होता जिसे स्वयं पर विश्वास वही रचता हैं इतिहास। ( Only The One Who Has Faith in Himself Creates History )

Snehajeet Amrohi
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विश्वास एक ऐसा शब्द हैं जो यदि किसी के भीतर तब्दील हो जाए तो उसे बदल कर रख देता हैं, अर्थात विश्वास कोई साधारण शब्द नहीं इस शब्द की गहराई अथाह हैं जो इसे बेहतर तरीके से समझ पाते हैं वो इसकी महत्व को भलीभाति जानने में सजग होते हैं। आप सबमे से कुछ ऐसे इंसान मौजूद हैं जो शब्दों को एकमात्र शब्द समझते हैं वो शब्द की गहराई,मतलब,महत्त्व और विशेषता पर इतना गौर नहीं किया करते। यदि मैं सत्य कहूं तो आजकल दुनिया में लोग शब्दों को समझने के बजाय शब्दों का गलत मतलब निकालने में ही अपना कीमती समय बर्बाद कर लेते हैं। 

 मैं आज कुछ ऐसा बतलाने जा रही हूँ, जिसे पढ़ कर,जान कर आप स्वयं में एक बदलाव का अनुभव करेंगे। ये बदलाव एक सकारात्मक बदलाव में आपको एक नवीन ऊर्जा से भर देगा। 

इस ब्लॉग पर आने से पूर्व आप अपने मन को शांत और एकाग्र बना कर इस लेख को पढ़े क्योकि बिना मन के और बिना एकाग्रता के आप कुछ भी समझ पाने में असमर्थ का अनुभव करेंगे। 

क्या हैं विश्वास की परिभाषा - 

विश्वास की सही परिभाषा हैं,''आस्था का प्रतिक'' जो एकमात्र व्यक्ति को ही नहीं,बल्कि व्यक्ति के व्यक्तित्व के साथ-साथ उसके सम्पूर्ण जीवन को बदल कर रख देता हैं। विश्वास इस शब्द को यदि आप बेहतर और सरल तरीके से समझना चाहते तो मैं इसे सरल भाषा में समझाने का प्रयास करती हूँ। इस शब्द का सही अर्थ होता हैं, प्राणी के हर श्वास में जिसका वास हो। 

विश्वास यदि किसी मनुष्य में समा जाए तो वो व्यक्ति स्वयं को बेहतर तरीके से जान और समझ पाने में सक्षम हो जाता हैं अर्थात व्यक्ति अपने गुण और अपने विकार को भी समझ पाने में सक्षम होने लगता हैं। विश्वास में ही ये समस्त ब्रह्माण्ड टिका हैं। विश्वास में ही ईश्वर और ईश्वर की शक्ति टिकी हैं। आप मनुष्य पूजा पाठ और ध्यान क्यों करते हैं ? क्योकि आपको विश्वास हैं की ईश्वर आपकी पूजा स्वीकार कर रहे हैं,ईश्वर यही कही आपके आस पास मौजूद हैं। ये विश्वास की ही शक्ति हैं जो आपको ईश्वर से जोड़े रखती हैं। विश्वास में इतनी शक्ति हैं जो हर असंभव को संभव बना देती हैं।  जहाँ विश्वास नहीं वहां कुछ भी आसान नहीं, जहाँ विश्वास हैं वहीं हर मुश्किल आसान हैं। जैसा की आप जानते हैं जहाँ विश्वास हैं वहीं ईश्वर का वास हैं मेरे कथन का अर्थ ये हैं की आपका विश्वास ही आपको ईश्वर के समीप लाता हैं ठीक वैसे यदि किसी मनुष्य को स्वयं पर विश्वास हो जाए तो वो क्या नहीं कर सकता ? उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं। 

जब किसी मनुष्य में विश्वास की कमी आने लगती हैं तो वो सत्य से वंचित हो जाता हैं अर्थात सही और गलत को समझ पाना उसके लिए कठिन हो जाता हैं ऐसे में उसके विचार नकारात्मक होने लग जाते हैं। सीधे सरल भाषा में समझने का प्रयास करे, जब आप किसी मित्र को या किसी अपने को कोई कार्य सौपते हैं, तो इसके पीछे आपका उस व्यक्ति पर अटूट विश्वास ही हैं जो आपको ये यकीन दिलाता हैं, की वो व्यक्ति आपके कार्य को अवश्य करेगा। मगर यदि वो व्यक्ति आपके कार्य को पूर्ण नहीं करता तो आपको दुःख होता हैं, या आपको क्रोध आता हैं। ठीक उसी प्रकार आपका दिमाग हैं आप अपने दिमाग को जिस दिशा की ओर ले जाएंगे जैसा सोचेंगे वो ठीक वैसा ही कार्य करेगा। यदि आप स्वयं पर विश्वास करेंगे तो आपका दिमाग नकारात्मकता से दूर रहेगा अर्थात आपके दिमाग में सकारात्मक नवीन ऊर्जा का संचार होगा जिसकी सहायता से आप जो चाहे, जैसा चाहे वैसा कर पाने में सक्षम हैं।

