हर समस्या का समाधान होगा,यदि पूरे विश्व में एकता का भाव होगा। ( Every Problem Will be Solved If There Is a Feeling Of Unity In The Entire World.)

Snehajeet Amrohi
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जैसे एक चिंगारी अग्नि की प्रचंड रूप ले लेती हैं और पूरे समूह को अपने साथ जला कर भस्म कर देती हैं ठीक वैसे ही नफर, क्रोध,ईर्ष्या,प्रतिस्प्रधा भी पूरे विश्व के विनाश का कारण बनती हैं। 

मगर जहाँ पर चारो तरफ अग्नि अपने प्रचंड रूप में विस्तार लेती हैं यदि वहाँ समय पर शीतल जल को अग्नि पर डाल दिया जाए तो अग्नि शांत हो जाती हैं।

शीतल जल में इतनी शक्ति होती हैं वो एक प्रचंड अग्नि को भी बुझाने का काम करती हैं। आपने कभी विचार किया ऐसा क्यों ? क्योकि जल निर्मल, और पवित्र  होता हैं उसमे किसी को हानि पहुँचाने की भावना नहीं होती जल दर्पण की तरह होता हैं जब आप जल में देखेंगे आपको अपनी परछाई उसमे दिखाई पड़ेगी। इंसान इस तथ्य को नहीं समझ रहा की हर वक़्त भेदभाव, जातिवाद, अमीर-गरीब, छोटा-बड़ा अपना-बेगाना, इन विकारो के ही कारण देश में युद्ध,लड़ाई,झगड़े, अधर्म, पाप का विस्तार सबके विनाश का कारण बनते जा रहा हैं इससे किसी का कोई फायदा नहीं मगर लोग नहीं समझ पा रहे अपने जीवन के सत्य को। इस संसार में चाहे कोई किसी भी मजहब का हो किसी भी जाति का हो सभी मनुष्य ईश्वर की नजरो में एक हैं। ना कोई किसी से छोटा हैं,ना कोई किसी से बड़ा सब एक समान हैं। चाहे आप मुस्लिम हो या सिख चाहे आप हिन्दू हो या ईसाई सबके खून का रंग लाल ही हैं किसी के खून का रंग एक दूसरे से भिन्न नहीं ये इस बात का प्रमाण हैं आप सब मनुष्य एक हो आप एक दूसरे से भिन्न नहीं। जब आप एक हो फिर आप आपस में ईर्ष्या, नफरत,क्रोध,स्वार्थ,अहंकार,प्रतिस्पर्धा और बदले, की भावना को अपने अंदर हावी कर स्वयं का ही नुकसान कर रहे हो,स्वयं को ही हानि पहुँचाने का प्रयास कर रहे हो इसमें किसी का कोई फायदा नहीं बल्कि इससे सबका नुकसान हैं। जरा विचार करो यदि सब एक हो जाए आपस में मिलकर प्रेम भाईचारा निभाने की ठान ले तो इसमें सबका कल्याण हैं, किसी को किसी से कोई क्षति नहीं होगी किसी का कोई नुकसान या हानि नहीं होगी। 

मगर इन बातो को समझना सबके लिए नामुमकिन हैं क्योकि एकमात्र ईश्वर ही प्रकट हो कर इस बात का प्रमाण दे सकते हैं की आज पूरा देश जो एक दूसरे का शत्रु बन नफरत को जन्म दे रहा वो स्वयं का ही क्षति कर रहा हैं। एक बात हमेशा याद रखना नफरत बस नफरत को ही जन्म दे सकती हैं प्यार को कदापि नहीं। ठीक वैसे आपसी शत्रुता केवल शत्रुभाव ही जन्म दे सकती हैं मैत्रीभाव नहीं। उदाहरणस्वरूप समझने का प्रयास करे - जैसे एक लकड़ी को गठरी से अलग कर दिया जाए, उसे हाथ से तोड़ने का प्रयास किया जाए ,तो उसे तोड़ना काफी सरल होगा, मगर यदि 6/7 लकड़ियों की गठरी को एक साथ तोड़ने का प्रयास करोगे  तो उसे तोड़ पाना आसान नहीं होगा,वो टूटेगी नहीं बल्कि तुम्हारे हाथो को ही क्षति यानी चोट आएगी। ठीक वैसे देश के सभी लोग यदि एकजुट हो जाए फिर ना ही किसी को किसी से कोई क्षति का भय रहेगा और ना ही किसी का अहित होगा। एकता से क्या संभव नहीं ? 

