जिसकी भावना में विश्वास का वास होता हैं वहीं चमत्कार होता हैं। जैसे हर सुबह के बाद रात्रि का अंधकार दृष्यमान होता हैं, ठीक वैसे जीवन में हर सुख के बाद दुःख और दुःख के बाद सुख का आगमन होता हैं।
जब समय था सतयुग का तो हर तरफ सत्यता के साम्राज्य का विस्तार था मगर ये कालचक्र हैं कलयुग का जहाँ हर तरफ साम्राज्य का विस्तार हैं, झूठ,फरेब,अधर्म और आतंक का। जो चल रहे धर्म और सत्य के रास्ते पर,आज इस कालचक्र में जटिल समस्या और दुःख से घिरे हैं वो, मगर जो चल रहे अधर्म और फरेब के रास्तो पर इस कालचक्र में सुख सुविधाओं से परिपूर्ण हैं वो। जरा विचार करना युग बदला, समय बदला, इंसान भी बदले मगर जो नहीं बदला तो वो एकमात्र भगवान। बदल गया इस कालचक्र में तो इंसान के भीतर छुपा इंसानियत, कलि के प्रभाव में आ कर इंसान में जागृत हुई हैवानियत,आज जो संसार की हालत हैं उसके दोषी हैं एकमात्र इंसान। फिर क्यों कोस रहे ईश्वर को ? क्या तुम्हे नहीं पता अपनी भूल का ? फिर भी लगा रहे ईश्वर के चमत्कार का अनुमान ? ईश्वर इस कलयुग में बढ़ते पाप और अधर्म को देख कर इतने कुपित हैं ऐसे हालात में आप ईश्वर के चमत्कार की उम्मीद करते हो ? चमत्कार होता हैं मगर उसके साथ जिसमे इंसानियत का वास होता हैं जो सदैवअपना भरोसा ईश्वर पर बनाए रखता हैं जिसने कभी कोई अधर्म और पाप नहीं किया। आप सब ईश्वर की ही संतान हो यदि संतान सुमार्ग के पथ पर चले तो, माता-पिता को ऐसी संतान पर अत्यंत गर्व और हर्ष होता हैं,मगर यदि संतान कुमार्ग पर चले तो, इससे माता-पिता का ही अपमान होता हैं, साथ ही साथ उन्हें अत्यंत पीड़ा होती हैं। मनुष्य के अच्छे-बुरे हर कर्मो का फल उसे अवश्य मिलता हैं यदि पिछले जन्म में आपसे कोई भूल या पाप हुआ हैं तो इस जन्म में उसका फल भी आपको ही भुगतना होगा यदि पिछले जन्म में आपने अच्छे कर्म किए सदैव धर्म के मार्ग का अनुसरण किया,तो उसका फल आपको इस जन्म में अवश्य प्राप्त होगा,मगर प्रत्येक कार्य का एक समय एक तिथि ईश्वर द्वारा निर्धारित की जाती हैं,जब जिसका समय आता हैं, उसे समयानुसार ही वो प्राप्त होता हैं।
अब बात करते हैं उनकी जिन्हे ऐसा लगता हैं कि चमत्कार नाम की कोई चीज़ नहीं होती अर्थात आज के दौर में किसी चमत्कार का होना असंभव हैं।
माना की बदलते समय के साथ मनुष्य की सोच और विचार में कई बदलाव आए हैं युग परिवर्तन के साथ-साथ मनुष्य में भी कई परिवर्तन आए हैं सतयुग में माता-पिता भाई-बहन पति-पत्नी सबका रिश्ता अटूट और प्रगाढ़ हुआ करता था मगर आज के कलयुग में सारे रिश्ते-नाते बस नाम के रह गए हैं।
जरा विचार करना जहाँ शौच और गन्दगी होती हैं वहां कोई देवी देवता का वास हो सकता हैं भला ?असंभव ऐसा कदापि नहीं हो सकता। आज बहुत कम लोग ऐसे पाए जाते हैं जिनके मन में किसी के प्रति कोई द्वेष और नफरत नहीं बल्कि उनका मन बिल्कुल निर्मल और सबके प्रति करुणाशील होता हैं।ज्यादातर लोग तो एकदूसरे से प्रतिस्पर्धा,नफरत तथा आपस में बदले की आग में जल रहे हैं खुद का तो अहित कर ही रहे साथ ही साथ दूसरो का भी अहित कर रहे। ईश्वर का चमत्कार ऐसे मनुष्य-प्राणियों के लिए कदापि नहीं होता।
मगर कुछ तथ्य ऐसे भी है जिससे ये संसार अपरिचित हैं-
आपके द्वारा किया गया प्रत्येक क्रियाकलाप ईश्वर से छुपा नहीं, मगर सबसे बड़ी बात तो ये हैं जो साँसे आप सब ले रहे हो वो ईश्वर की ही देन हैं, जिस ऊर्जाशक्ति के दम पर आप आज अपने पैरो पर खड़े हो वो भी ईश्वर की ही देन हैं। आपके हर एक साँस में ईश्वर मौजूद हैं यदि ऐसा ना होता तो आज ये संसार वीरान कहलाता। प्रकृति से जब कोई खिलवाड़ करता हैं तो प्रकृति रुष्ट हो कर अपना रौद्र रूप दिखाती हैं शुरुआत हुई कोरोना महामारी से जब मनुष्य को अपना चेहरा मास्क से ढक कर रखना पड़ा आखिर ऐसा क्यों ? क्यों मनुष्य को मनुष्य से परहेज रखना पड़ा ? क्यों मनुष्यो ने कोरोना महामारी से भयभीत हो कर एकदूसरे से दूरी बनाना बेहतर समझा ? क्योकि मनुष्य ने जितने पाप और अन्याय किया वो अधर्म वो अपराध प्रकृति को दूषित कर डाले जिसका भुगतान सभी को करना पड़ा। फिर अपनी सन्तानो को कष्ट और पीड़ा में देख प्रकृति शांत हुई और सौम्यता धारण की मगर फिर कुछ मनुष्यो ने उसकी पहली चेतावनी को अनदेखा और अनसुना कर दिया,पुनः मार्ग से भटक गए,अब जब प्रकृति का न्याय होगा उसमे केवल निर्मल ह्रदय वाले मनुष्य और सत्यता तथा धर्म के मार्ग पर चलने वालो को ही प्रकृति से रक्षित होने का वरदान मिलेगा। यदि सत्य कहूं तो चमत्कार आज भी संभव हैं क्योकि ईश्वर का न्याय और उनके नियम कभी किसी के लिए ना बदला हैं ना बदलेगा। आज भी इस कलयुग के कालचक्र में ईश्वर यही-कही मौजूद हैं मगर ईश्वर बस अपनी सन्तानो को सुधरने का एक मौका दे रहे हैं क्योकि भूल यदि वक़्त रहते सुधार ली जाए तो वो भूल माफ़ हो जाती हैं मगर भूल को यदि जानबूझ कर कोई बारम्बार दोहराए तो वो भूल फिर एक अपराध कहलाता हैं और कोई भी अपराधी चमत्कार को देखने का भागीदार नहीं बन सकता।
