होता जिसमे खुद को बदलने का जज़्बा,वही बदल सकता हैं दुनिया का नक्शा। ( Only Those Who have The Courage to Change themselves can Change The Map of The World.)

Snehajeet Amrohi
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परिवर्तन अनिवार्य हैं और परिवर्तन सृष्टि और प्रकृति का नियम हैं। परिवर्तन सबके लिए जरुरी हैं चाहे मनुष्य हो पशु-पक्षी हो पेड़-पौधे हो या मौसम बदलाव सबके लिए अनिवार्य हैं यही प्रकृति माता का नियम हैं जिसे कोई बदल नहीं सकता। 

परिवर्तन क्यों आवश्यक हैं -

जब आपका घर पुराना हो जाए तो उसकी दीवारे कमजोर होने लगती हैं दीवारों का रंग भी फीका होने लग जाता हैं तब आप क्या करते हैं ? उस घर में कुछ बदलाव लाने का प्रयास करते हैं आप उस घर को पुनः तुड़वा कर नया बनाते हैं। जब घर नया बनता हैं तो पुराने घर का नक्शा ही बदल जाता हैं अर्थात पुराने नक़्शे को हटा कर एक नया और सुन्दर नक्शा तैयार किया जाता हैं ताकि आपका घर अंदर और बाहर हर तरफ से मजबूत और सुन्दर दिखे। 

जब आपका घर गन्दा हो जाए तो आप उसकी सफाई करते हैं सफाई के बाद जब आपकी नजरे घर पर पड़ती हैं तो आपको बहुत अच्छा महसूस होता हैं पहले और बाद में सफाई के बाद आपका घर पूरी तरह से बदल जाता हैं। ये परिवर्तन आपके लिए आवश्यक था आपके बेहतरी के लिए, जिसके बाद आपको बेहतर और सकारात्मक बदलाव अपने अंदर महसूस हुआ। 

ठीक वैसे जब मनुष्य की आयु बढ़ जाती हैं वृद्धावस्था में पहुँच कर उसका शरीर पहले की भाति मजबूत नहीं रहता अपनी आयु को पूरा करने के पश्चात मनुष्य की मृत्यु हो जाती हैं मगर बस उसका शरीर मरता हैं आत्मा नहीं क्योकि आत्मा तो अजर अमर हैं। फिर मनुष्य मरने के बाद उसकी आत्मा दूसरा शरीर धारण करती हैं, जिसका जैसा कर्म होता हैं वो वैसा ही फल पाता हैं। जिसका कर्म सदा धर्म और मानवता का प्रसार करना रहता हैं जिसने सदैव दूसरो का भला किया हैं वो मरने के बाद मोक्ष का अधिकारी होता हैं अर्थात उसका फिर दूसरा जन्म नहीं होता वो ईश्वर के समीप स्थान प्राप्त करता हैं। मगर जो बुरे कर्म करता हैं दूसरो को कष्ट देता हैं उसे अनेको दुःख और दंड प्राप्त होते हैं और कई जन्मो तक वो अपने बुरे कर्मो का फल भोगता हैं ऐसे मनुष्यो को बार-बार जन्म और मरण के चक्र से हो कर गुजरना पड़ता हैं जबतक वो स्वयं में एक अच्छा बदलाव नहीं लाता जबतक वो अपनी भूल की प्राश्चित नहीं करता तबतक उसे कष्ट झेलना पड़ता हैं। 

जब बहुत गर्मी बढ़ जाती हैं तो आप मनुष्य,पशु-पक्षी,पेड़ पौधे, नदियाँ, तालाब आदि सभी को गर्मी से क्षति पहुँचती हैं तो आप भी यही बदलाव मौसम से चाहते हैं की काश गर्मी से राहत मिले और बारिश हो, ठंडी हवाएं चले ताकि इस परिवर्तन से आपको सुकून और आनंद का अनुभव हो। मगर आपके बस सोचने से ये परिवर्तन संभव नहीं क्योकि ये परिवर्तन यदि कोई संभव कर सकता हैं तो वो एकमात्र हैं प्रकृति, ईश्वर इसके सिवा दूसरा कोई नहीं।  

राहत तो आप चाहते हैं मगर जरा ठहरे और खुद विचार करे इस धरा पर मनुष्यो ने जो प्रकृति से खिलवाड़ किया हैं उसका मजाक बनाया हैं उसका भुगतान कौन करेगा ? 

अब इस धरा पर तो सभी मनुष्य जीव-जंतु  रहते हैं प्रकृति में भयंकर बदलाव आएगा तो उसका असर सभी प्राणियों पर होगा। क्योकि संसार छोटा नहीं विशाल हैं। अब प्रकृति एक-एक को ढूँढ कर तो सजा नहीं देगी यदि आप अब भी नहीं समझे तो मैं आसान शब्दों में कहती हूँ दुनिया में जो पाप और अन्याय हो रहे जगह-जगह जानबूझ कर मासूम बच्चियों को क्षति और कष्ट पहुँचाने का जो अपराध घटित हुआ और हो रहा हैं ये सब प्रकृति से छिपा नहीं सत्य कहूं तो जो पाप और अपराध तुम मनुष्यो पर कर रहे मासूम निर्दोष बच्चियों पर जो अत्याचार कर रहे उसकी हर पीड़ा का अनुभव स्वयं प्रकृति ने किया हैं क्योकि तुमने प्रकृति को ही पीड़ा पहुँचाया हैं क्योकि सभी प्रकृति की ही संतान हैं जिस प्रकृति की गोद में रह कर पल कर तुम बड़े हुए आज उस प्रकृति माता को ही भुला बैठे प्राणियों पर अत्याचार कर के तुमने  प्रकृति माता की कोख को ही दूषित करने का पाप किया हैं जिसका भुगतान तो वो तुम सभी से लेगी ही साथ ही साथ सबको अपनी भूल का एहसास भी कराएगी। 