जहाँ एकता हैं,वहीं जन हित कल्याण की विवेकता हैं। जब समुंद्रमंथन हुआ था, तब देवता असुर सब एकजुट हो कर समुंद्रमंथन में सहयोग प्रदान किया था, जब समुंद्रमंथन से हलाहल विष बाहर निकला तो उसका पान करना किसी के बस में नहीं था, फिर सबने महादेव का स्मरण किया था, फिर महादेव प्रकट हुए और बिना सोचे, बिना किसी प्रश्न के महादेव ने हलाहल विष का पान किया, वरना हलाहल विष समस्त संसार को नष्ट कर देता आज इस धरा पर किसी का कोई नाम और अस्तित्व मौजूद नहीं होता। मेरा मकसद किसी के भावनाओ और दिल को ठेस पहुँचाना नहीं हैं, बल्कि मेरा धेय सबके हित और कल्याण को नजर में रख कर, उनके जीवन को सही और उज्जवल दिशा में ले जाना हैं। 

क्योकि अगर सत्य कहूं तो आज ये सम्पूर्ण विश्व की जो हालत हैं वो बहुत जटिल हैं क्योकि यहां पर रहने वाले ज्यादातर मनुष्य सो रहे हैं  यदि वो अभी भी नहीं जागे तो आगे का भविष्य खतरे में पड़ सकता हैं।    

क्योकि जब छोटी सी चिंगारी लगती हैं तो लोग उसे नजरअंदाज कर जाते हैं, मगर जब वो चिंगारी धीरे-धीरे प्रचंड अग्नि का रूप धारण करती हैं, यदि उसे सही वक़्त पर रोका ना गया तो वो अपने साथ-साथ कई घरो को तथा आसपास के पूरे इलाके को जला कर भस्म कर देती हैं। फिर लोग यही अफ़सोस जताते हैं कि काश समय रहते संभल जाते अपनी भूल सुधार लेते तो आज इतनी क्षति ना होती।  

 



Just as a single spark takes the form of a raging fire and burns the entire group to ashes, in the same way hatred, anger, jealousy and competition also cause the destruction of the entire world. 

But where the fire spreads all around in its fiercest form, if cold water is poured on the fire in time, then the fire calms down. 

Cold water has so much power that it can extinguish even a raging fire. Have you ever wondered why this is so? Because water is clean and pure, it has no intention of harming anyone. Water is like a mirror. When you look into water, you will see your reflection in it. Man is not understanding the fact that all the time discrimination, casteism, rich-poor, small-big, own-stranger, due to these disorders, wars, wars, fights, unrighteousness and expansion of sin in the country are becoming the reason for everyone's destruction. There is no benefit to anyone from this but people are not able to understand the truth of their life. In this world, no matter what religion or caste someone belongs to, all human beings are equal in the eyes of God. No one is smaller than others, no one is greater than others, all are equal. Whether you are Muslim or Sikh, whether you are Hindu or Christian, the color of everyone's blood is red, the color of anyone's blood is not different from each other, this is the proof that you all human beings are one and you are not different from each other. When you are united then you are harming yourself by letting the feelings of jealousy, hatred, anger, selfishness, ego, competition and revenge dominate within you, you are trying to harm yourself and no one else in this. There is no benefit but it is a loss for everyone.Just think, if everyone unites and decides to maintain love and brotherhood, then it will be beneficial for everyone, no one will be harmed by anyone else, no one will suffer any harm or loss. 

But it is impossible for everyone to understand these things because only God can appear and give the proof that today the whole country which is becoming enemy of each other and giving birth to hatred is doing harm to itself. Always remember one thing, hatred can only give rise to hatred, never to love. Similarly, only enmity can give rise to mutual enmity, not friendship. For example, try to understand - if you separate a piece of wood from a bundle and try to break it with your hands, it will be quite easy to break, but if you try to break a bundle of 6/7 pieces of wood together, it will be difficult. It will not be easy to break, it will not break but your hands will get damaged. Similarly, if all the people of the country unite, then neither will anyone fear any harm from anyone nor will anyone be harmed. What is not possible with unity? 

Where there is unity, there is wisdom for public welfare. When the churning of the ocean took place, all the gods and demons came together and helped in the churning of the ocean, when the poison Halahal came out from the churning of the ocean, no one was able to drink it, then everyone remembered Mahadev, then Mahadev appeared and Without thinking, without any question, Mahadev drank Halahal poison, otherwise Halahal poison would have destroyed the entire world, today no one's name or existence exists on this earth. My aim is not to hurt anyone's feelings and heart, but my aim is to take everyone's life in the right and bright direction, keeping their interest and welfare in mind. 

Because if I tell the truth, the condition of the entire world today is very complex because most of the humans living here are sleeping, if they still do not wake up then the future may be in danger.

Because when a small spark occurs, people ignore it, but when that spark gradually takes the form of a huge fire, if it is not stopped at the right time, it destroys many houses and the surrounding areas. Burns the entire area to ashes. Then people express their regret that if they had been careful in time and corrected their mistake then there would not have been so much damage today.


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  1. Every human being should love all human beings without discrimination and without casteism, and should talk about the national interest of the country, only then there will be welfare of the country and the world. You write every article very well.
    🥳👍

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