नारी के वास्तविक रूप का परिचय। ( Introduction To The Real Form Of Woman.)

Snehajeet Amrohi
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पूरे ब्रह्माण्ड को जन्म देने वाली सभी जीवो का निर्माण करने वाली सबका पालन पोषण करने वाली तथा सबके भीतर शक्ति का संचार करने वाली वो महाशक्ति नारी ही हैं जिसे समस्त संसार माँ आदिशक्ति के नाम से जानता हैं। देवी आदिशक्ति का अंश प्रत्येक नारी में पाया जाता हैं। नारी से ही इस संसार का भरण पोषण चल रहा हैं यदि नारी नहीं,तो इस संसार में किसी का भी कोई अस्तित्व नहीं। नारी कोई वस्तु नहीं होती जिसे जब चाहा इस्तेमाल कर लिया और जब चाहा उसे पुरानी वस्तु समझ कर फेक दिया। कोई नारी अबला नहीं होती क्योकि नारी शक्ति को समझना इतना सरल नहीं जो हर दर्द को भुला कर सभी कष्टों को सहन करती हैं। 

अपने गर्भ में नौ महीने अपने शिशु को रख कर उसको जन्म देना कोई साधारण सी बात नहीं, प्रसव की पीड़ा को सहन करना इतना सरल नहीं मगर यदि नारी में इतनी शक्ति ना होती तो वो अपने बच्चे को जन्म नहीं दे पाती।ये इस बात का प्रतिक हैं की नारी शक्ति महान हैं।

 ये इस बात का भी प्रतिक हैं की संसार की प्रत्येक नारी में देवी आदिशक्ति का वास हैं। घर की गृह लक्ष्मी होती हैं नारी,घर की अन्नपूर्णा होती हैं नारी, घर की शोभा होती हैं नारी,घर की प्रसन्नता होती हैं नारी, सर्वगुणसम्पन्न होती हैं नारी। 

क्यों विशेष हैं इस संसार में नारियों का अस्तित्व ?

यदि संसार में नारियों का अस्तित्व ना होता तो संसार का कोई महत्व ना होता संसार में पुरुषो का कोई अस्तित्व ना होता। आज जो छोटे से संसार को विशाल रूप में किसी ने परिवर्तित किया हैं वो नारियो ने ही किया हैं वरना इस संसार का क्या महत्व होता ? नारियो से ही सबका विकास हैं तथा पुरुष और नारी के संयोग से ही उन्ननती और प्रगति संभव हैं। अपने गृह को अपने पूरे परिवार को समेट कर सबकी खुशियों को नजरो में रख कर ,अपने गृह को चलाना ये खासियत नारी में ही मौजूद होती हैं।

 अपने पति के हर दुःख सुख में उसका साथ निभाना,अपने पति को सदा सम्मान देना अपनी जिम्मेदारियों से कभी पीछे ना हटना,ये सारी खूबियां एक नारी में मौजूद होती हैं। अपने बच्चो का पालन पोषण उचित प्रकार करना,अपने बच्चो के सभी जरूरतों को ध्यान में रखना ये सभी कर्तव्य भली प्रकार एक नारी ही निभा सकती हैं। 

परिवार के हर सदस्य के लिए भोजन पकाना, सबकी पसंद नापसंद को भी ध्यान में रखना सभी गुण एक नारी में ही मौजूद होते हैं। अपनी हर जिम्मेदारियों से कभी पीछे ना हटना अपने कर्तव्यों की भली प्रकार पूर्ति करना ये सभी विशेष गुण एक नारी में पाए जाते हैं इसलिए नारियो के अस्तित्व के बगैर संसार का टिक पाना असंभव हैं। 

 नारी के कितने स्वरुप होते हैं ?

