हैं, तुम वहाँ अकेले जाना पसंद नहीं करते ठीक वैसे ही बुरे कर्म,बुरी आदते,और बुरे विचार तुम्हारी जिंदगी को वीरान बनाने लगते हैं अपनों से दूर कर जाते हैं,जहाँ अंधकार के सिवा कुछ नहीं होता, शुरुआत में तुम्हे भले ही ऐसी जिंदगी अच्छी लगने लगे मगर अंत में तुम्हे खुद से भी घृणा होने लगेगी और साथ ही साथ अपनी जिंदगी से भी।
What is gone will never come back, be it time or man, but who respects them while they are still there? If every person in the world had followed this lesson, there would have been no tension and distance in any relationship, no person would have been anyone's enemy.
It is believed that no one can survive without money because food is necessary to live and money is necessary for food. Clothes, food, even water are now available only through money. If there is money then every relationship is sustainable. If someone does not have money then he has no value. But you can give importance to money where it is necessary for your needs, like - you get clothes to cover your body only with money, food to satisfy your hunger, you get food only with money to quench your thirst. You can get water only through money, you can get good education also through money, all these aspects are very important for your life, so it is not wrong to give importance to money, but when it comes to your family and your loved ones. It is wrong to give more importance to money than others because this mistake separates a person from his loved ones where even his own people become strangers.
For the sake of money, in this world, sons have forgotten the importance of their parents, their gratitude, their affection and their love. Due to the greed for money, some people are making the elderly victims of their exploitation and some are disrespecting the elders every day.
No one ever thought that when someone was born in this world,Money didn't keep you in womb for nine months but it was the mother who gave birth to you, forgetting all the sorrows and pains, and nurtured you. I would like to say only one thing to such unruly children, when you grow old, you will definitely realize your every mistake.
Because Karma becomes the companion of every person and remains with him as his shadow, no matter what work you do, every work of yours is good or bad. It definitely gives you results, some people get nectar like fruits of their good deeds and some people get poison like fruits of their bad deeds.
Do not think that no one gets any punishment in this world after death, the account of all the deeds done is available with God because God has sent all the creatures on this earth, who is doing what kind of work? God's eyes are on everyone. Why do you worship God? Don't you even worship God for your personal interest? Because worshiping God is fruitful only when there is respect and love for everyone in a person's mind because a selfish person is never worthy of God's grace and mercy. Therefore, if you have come into this world, then work in such a way that your name is visible everywhere and when the time comes, you can stand eye to eye with God, therefore do not do any such unrighteousness, injustice and sin which will make you feel ashamed everywhere.
One thing that every human being should remember is that you all have not come to this earth but have been brought by God because when someone dies, the time, day and date are all determined by God. The wealth for which today all of you are fighting amongst each other, within your family and among your relatives, is in reality only an illusion because your real wealth is present within you, which you could not estimate and which is lost in this illusion of the world. After coming here, they got entangled and forgot their real wealth. Just think, why have you been brought to this earth by God? Why did God make you a human and send you to this earth? Today I reveal this fact to the whole world that you have been sent by God to this earth as a human being so that you can become aware of your humanity and can do welfare for everyone in the world as an angel. If, despite being a human being, you show cruelty like animals, then its consequences will definitely be presented to you when the time comes.
God created you human so that you can become a participant in God's work by adopting your humanity and following the right path, but if you try to become a hindrance instead of a participant in God's work, you will commit the crime of spreading evil in the world. Then ultimately you will definitely become the object of God's punishment and His anger.
Just as a deserted forest scares you, you do not like to go there alone, similarly bad deeds, bad habits, and bad thoughts start making your life desolate and take you away from your loved ones, where there is nothing but darkness, You may like this life in the beginning, but in the end you will start hating yourself and your life as well.
ReplyDeleteWe should always pursue good work. Every work of ours becomes successful only when we live our life continuously following the path of truth. Very beautiful article by you...😊👍
Thank you so much....
Delete