एक ऐसा सवाल जिसका जवाब गूगल के पास भी नहीं ?( A Question to Which even Google doesn't have The Answer?)

Snehajeet Amrohi
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आप मनुष्य ना जाने कितने सवाल गूगल से करते रहते हो मगर कभी किसी ने  सोचा की गूगल का भी सभी मनुष्यो से बस एक ही सवाल होगा जिसका जवाब गूगल के पास भी नहीं। ऐसे तो कौन सा ऐसा सवाल हैं जिसका जवाब गूगल के पास नहीं ? मगर अक्सर मनुष्यो की आदतों को देख गूगल भी कहीं ना कहीं परेशान हैं। क्योकि गूगल पर ना जाने कितने लोग हर वक़्त कुछ ना कुछ सीखते हैं या कुछ ना कुछ सर्च करते हैं कुछ लोगो का तरीका गलत होता हैं कुछ लोग सही चीज़ो को गूगल सर्च करते हैं,तो कहीं पर  कुछ लोग गलत चीज़ो को सर्च करते हैं, मनुष्यो के इन सभी आदतों को देख गूगल के मन  में बस एक ही सवाल आता होगा ? ना जाने ये मनुष्य अपने भीतर एक बेहतर बदलाव कब ले कर आएंगे ?

क्या इंटरनेट सोशल मीडिया फेसबुक,आपके बच्चो के बिगड़ने की या किसी क्राइम की वजह हैं ?

कुछ लोगो का कहना हैं फेसबुक और सारे सोशल मीडिया एप्प  जबसे आए लोग और बिगड़ गए हैं यहाँ तक की छोटे बच्चे भी अब फेसबुक और ना जाने कितने सोशल एप्प पर अपनी प्रोफाइल बना कर गलत और बुरी आदतों का शिकार बनते जा रहे हैं जबसे इंटरनेट आया हैं लोगो का क्राइम और बढ़ने लगा हैं कुछ लोग इंटरनेट गूगल सोशल मीडिया की काफी निंदा करते रहते हैं मगर किसी ने ये क्यों नहीं सोचने का प्रयास किया क्या इंटरनेट और सारे सोशल एप्प तुम्हे बिगड़ने को कहते हैं ? क्या इंटरनेट फेसबुक कहता तुम यहाँ आ कर लोगो को परेशान करो ? आप मनुष्य जब खुद ठीक नहीं तो किसी अन्य वस्तु या अन्य इंसान को कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं ? 

मान लीजिए रास्ते में एक बड़ा सा कुआं है और आपको उसी रास्ते से हो कर जाना हैं मगर आपका विचार स्वयं उस कुँए में कूदने का होगा तो इसमें कुँए का क्या कसूर ?

मनुष्य में बस यही कमी हैं हैं की वो कोई भी दोष खुद में ढूंढने का प्रयास नहीं करता बल्कि किसी अन्य को उसका जिम्मेदार मान लेता हैं। 

जबसे इंटरनेट आया पूरी दुनिया में बहुत से बेहतर बदलाव आए हैं बहुत सी नई अविष्कार हुई हैं देश में आज इतना विकास यदि संभव हो पाया हैं तो वो इंटरनेट और गूगल के ही बदौलत। फिर आप कैसे कह सकते हैं की इंटरनेट और कोई भी सोशल एप्प गलत हैं ?

संसार में हर समस्या का समाधान हैं मगर मनुष्यो को स्वयं में बेहतर बदलाव लाने की आवश्यकता हैं। ऐसा क्या हैं जो नामुमकिन हैं ? नामुमकिन में यदि ना शब्द को हटा दो तो सब कुछ मुमकिन हैं। मेरे कहने का तात्पर्य यही हैं की कोई भी स्थान गलत और बुरा नहीं होता गलत और बुरा यदि कुछ होता हैं तो वो हैं मनुष्यो की सोच,मनुष्यो की आदते।

यदि आप स्वयं में एक बेहतर बदलाव ले आए तो हर स्थान सही हैं हर वो चीज़ सही हैं जरुरत हैं तो बस उसे सही तरीके से प्रयोग में लाने की। यदि आप स्वयं में बेहतर बदलाव ले कर आ गए फिर ना तो इंटरनेट बुरा होगा ना ही सोशल मीडिया। 

गूगल कहता नहीं मगर वो गूगल सोचता होगा, की काश ये मनुष्य मुझ पर अच्छी चीज़ो और आदतों की खोज करते कुछ बेहतर तलाशने का प्रयास करते तो आज स्वयं में एक बेहतर बदलाव पाते। 


You humans keep asking so many questions to Google, but did anyone ever think that Google will have only one question for all humans, to which even Google does not have the answer. So, what are the questions to which Google does not have the answer? But often Google is also troubled by the habits of humans. Because many people learn something or search something on Google all the time, some people's method is wrong, some people search the right things on Google, and at some places some people search the wrong things, Seeing all these habits of humans, only one question would come to Google's mind? Who knows when these humans will bring about a better change within themselves?

Are internet, social media and Facebook the reason for your children's deterioration or any crime?

Some people say that since the advent of Facebook and all social media apps, people have become worse and even small children are now becoming victims of wrong and bad habits by creating their profiles on Facebook and many other social apps. Since the advent of the Internet, People's crimes have started increasing. Some people keep criticizing the internet, Google and social media, but why hasn't anyone tried to think, do the internet and all the social apps ask you to be spoiled? Does the internet and Facebook tell you to come here and harass people? How can you humans hold any other thing or other person responsible when you yourself are not well?

Suppose there is a big well on the way and you have to go through that path but your idea is to jump into that well, then what is the fault of the well in this?

The only flaw in man is that he does not try to find any fault in himself but instead holds someone else responsible for it.

Since the advent of the Internet, many better changes have taken place in the whole world. Many new inventions have taken place. If so much development has been possible in the country today, it is only because of the Internet and Google. Then how can you say that Internet and any social app is wrong?

There are solutions to every problem in the world but humans need to bring better changes in themselves.What are those things that are impossible? If you remove the word no from impossible then everything is possible. What I mean to say is that no place is wrong or bad, if anything is wrong and bad then it is the thinking of human beings and the habits of human beings.

If you bring about a better change in yourself then every place is right, everything is right, you just need to use it in the right way. If you bring better changes in yourself then neither the internet nor social media will be bad.

Google doesn't say, but Google must be thinking that if only these people had tried to find something better in me by searching for good things and habits, they would have found a better change in themselves today.

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  1. Be it Google or Facebook, any social media application, if we use it well, it will be beneficial for us. In today's modern era, Google is very important in our lives. Very lovely article by you.
    🥳🥳👍

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