सारी जन्नत जिसकी आँचल में समाए ,उसकी ममता को भला कोई कैसे भूल पाए ? (How can anyone forget the affection of the one whose bosom shelters the entire heaven?)

Snehajeet Amrohi
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इस दुनिया से थी अनजान सही और गलत की मुझे ना थी कोई पहचान, तब तुमने ही सिखलाया क्या सही और क्या गलत माँ मुझे तुमने ही बतलाया। आज मैं जो भी हूँ ,जैसी हूँ मुझे मेरी पहचान माँ तुमने ही दिलवाया ,हकीकत हैं क्या जिंदगी की, माँ तुमने ही बतलाया। चाहे कितनी भी कामयाबी के शिखर को मैं छू लूँ , जबतक तेरा साथ नहीं उस कामयाबी को भला मैं कैसे कबुलु ?

माँ एक छोटा सा शब्द हैं मगर इस छोटे से शब्द की गहराई तक पहुँच पाना सबके लिए संभव नहीं। क्योकि माँ की ममता और माँ का दुलार का कोई पार नहीं लगा सकता। दुनिया की हर दौलत भी जिसके समक्ष कुछ नहीं, वो एकमात्र हैं माँ और माँ की ममता। जब बच्चा इस दुनिया में आता हैं जब उसका जन्म होता हैं उसे उस वक़्त ये एहसास होने लगता हैं, की उसकी माँ कौन हैं ? क्योकि माँ की ममता किसी पहचान की मोहताज नहीं क्योकि माँ तो माँ होती हैं चाहे जिसकी भी माँ हो। जब बच्चा बोलना सीखता हैं सबसे पहले वो माँ कहना ही सीखता हैं। आज इस संसार में कई ऐसे लोग हैं जो माँ की ममता को भूला बैठे हैं। दौलत,जायदाद और पैसो के लिए माँ को पीड़ा,कष्ट और दुःख देने का पाप करते हैं। 

बालपन में जिस माँ ने तुम्हारी उंगलियों को पकड़ कर तुम्हे चलना सिखाया, जब तुम लड़खड़ाए तो तुम्हारा हाथ थाम कर तुम्हे गिरने से बचाया,आज उसी माँ का जब बुढ़ापा आया, तो तुमने उस माँ से अपना मुँह फेर लिया, उस माँ से उसके जीने का सहारा ही छीन लिया, जरा विचार करना बालपन, युवा और बुढ़ापा किसका नहीं आता ? आज जो तुमने किया कल तुम्हारी भी संतान वही करेगी सोचो फिर तुम्हे कैसा महसूस होगा ? मैं बस एक बात आजतक नहीं समझ सकी दुनिया में कोई इतना भी कठोर हो सकता हैं ? 

एक पशु को भी यदि पीड़ा होती हैं तो उसका कष्ट देखना मेरे लिए  असहनीय हो जाता हैं फिर क्या हो गया इस संसार को यहाँ की संतान को जो उस करुणामयी दयामयी मातृप्रेम को भूला बैठे हैं ? 

जिस माँ के आँचल तले धूप में भी छाँव का एहसास होता हैं भला उस माँ को ठुकरा देना किसी को कैसे कामयाब बना सकता हैं ? सदैव याद रखे जिसका शीश माँ के चरणों में झुकता हैं उसी संतान का शीश सम्मान के लिए उठता हैं, इस कलयुग में जो संताने अपनी माँ का अपमान कर रही आज मैं उन्हें एक रहस्य से अगवत कराती हूँ जो पुण्य जो कामयाबी तुम्हे माँ की चरणों की सेवा से प्राप्त हो सकती हैं वो पुण्य और कामयाबी तुम्हे किसी पूजा-पाठ,व्रत,अनुष्ठान से प्राप्त नहीं हो सकती। यदि तुम अपनी माँ का हर दिन तिरस्कार कर रहे हो तो ये अवश्य याद रखना तुम स्वयं ही अपने भाग्य के दरवाजे बंद कर रहे हो। 




I was unaware of this world, I had no knowledge of right and wrong, then you only taught me what is right and what is wrong, mother, you only told me. Whatever I am today, whatever I am, you gave me my identity mother, only you told me what are the realities of life, mother. No matter how much success I reach, how can I accept that success unless you are with me?

Mother is a small word but it is not possible for everyone to reach the depth of this small word. Because no one can surpass mother's love and affection. Even all the wealth in the world is nothing compared to the mother and mother's love. When a child comes into this world, when he is born, he starts realizing who his mother is? Because mother's love does not need any identity because mother is mother no matter whose mother she is. When a child learns to speak, the first thing he learns is to say  mother.Today, there are many people in this world who have forgotten mother's love. For the sake of wealth, property and money, they commit the sin of causing pain, suffering and sorrow to their mother. 

The mother who taught you to walk by holding your fingers in your childhood, who held your hand when you staggered and saved you from falling, today when the mother reached old age, you turned your face away from that mother;  you snatched her support of life , just think, who does not experience childhood, youth and old age? Whatever you did today, tomorrow your child will also do the same. Think, then how will you feel? I just couldn't understand one thing till date, can anyone in this world be so cruel?

If even an animal is in pain, then seeing its suffering becomes unbearable for me. Then what has happened to the children of this world who have forgotten that compassionate, kind motherly love ? 

How can someone become successful by rejecting the mother under whose lap one feels shade even in the sun? Always remember that whose head bows at the feet of the mother, the head of the child is raised in respect. In this Kalyug, those children who are insulting their mother, today I introduce them to a secret. The virtue and success that you can achieve by serving your mother's feet, that virtue and success cannot be achieved by any worship, fasting or ritual. . If you are insulting your mother every day then remember that you are closing the doors of your own destiny.


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  1. Mother's love is immeasurable in this world. Only one who knows mother's love is called a successful person in this world, hence always respect mother's love.
    🥳🥳👍

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