नारी के कई स्वरुप होते हैं,कही पर नारी एक माँ कहलाती हैं, कही पर नारी एक बेटी कहलाती हैं, कही पर नारी बहन कहलाती हैं,कही पर नारी पत्नी कहलाती हैं, कही पर नारी सास कहलाती हैं, नारी के अनेको रूप हैं, मगर हर रूप में नारी के अपने अलग-अलग फर्ज और दायित्व होते हैं। नारी कमजोर नहीं होती, ना ही नारी प्यार और ममता से विहीन होती हैं। नारी हर जुल्म,हर कष्ट और हर पीड़ा चुपचाप सहन कर लेती हैं यही सहनशीलता उन्हें महान होने का दर्जा देती हैं। 

नारियां सौम्यता की मूर्ति होती हैं वो तबतक ही सौम्य रहती हैं जबतक कोई उन्हें अपने शोषण का शिकार नहीं बनाता मगर यदि कोई नारी को कोई वस्तु समझने की भूल करता हैं तो नारी के भीतर मौजूद उसके कठोर स्वरुप से उसका सामना होता हैं। 

नारी जन्मदायिनी कहलाती हैं उसकी ममत्व में कभी कोई कमी नहीं आती। नारी का स्थान सर्वोच्च होता हैं। अपनी हर खुशियों को अपनी हर ख्वाईशो को मिटा कर फिर भी खुश रहती किसी से कोई शिकायत नहीं करती ये सारी खूबियां एक नारी में ही मौजूद होती हैं। त्याग और बलिदान जैसे  गुण एक नारी  में ही पाए जाते हैं। नारी के स्वरुप का कोई अंत नहीं। 

संसार में नारी का महत्त्व -

यदि नारी महत्त्व की चर्चा करे तो ये बात पहले जान लेना अत्यंत आवश्यक होगा कि ईश्वर की नजरो में भी नारी का स्थान और महत्त्व सर्वोच्च हैं। ईश्वर भी नारी का सम्मान करते हैं इसलिए माँ का इस संसार में ईश्वर से भी ऊंचा दर्जा दिया गया हैं। नारी से ही पुरुष का सम्मान होता हैं इसके पीछे का कारण ये हैं, यदि कोई पत्नी अपने पति को अपमानजनक बाते कहती हैं,या यदि पति अपनी पत्नी को अपमानजनक बाते कहता हैं,तो समाज में दोनों के सम्मान में कमी आने लगती हैं अर्थात दोनों का मान सम्मान खत्म होने लगता हैं।  नारी से ही पूरे कुल का विस्तार होता हैं यदि नारी अपने कुल की इज़्जत बढ़ाने का कार्य करे तो उसके अच्छे संस्कारो से प्रभावित हो कर ईश्वर कुल में सदा सुख और शांति को बनाए रखते हैं। 

नारी वंश का गौरव और वंश की लाज कहलाती हैं। चाहे नारी एक बेटी हो, चाहे नारी किसी की पत्नी हो पूरे वंश का  गौरव नारी से ही होता हैं,यदि नारी अपने सभी कर्तव्यों का उचित प्रकार से पालन करती हैं,तो वो गृह और परिवार धन-धान्य से परिपूर्ण कहलाता हैं। नारी अपनी ममता से अपनी संतान को अच्छे संस्कारो से वाकिफ कराती हैं क्या सही और क्या गलत हैं संतान को सीख प्रदान करती हैं। 

इसलिए बच्चो के विकास में सर्वप्रथम उसकी माँ का हाथ होता हैं। नारी यदि चाहे तो क्या नहीं कर सकती ? नारी अबला नहीं होती हैं यदि नारी कमजोर होती तो आज ये संसार वीरान होता। अपने गृह को चलाने के साथ-साथ नारी हर दायित्व को निभाती हैं,फिर चाहे दफ्तर का कार्य हो या बच्चो का पालन पोषण अपनी हर दायित्व को पूरे दिल से निभाती हैं। नारी वो होती हैं जो हर दुर्गुण को शगुन में बदलने की क्षमता रखती हैं।  

इसलिए नारी को कभी भी अपनी मर्यादा का उलंघन नहीं करनी चाहिए क्योकि मर्यादा में रह कर ही एक नारी सशक्त और कर्तव्यपरायण हो सकती हैं। नारी को कभी कोई अधर्म और अन्याय सहन नहीं करना चाहिए क्योकि, न्याय की मूर्ति होती हैं नारियां। नारी सौभाग्य का प्रतिक होती हैं। 




The woman who gives birth to the entire universe, creates all the living beings, nurtures everyone and infuses power within everyone is the super power woman whom the whole world knows as Mother Adishakti. A part of Goddess Adishakti is found in every woman. This world is being sustained by women only. If there are no women, then no one has any existence in this world. A woman is not an object which can be used whenever you want and thrown away as an old object whenever you want. No woman is powerless because it is not so easy to understand the power of women who forgets every pain and bears all the hardships. 

