कोई जन्म से बड़ा होता हैं या कर्म से ? Is Someone Great by Birth or by Deeds?

Snehajeet Amrohi
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जन्म कहीं भी हो किसी भी स्थान पर हो चाहे किसी भी परिवार में में चाहे अमीर हो या गरीब कोई जन्म से ही महान नहीं कहलाता। चाहे कोई बहुत बड़ा राजा ही क्यों ना हो चाहे वो सोने की महल में ही क्यों ना रहता हो यदि उसके कर्म अच्छे और न्यायपूर्ण नहीं तो उससे ज्यादा बदनसीब और छोटा कोई अन्य हो नहीं सकता। मगर यदि किसी का जन्म एक झोपड़ी में ही क्यों ना हो मगर यदि उसके कर्म अच्छे हैं यदि वो न्यायपूर्ण हैं तो उससे ज्यादा खुशनसीब और बड़ा कोई अन्य हो नहीं सकता।

अब आप यही विचार कर रहे होंगे की भला एक छोटी सी झोपड़ी में रहने वाला खुशनसीब कैसे हो सकता हैं ? एकमात्र अच्छे कर्म से ही कोई महारत कैसे हासिल कर सकता हैं और वो भी एक झोपड़ी में रहने वाला आम व्यक्ति ?

ऐसा मैंने इसलिए कहा क्योकि आप मनुष्यो को बस यही लगता हैं की केवल दुनिया की नजरो में मशहूर होना ही बहुत बड़ी बात हैं चाहे कर्म कैसे भी हो आज इस कलयुग में कौन कर्मो से प्रभावित होता हैं यहाँ तो बस धन-दौलत वालो का नाम ही काफी हैं मगर ये गलत हैं। क्योकि जब तुम्हारे कर्मो से ईश्वर ही प्रभावित नहीं तो तुमने एकमात्र दुनिया वालो को प्रभावित भी कर डाला तो कौन सा महारत हासिल कर डाला ?

एक छोटा बच्चा भी यदि अच्छे और बुरे के भेद को समझता हैं तो उस बच्चे के कर्म और उसकी अच्छी सोच उसे महान बनाती हैं।

सबसे बड़ा सत्य जो हैं उसे आजतक कोई ना ही जान पाया हैं और ना जान पाएगा ऐसा मैंने इसलिए कहा क्योकि आज के मनुष्य बस दिखावे और छलावे में जी रहे हैं और जो दिखावे और छलावे में जीते हैं वो कभी सत्य तक नहीं पहुँच सकते। उन्हें ये नहीं पता ईश्वर तो उनसे कोसों दूर जा चूके हैं, फिर एकमात्र अपनी तसल्ली के लिए ईश्वर की पूजापाठ और भक्ति का ढोंग करते फिरते हैं।

अब जरा स्वयं विचार करो जब आपके समक्ष कोई मित्र आपसे प्यार से और सम्मान से बर्ताव करे मगर आपके गैरमौजूदगी में आपका वो मित्र दुसरो के समक्ष आपके प्रति अपमानजनक बाते कहे तो आपको उसके इस बर्ताव से कैसा महसूस होगा ? अवश्य आपको दुःख भी होगा और क्रोध भी आएगा। तो सोचे आप आम इंसान हो कर भी ऐसा सहन नहीं कर सकते तो आप सभी मनुष्यो को बनाने वाले वो ईश्वर ये सब भला कैसे सहन करते होंगे ? 

जिस तरह मनुष्य अधर्म और अन्याय कर रहा इन सभी कर्मो को देख ईश्वर के दिल पर क्या गुजरती होगी भला किसी ने ये विचार किया हैं ?

खाने में यदि नमक या मिर्च अधिक हो जाता तो आप उसे खा नहीं पाते हैं और उस भोजन को छोड़ कर उठ जाते हैं मगर जो बुरे कर्म बुरी आदते अपना कर आप दुसरो के जीवन को बर्बाद करने में लगे हैं आपके वो बुरे कर्म और बुरी सोच आपके जीवन में विष भरने का कार्य कर रही हैं जिसका अनुमान आपको भी नहीं क्योकि आजकल मनुष्य मेरा घर,मेरा दौलत,मेरा जायदाद करने में लगे हैं तो कोई ये भी याद रख ले जैसे आप अपनी चीज़ो को केवल अपना हक़ जताने में लगे हैं,ठीक वैसे आप अपने बुरे कर्मो का फल भी अपने ही हिस्से में लेने के लिए भी तैयार रहे।

