ये बताने से पूर्व मैं आज सर्वप्रथम आप सभी मनुष्यो से एक बात कहना चाहूँगी मेरा उदेश्य सभी मनुष्यो का उद्धार और कल्याण और उनके भविष्य को उज्जवल बनाना हैं क्योकि किसी को गुमराह करना मेरा धेय कदापि ना हैं और ना तो हो सकता हैं।
ज्यादातर लोग आजकल भविष्य मालिका ग्रन्थ में लिखी गई बातो को सत्य मान रहे हैं और उलझ कर अपने वर्तमान में भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं सर्वप्रथम एक बात याद रखो ईश्वर जिस कार्य और जिस लीला हेतु प्रकट होते हैं उसकी कोई चर्चा या पहले से कोई जानकारी ईश्वर किसी को प्रदान नहीं करते क्योकि यही तो ईश्वर की लीला का रहस्य हैं यदि पहले ही सबको इसका ज्ञान और अनुमान हो जाएगा फिर ईश्वर की लीला उनके अवतार का क्या महत्त्व रह जाएगा ? मैं भविष्य मालिका को पूर्ण रूप से गलत नहीं बता रही मगर जो सत्य हैं उसका प्रमाण भविष्यमालिका में मौजूद ही नहीं क्योकि ये एक गुप्त रहस्य हैं जो समय आने पर स्वतः ही सबके समक्ष उजागर हो जाएगा।
जरा एक बात पर गौर करना माता-पिता के लिए तो सभी संतान एक समान होते हैं, चाहे संतान कैसा भी हो ? चाहे संतान माता-पिता से कितनी भी दूरी बना ले, मगर उसका वजूद उसकी पहचान माता-पिता से ही होती हैं। एक संतान अपने मातापिता को छोड़ सकता हैं उन्हें भूल सकता हैं, मगर माता-पिता कभी अपनी संतान को ना ही छोड़ सकते हैं,और ना ही भुला सकते हैं। जब संतान जिद्द करने लगता हैं उसकी जिद्द को माता-पिता हर हाल में पूरी करते हैं। मगर यदि संतान गलत चुनाव करने लगे सही मार्ग से भटक कर बुरे लोगो के साथ उनके सम्पर्क में आ कर कुछ गलत कर जाए, तो वही माता-पिता अपनी ममता और स्नेह को भूल कर अधर्म के रास्ते पर चल रही संतान को समझाने का प्रयास करते हैं, जब संतान उनकी बातो को अनसुना करने लगे और माता-पिता से दूरी बनाने लगे, फिर ना चाह कर भी उस संतान को उसके कुकर्मो का दंड माता-पिता को देना ही पड़ता हैं, उन्हें अपनी संतान के पास आना पड़ता हैं।क्योकि यही नियम हैं उस परमपिता परमात्मा का और आप सभी उस परमात्मा की ही संतान हो जिसे सही दिशा दिखाने उसकी भूल को सुधारने भटके हुए संतान को सही मार्ग दिखाने तथा उचित पाठ पढ़ाने हेतु ना चाह कर भी इस धरा पर आना पड़ा।
जो महाकाल जो महादेव समस्त संसार को अपनी छत्रछाया में समाए रखते हैं,जिन्हे पशु-पक्षी,कीट चाहे असुर हो या मनुष्य सबसे एक समान स्नेह हैं, वो महादेव इस कलयुग में इतने पाप और अधर्म को देख कैसे शांति धारण कर सकते हैं ? जो विष का पान कर नीलकंठ कहलाए जिन्होंने संसार में सभी के कल्याण हेतु ब्रह्म देव के कहने पर अपनी प्रिय अर्धांगनी महागौरी को अपने शरीर से विलग कर दिया।शिव और शक्ति का त्याग, बारम्बार मिलना,बिछड़ना ये दारुण विछोह को सहन करना आखिरकार ये सब किसके उद्धार हेतु हैं ? समस्त संसार के लिए ताकि अपनी सन्तानो को कलि के द्वारा रचित इस घोर पाप और अंधकार से बाहर निकाल सके तथा सभी दीन-दुखियो का उद्धार हो सके। नारायण अवतार कल्कि जो कलयुग में दानव कलि के अंत हेतु प्रकट हुए हैं जिन्होंने मनुष्य रूप धारण किया उनके विषय में बहुत सी बाते भविष्यमालिका में वर्णित नहीं फिर भी आप मनुष्य अनेको चैनलो पर जा कर उनके द्वारा कही बातो पर यकीन कर लेते हो। सत्य तो कुछ और ही हैं जो समय आने पर ही आपके समक्ष उजागर होगा।