आज मेरी बाते गूगल पर बहुत कम लोगो को समझ आएगी शायद कुछ लोगो को पसंद ना भी आए मगर जिन्हे गहराई से मेरे द्वारा लिखी गई ये बाते यदि समझ आ जाए तो ये मान लेना आप ईश्वर के बहुत करीब हो तथा आप ईश्वर की अनुकम्पा और चमत्कार से दूर नहीं।
Now let's talk about those who feel that there is no such thing as a miracle, that is, it is impossible for any miracle to happen in today's era.
It is believed that with the changing times, there have been many changes in man's thoughts and ideas. Along with the change of era, there have also been many changes in man. In Satyayuga, the relationship between parents, brothers, sisters, husband and wife used to be unbreakable and intense, but today In Kalyug, all relations have remained in name only.
Just think, where there is defecation and filth, can any God or Goddess reside there? This impossible thing can never happen. Today, very few people are found who do not have malice or hatred towards anyone but their mind is absolutely pure and compassionate towards everyone. Most of the people are burning in the fire of competition, hatred and revenge against each other, not only harming themselves but also harming others. God's miracles never happen to such human beings.
But there are some facts which this world is unfamiliar with -
Every activity done by you is not hidden from God, but the biggest thing is that the breaths you all are taking are God's gift, the energy with which you are standing on your feet today is also God's gift. . God is present in your every breath, if it were not so then today this world would be called deserted. When someone plays with nature, nature gets angry and shows its fierce form. The Corona epidemic started when man had to cover his face with a mask. Why so? Why did man have to avoid man? Why did humans feel better about staying away from each other out of fear of the Corona epidemic? Because all the sins and injustice committed by man, those crimes polluted the nature and everyone had to pay for it. Then, seeing her children in pain and suffering, nature calmed down and assumed gentleness, but then some humans ignored and unheard her first warning, again strayed from the path, now when nature's justice will be done, only pure hearted humans and Only those who follow the path of truth and religion will get the blessing of being protected from nature. If I tell the truth, miracles are possible even today because God's justice and His rules have never changed for anyone and will never change. Even today, in the time cycle of this Kaliyuga, God is present here and there, but God is just giving a chance to His children to improve because if the mistake is corrected in time, then that mistake is forgiven, but if someone deliberately repeats the mistake again and again. So that mistake is then called a crime and no criminal can become a part of witnessing the miracle.
Today, very few people will understand my words on Google, maybe some people may not like it, but if those who deeply understand these things written by me, then believe that you are very close to God and you are blessed by God's mercy and miracles and You are not far from God's grace and miracles...
ReplyDeleteOnly the person who has humanity, and truth attains God, those who follow unrighteousness are always guilty of sin. This article cannot be appreciated enough.
🥳👍
Thanks a Lot.....
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