Keeping her baby in her womb for nine months and giving birth to it is not an easy thing, it is not so easy to bear the pain of delivery, but if a woman did not have so much strength then she would not have been able to give birth to her child. It is a symbol that women power is great. 

This is also a symbol of the fact that Goddess Adishakti resides in every woman of the world. Women are the goddess Lakshmi of the house, women are the Annapurna of the house, women are the beauty of the house, women are the happiness of the house, women are full of all qualities.

Why is the existence of women special in this world?

If women did not exist in the world, there would be no importance in the world. Men would not exist in the world. Today, the small world that has been transformed into a huge one has been done by women, otherwise what would be the importance of this world? Everyone's development is possible only through women and development and progress are possible only through the combination of men and women. Only women have the ability to run their household by including their entire family and keeping everyone's happiness in mind. 

Supporting her husband in all his sorrows and joys, always giving respect to her husband, never shying away from her responsibilities, all these qualities are present in a woman. Only a woman can properly nurture her children, take care of all the needs of her children, all these duties can be performed well. 

Cooking food for every member of the family, keeping everyone's likes and dislikes in mind, all these qualities are present only in a woman. Never shying away from all your responsibilities, fulfilling your duties well, all these special qualities are found in a woman, hence it is impossible for the world to survive without the existence of women.

How many forms of woman are there?

There are many forms of women, at some places a woman is called a mother, at some places a woman is called a daughter, at some places a woman is called a sister, at some places a woman is called a wife, at some places a woman is called a mother-in-law, there are many forms of a woman, But every forms of woman has her own different duties and responsibilities. Women are not weak, nor are women devoid of love and affection. Women tolerate every oppression, every hardship and every pain silently, this tolerance gives them the status of being great.

 Women are the embodiment of gentleness, they remain gentle only until someone makes them a victim of his exploitation, but if someone makes the mistake of considering a woman as an object, then he comes face to face with the harsh form present within the woman. 

A woman is called the birthgiver, there is never any reduction in her motherly love. woman has the highest place. Even after erasing all her happiness and all her desires, she still remains happy and does not complain to anyone. All these qualities are present only in a woman. Qualities like renunciation and sacrifice are found only in a woman. There is no end to the form of a woman.

Importance of women in the world -

If we discuss the importance of women, then it would be very important to know first that in the eyes of God also, the place and importance of women  is supreme. God also respects women, hence mother has been given a higher status in this world than God. The reason behind this is that a man gets respect from a woman, if a wife says derogatory things to her husband, or if a husband says derogatory things to his wife, then the respect of both of them starts decreasing in the society, that is, both Respect begins to disappear. The entire clan expands through women. If a woman works to increase the respect of her clan, then God, influenced by her good deeds, always maintains happiness and peace in the clan. 

Women are called the pride of the lineage and the modesty of the lineage. Whether the woman is a daughter or someone's wife, the pride of the entire clan comes from the woman. If the woman performs all her duties properly, then the house and family are said to be prosperous full of wealth.. Women, with their love, make their children aware of good deeds and teach them what is right and what is wrong.

Therefore, the mother has the primary role in the child's development. What can't a woman do if she wants? Women are not weak. If women were weak then this world would be desolate today. Along with running the household, women fulfill every responsibility, whether it is office work or raising children, they fulfill all their responsibilities whole-heartedly.Women are those who have the ability to convert every demerit into auspicious.

Therefore, a woman should never violate her dignity because only by living within dignity, a woman can become strong and dutiful. Women should never tolerate any unrighteousness or injustice, because women are the embodiment of justice. Women are a symbol of good fortune.


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  1. We should respect every woman because the world exists only because of women. The people who respect women get respect everywhere. Your every Article is brilliant...🥳👍

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