मगर कल्कि जो नारायण के अवतार हैं इस कलयुग में वो अकेले नहीं आए हैं उनके साथ जो महाशक्ति हैं वो स्वयं महाकाल महादेव हैं जिन्होंने मनुष्यो के उद्धार के लिए मानव रूप धारण किया हैं और जहाँ शिव हैं वहाँ शिव की शक्ति का होना अनिवार्य हैं,क्योकि शिव और शक्ति के सहयोग के बिना कलयुग का अंत असंभव हैं। आज जो संसार बेवजह की बातो में निरर्थक चीज़ो में अपना कीमती समय बर्बाद कर रहा, समय आने पर उन्हें सत्यता का और अपनी भूल का एहसास अवश्य होगा। वो महाशक्ति सबकुछ देख रही सबके कर्मो का हिसाब उस महाशक्ति के पास हैं। किसने कहा की ईश्वर कठोर हैं पत्थर दिल हैं ? आज इस धरा पर कितने ऐसे लोग हैं जो ईश्वर को एकमात्र पत्थर की शिला समझते हैं। मगर ईश्वर यदि पत्थर दिल होते तो आज इतने कष्ट और पीड़ा सहन कर सभी मनुष्यो के कल्याण और उद्धार के लिए ना ही मानव रूप में जन्म लेते ना ही मनुष्यो के भीतर शक्ति का संचार करते। किसने कहा ईश्वर रोते नहीं ? जब किसी संतान को कष्ट होता हैं सर्वप्रथम आँखों से आँशु ईश्वर के ही निकलते हैं। आज वर्तमान के कलयुग में,मनुष्य को जितना मनुष्य से भय और खतरा हैं उतना किसी जानवर से नहीं।
कभी अपने भक्तो को दिया गया वरदान भी ईश्वर के लिए अभिशाप बन जाता हैं। आज इस कलयुग में जो संसार में घटित हो रहा, वो कहीं ना कहीं उसका ही परिणाम हैं मगर ऐसा नहीं की भगवान मजबूर हैं सबकी आयु निहित होती हैं अर्थात अच्छाई के समक्ष बुराई अल्पायु होती हैं और सत्य किसी के छुपाए नहीं छुपता। ईश्वर सत्य हैं और सत्य को अपने होने के प्रमाण की कोई आवश्यकता नहीं होती।
नारायण अवतार कल्कि का चित्रण जैसा आप सबने देखा होगा वो हमेशा संघार करते हुए नजर आते हैं, क्योकि कल्कि में महाकाल और महाकाली की ऊर्जाशक्ति विद्यमान हैं जब पाप और अधर्म अपनी सारी सीमाएं पार कर जाते हैं, तब महाशक्ति महाकाल अपना संहार लीला आरंभ करते हैं।
संहार लीला की शुरुआत वर्ष 2020 से आरंभ हो चूका हैं जब कोरोना महामारी की शुरुआत हुई ये महामारी मनुष्य को जो सीख दे गई उसे सब अब भूला चूके हैं। जब महामारी के अपना पहला कदम रखा सभी मनुष्यो चेहरा ढक कर चलना पड़ा ये तथ्य क्या कहता हैं क्यों ये महामारी एक से अनेक मनुष्यो को एक दूसरे के संपर्क से बढ़ने लगी ? क्योकि मनुष्य में ही अनेको बुरे विकार हैं जो उन्हें प्रतिदिन अंदर से बीमार बना रहा, मगर मनुष्य आज भी अन्याय और बुराई से दूर नहीं हुए। आज चराचर विश्व बस सुरक्षित हैं तो महादेव की छत्रछाया के कारण क्योकि महादेव सा कोई बलिदान और त्याग और कष्ट सहना हर किसी के बस की बात नहीं जो देवताओ में भी सर्वश्रेष्ठ हैं मगर उन्हें इसका लेशमात्र भी अभिमान नहीं हो सकता हैं, आज वो यही कहीं आप सबके बीच मौजूद हो मगर किसी को उनके यहाँ होने का कोई ज्ञात नहीं।
ये लेख आपको यही सीख प्रदान करता हैं की ईश्वर भी अपने कर्म से पीछे नहीं हटा करते, तो आप मनुष्य क्यों अपने कर्म की पहचान भूला बैठे हो क्योकि आपका अच्छा कर्म ही आपको ईश्वर से जोड़े रखता हैं और जिसका कर्म सही होता हैं उसे ईश्वर के होने का प्रमाण स्वतः ही प्राप्त हो जाता हैं।
Before telling this, today first of all I would like to say one thing to all of you, my aim is the salvation and welfare of all human beings and to make their future bright because it is never my aim to mislead anyone and neither can it be.