प्रह्लाद एक छोटा सा बालक ही था और उसका पिता हिरणकश्यप एक बड़ा प्रतापी शक्तिशाली दैत्य राजा था जिसने ब्रह्मदेव से अनेको वरदान लिया था मगर उसके बुरे कर्मो ने वरदानो को अभिशाप में बदल डाला और वही उसके मृत्यु और पराजय का कारण बना। प्रह्लाद दैत्य राजा हिरणकश्यप का पुत्र होने के बावजूद भी उसके अच्छे नेक कर्मो ने उसे महान होने का दर्जा दिया ईश्वर ने भी प्रह्लाद को प्रिय भक्त के रूप में स्वीकार कर उसे वरदान दिया। प्रह्लाद के अच्छे कर्मो ने ही उसे हिरणकश्यप के अत्याचार और दंड से रक्षित रखा। क्योकि अच्छे कर्म करने वालो पर सदैव ईश्वर की छत्रछाया बनी रहती हैं जो हर विपरीत परिस्थिति में आपकी रक्षा करती हैं।

चाहे आप किसी भी धर्म में जन्मे हो चाहे आप किसी भी जाति या मजहब से ताल्लुक रखते हो ये मायने नहीं रखता क्योकि ईश्वर की नजरो में सब एक समान हैं यदि कुछ मायने रखता हैं तो वो हैं आपका कर्म इसलिए कोई भी बड़ा जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्म से बड़ा होता हैं।



No matter where one is born, in whichever place, in whichever family, whether one is rich or poor, no one is called great by birth. No matter if one is a great king, even if he lives in a golden palace, if his deeds are not good and just, then no one can be more unfortunate and small than him. But even if someone is born in a hut, but if his deeds are good and just, then no one can be more fortunate and big than him.

Now you must be thinking that how can a person living in a small hut be so lucky? How can someone achieve mastery only by doing good deeds and that too by a common man living in a hut?

I said this because you humans think that just being famous in the eyes of the world is a big deal, no matter how your deeds are, in this Kaliyug, who is impressed by deeds? Here, only the name of the rich is enough, but this is wrong. Because when even God is not impressed by your deeds, then what mastery have you achieved if you have impressed the people of the world?

If even a small child understands the difference between good and bad, then the deeds of that child and his good thinking make him great.

Till date no one has been able to know the biggest truth and I said this because today's people are living only in pretense and deception and those who live in pretense and deception can never reach the truth.They do not know that God is far away from them, yet they keep pretending to worship and pray to God just to satisfy themselves.

Now think for yourself, when a friend treats you with love and respect in your presence, but in your absence that friend of yours says insulting things about you in front of others, then how will you feel about his behavior?

 You will definitely feel sad and angry. So think, if you, being a common man, cannot tolerate this, then how will the God who created all of you humans tolerate all this? The way man is committing sin and injustice, has anyone thought about what God must be going through in his heart after seeing all these acts?

If there is excess salt or chilli in the food, then you are unable to eat it and you leave that food and get up, but the bad deeds and bad habits by which you are engaged in ruining the life of others, those bad deeds and bad thinking of yours are filling poison in your life, which you cannot even imagine, because nowadays people are engaged in saying my house, my wealth, my property, so someone should also remember that just like you are engaged in claiming your rights on your things, similarly you should also be ready to take the fruits of your bad deeds in your own share.

Prahlad was just a small child and his father Hiranyakashyap was a very powerful demon king who had taken many boons from Lord Brahma but his bad deeds turned the boons into curses and became the reason for his death and defeat. Despite being the son of demon king Hiranyakashyap, Prahlad's good deeds gave him the status of being great. God also accepted Prahlad as his beloved devotee and blessed him. Prahlad's good deeds protected him from Hiranyakashyap's atrocities and punishment because those who do good deeds always have God's protection which protects you in every adverse situation.

Whether you are born in any religion or you belong to any caste or creed, it does not matter because in the eyes of God everyone is equal. If something matters then it is your deeds. Hence, no one is great by birth but by his deeds.

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  1. Every person should always do good deeds because a person becomes great by his deeds and not by birth.. very good article🥳👍

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