देश में परिवर्तन कौन ला सकता हैं ? आपका जवाब होगा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री जिसका पद बड़ा हो जिसमे अपनी सत्ता के दम पर कुछ भी बदलाव करने का पूरा अधिकार हो। 

मगर यदि ऐसा होता तो आज देश पूर्ण रूप से बदल गया होता कोई अधर्म अपराध और पाप इस देश और दुनिया में ना हो रहा होता। 

सत्य कहूं तो चुनाव का सही अर्थ किसी को नहीं पता। चुनाव जनता को करना हैं की उनके देश को सुरक्षित और पूर्णतः प्रगतिशील कौन बना सकता हैं ? दावे और वादे वो करते हैं जिन्हे स्वयं के गुणों पर भरोसा नहीं होता जिन्हे स्वयं के कर्मो पर और अपने गुणों पर भरोसा होता हैं वो ना कोई दावा करता हैं और ना ही वादे करता हैं जनता को लालच दे कर उन्हें सत्य से भटकाने से बेहतर हैं, आप जनता के बिना कहे देश के विकास और प्रगति का सही निर्णय ले और अपने कर्तव्यों का उचित प्रकार पालन करे।

चुनाव यदि करना हैं तो सदैव धर्म और सत्य का चुनाव करे फिर देश भी बदलेगा और देश का हर इंसान भी बदलेगा। 



Change is inevitable and change is the law of creation and nature. Change is necessary for everyone, be it humans, animals, birds, trees, plants or weather, change is mandatory for everyone, this is the rule of Mother Nature which no one can change.

Why are Changes Necessary -

When your house gets old, its walls start becoming weak and the color of the walls also starts fading. What do you do then? You try to bring some changes in that house. You demolish that house again and build a new one. When a new house is built, the map of the old house is changed, that is, the old map is removed and a new and beautiful map is prepared so that your house looks strong and beautiful from all sides inside and outside.

When your house gets dirty, you clean it. After cleaning, when your eyes fall on the house, you feel very good. Before and After: After cleaning, your house completely changes. This change was necessary for your betterment, after which you felt better and positive changes within yourself.

Similarly, when a person's age increases, after reaching old age, his body is no longer as strong as before. After completing his age, a person dies, but only his body dies, not the soul because the soul is immortal. Then after a person dies, his soul takes another body and gets the results according to its deeds. One whose work is always to spread religion and humanity, who has always done good to others, is entitled to salvation after death, that is, he does not have to be born again, he attains a place close to God. But the one who does bad deeds and causes pain to others receives many sorrows and punishments and suffers the consequences of his bad deeds for many lives. Such people have to go through the cycle of birth and death again and again until they Does not bring about a good change in himself, until he repents for his mistake he has to suffer.

When the heat increases, you humans, animals, birds, trees, plants, rivers, ponds etc. all get harmed by the heat, then you also want the same change from the weather that you wish there is relief from the heat and it rains, cool winds blow. So that this change makes you feel relaxed and happy. But this change is not possible just by your thinking because if anyone can make this change possible then it is only nature, God and no one else.

You want relief, but stop and think for yourself, who will pay for the way humans have played with nature on this earth and made fun of it? 

Now all humans and animals live on this earth. If there will be a drastic change in nature, it will affect all the living beings. Because the world is not small but huge. Now nature will not find out each one and punish each one. If you still do not understand, then I am telling in simple words about the sins and injustice that are happening everywhere in the world, the crime of deliberately causing harm and suffering to innocent girls. And all this is happening is not hidden from nature. If I tell the truth, the sins and crimes that you are committing on human beings and the atrocities you are committing on innocent girls, nature itself has experienced every pain because you have caused pain to nature itself because all You are the children of nature, in whose lap you grew up, today you have forgotten that Mother Nature and by torturing the creatures, you have committed the sin of polluting the womb of Mother Nature, for which you all are paying. Not only will she take revenge from you, she will also make everyone realize their mistake.

Who can bring change in the country? Your answer will be President, Prime Minister, who has a big position and has full authority to make any change on the basis of his power.

But if it had been so then today the country would have completely changed and no unrighteous crime and sin would be happening in this country and the world.

To tell the truth, no one knows the true meaning of elections. People have to elect who can make their country safe and completely progressive? Claims and promises are made by those who do not have confidence in their own qualities. Those who have confidence in their own actions and their own qualities make neither claims nor promises. It is better to lure people and mislead them from the truth. You take right decisions for the development and progress of the country without the public asking you and perform your duties properly.

If you have to choose then always choose righteousness and truth, then the country will also change and every person of the country will also change.

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  1. We should continuously do good deeds, help all living beings by saving nature and live life by bringing a positive change in ourselves. very inspirational article.🥳👍

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