Nowadays, most of the people are considering the things written in Bhavishya Malika book as true and by getting entangled in their present, they are ruining their future. First of all, remember one thing, there is no discussion or any prior information about the work and play for which God appears. God does not bestow it on anyone because this is the secret of God's play. If everyone already knows and guesses about it, then what will be the importance of God's play and his incarnation? I am not calling Bhavishya Malika completely wrong, but the proof of the truth is not present in Bhavishya Malika because it is a hidden secret which will automatically be revealed to everyone when the time comes.
Just pay attention to one thing, for parents all children are equal no matter what kind of child they are? No matter how much distance a child keeps from his parents, his existence is still identified with his parents. A child can leave his parents and forget them, but parents can never leave or forget their children. When a child becomes stubborn, the parents fulfill his insistence at any cost. But if the child starts making wrong choices and deviates from the right path and does something wrong by coming in contact with bad people, then the parents, forgetting their love and affection, try to convince the child who is following the path of unrighteousness. When children start ignoring their words and start maintaining distance from their parents, then even if the parents does not want to, they have to punish the children for their misdeeds, they have to come to their children. Because These are the rules of the Supreme Father God, and all of you are the children of that God, who had to come to this earth against his will, to show you the right path, to correct your mistakes, to show the right path to the lost children and to teach them the right lesson.
Sometimes the boon given to his devotees also becomes a curse for God. Whatever is happening in the world today in this Kaliyuga is the result of it, but it is not that God is helpless, everyone's age is inherent, that is, evil is short lived in front of good and the truth cannot be hidden from anyone. God is truth and truth needs no proof of its existence.
As you all must have seen the depiction of Narayan Avatar Kalki, she is always seen doing destruction, because the energy power of Mahakaal and Mahakali is present in Kalki. When sin and unrighteousness cross all their limits, then the superpower Mahakaal starts its act of destruction.
The beginning of the massacre has started from the year 2020 when the Corona epidemic started, everyone has now forgotten the lessons that this epidemic taught to humans. When the epidemic took its first steps, all humans had to walk with their faces covered, what do these facts say, why this epidemic started spreading from one to many humans through contact with each other? Because there are many bad disorders in humans which make them sick from inside every day, but even today humans have not freed themselves from injustice and evil. Today the entire world is safe only because of the protection of Mahadev, because it is not within the power of everyone to make sacrifices and renunciation and endure hardships like Mahadev, who is the best among the gods, but he cannot have even the slightest pride in it, today he is here somewhere. He may be present among everyone but no one is aware of his presence here.
This article provides you with the same lesson that even God does not turn back from his deeds, so why have you humans forgotten the identity of your deeds because only your good deeds keep you connected to God and the one whose deeds are right gets the blessings of God. The proof is obtained automatically.
ReplyDeleteWhatever is happening in this world, God is watching it all and the day is not far when truth will triumph in this world and sin will end, therefore every human being should support righteousness and truth, your article is very good. It is not possible to explain.🥳🥳👍
Thank you so much....
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