* जिनके नाम से मिली तुम्हें पहचान, आज उनके उपकारों को भुला बैठी उनकी संतान, ऐसी संतानो को कैसे मिल सकता हैं जग में मान और सम्मान ? जिन्हे अपने माता-पिता की अहमियत का ही नहीं ज्ञान।।
* ये कलयुग की कैसी माया हैं ? हर तरफ अधर्म और पाप की काली छाया हैं, जिस माता-पिता में बसते भगवान आज हो रहा हर तरफ उनका ही अपमान,फिर ऐसी संतानो से क्यों ना हो रुष्ट भगवान।।
* चाहे जाओ तुम कितने भी तीरथ धाम, यदि रखा नहीं तुमने अपने माता-पिता का ध्यान फिर किसी काम का नहीं तुम्हारा कोई तीरथ धाम,क्योकि माता-पिता की चरणों में ही हैं चारों धाम।।
* जिस घर में होता हैं बुजुर्गो का वास,वहीं पाया जाता हैं ईश्वर का निवास, होता हैं खुशनसीब वो घर क्योकि वहीं पाए जाते साक्षात् ईश्वर।।
* जिनकी सेवाभाव से मिलता हर पाप से मुक्ति, बुजुर्गो के आशीर्वाद में होती हैं इतनी शक्ति, चाहे तुम कर लो ईश्वर की कितनी भी भक्ति मगर बुजुर्गो के आशीष के बिना निरर्थक हैं तुम्हारी ये भक्ति।
* जब था तुम्हारा बालपन माता-पिता ने दिया तुम्हे स्नेह भरा जीवन, मगर जब आया माता-पिता का वृद्धावस्था भरा जीवन तो बदले में दिया तुमने उन्हें दुःख भरा जीवन, फिर क्यों ना मिले ऐसी संतानो को कष्ट आजीवन।।
* What kind of illusion of Kalyug is this? Everywhere there is the dark shadow of sin and injustice. The parents in whom God resides are being insulted everywhere. Then why shouldn't God be angry with such children..
* No matter how many holy places you visit, if you do not take care of your parents then none of your holy places is of any use, because all the four holy places are at the feet of your parents..
* The house where elders live, there God is found, that house is lucky because there God is found alive..
* Serving them liberates us from all sins. The blessings of elders have so much power. No matter how much you worship God, your worship is futile without the blessings of elders..
* When you were a child your parents gave you a life full of love but when your parents reached old age you gave them a life full of sorrow in return, then why shouldn't such children face pain throughout their life..
🙏इन पंक्तियों में मुझे मेरा भविष्य दिखाई दे रहा है💯
ReplyDeleteThank you..god bless you....
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ReplyDeleteI got the inspiration to write these lines from my parents and teachers. Till the time you do not serve your parents and elders, all your prayers, all your pilgrimages are useless....🥳👍
Every poem of yours touches the heart, no amount of praise for your knowledge will ever be enough...
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