 बड़े-बड़े  मनोवैज्ञानिक, खोजकर्ता,वैज्ञानिक जिनका नाम आज इतिहास में दर्ज हैं वो एक साधारण मनुष्य ही थे जिन्होंने अपनी मेहनत और अपने ज्ञान पर विश्वास किया और स्वयं पर विश्वास कर उन्होंने असंभव को भी संभव में तब्दील कर दिया जब एक साधारण इंसान असाधारण कार्य कर सकता हैं, तो आप सोचो जरा,आप क्या नहीं कर सकते ?

खुद सोचे और विचार करे,आख़िरकार भगवान ने आपको इंसान ही बना कर इस धरा पर क्यों भेजा ?

क्योकि ईश्वर को विश्वास था आप इंसान बन कर ईश्वर के विश्वास पर खरे उतरोगे खुद में इंसानियत बसा कर स्वयं का और विश्व का कल्याण करोगे। जो विश्व में चर्चित और प्रसिद्ध महान खोजकर्ता, शोधकर्ता, वैज्ञानिक हुए उन्होंने इस रहस्य को जान लिया था तब जा कर आज उनके नाम की कीर्ति पूरे विश्व में प्रसिद्ध और चर्चित हैं। 




Faith is such a word that if it is transformed within someone, it changes him, that is, faith is not an ordinary word, the depth of this word is immeasurable. Those who understand it better are alert to know its importance very well. There are some people among you who consider words as the only words and do not pay much attention to the depth, meaning, importance and specialty of the words. If I tell the truth, nowadays people in the world waste their precious time in misinterpreting the words instead of understanding them.

Today I am going to tell you something that after reading and knowing you will experience a change in yourself. This change will fill you with new energy in a positive change.

Before coming to this blog, read this article by making your mind calm and concentrated because without mind and without concentration you will feel unable to understand anything.

What is the definition of Trust -

The true definition of faith is, "a symbol of faith" which not only changes the individual but also changes the person's personality as well as his entire life. If you want to understand this word faith in a better and simpler way, then I will try to explain it in simple language. The true meaning of this word is Who resides in every breath of a living being. 

If faith is absorbed in a person, then that person becomes able to know and understand himself in a better way, that is, the person becomes able to understand his qualities and his vices also. This entire universe rests on faith only. God and God's power rest only in faith. Why do you humans worship and meditate? Because you believe that God is accepting your worship, God is present somewhere around you. It is the power of faith that keeps you connected to God. There is so much power in faith that it makes every impossible possible. Where there is no trust nothing is easy, where there is trust every difficulty is easy.As you know, where there is faith, God resides, the meaning of my statement is that your faith brings you closer to God, similarly if a man has faith in himself then what can't he do? nothing is impossible for him

When a person starts lacking faith, he becomes deprived of the truth, that is, it becomes difficult for him to understand right and wrong, in such a situation his thoughts start becoming negative. Try to understand in simple language, when you entrust any work to a friend or a loved one, the reason behind it is your unwavering faith in that person which assures you that that person will definitely do your work. But if that person does not complete your work, you feel sad or angry. In the same way, your mind is like that, whatever direction you take your mind towards, it will work exactly as you think. If you believe in yourself, your mind will remain away from negativity, that is, positive new energy will flow in your mind, with the help of which you will be able to do whatever you want. 

The great psychologists, explorers and scientists whose names are recorded in history today were just ordinary humans who believed in their hard work and their knowledge and by believing in themselves, they transformed the impossible into possible. When an ordinary human being did extraordinary work. If you can, then just think, what can't you do?

Think for yourself and Reflect on Yourself, after all why did God make you a human being and send you to this earth?

Because God believed that by becoming a human being, you would live up to God's trust and by inculcating humanity in yourself, you would benefit yourself and the world. The great explorers, researchers and scientists who became well known and famous in the world had learned this secret and today the fame of their names is famous and popular all over the world.

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  1. Every person should believe in himself and do his work with full dedication, then you can easily achieve success in every task.This article of yours is heart touching.
    🥳👍

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