मनुष्य ना जाने कितनी दुविधाओं को अपनी जिंदगी में शामिल कर ना सिर्फ अपना समय बर्बाद करता हैं बल्कि हर दुःख को स्वयं ही अपनी और आकर्षित करने का कार्य करता हैं। दुविधा इंसान के ना सिर्फ प्रगति की विरोधी हैं बल्कि उसकी खुशियों का भी शत्रु हैं। क्योकि दुविधा जहां अपना स्थान बना लेती हैं आपके हर सुविधा के मार्ग को अवरोध कर देती हैं कहने का तात्पर्य हैं जब व्यक्ति को किसी भी कार्य को ले कर मन में यदि संदेह उत्पन्न होने लगता हैं की पता नहीं मेरा ये कार्य अच्छी तरह संपन्न होगा या नहीं ? मनुष्य की यही दुविधा उसके उन्नति को उसके मार्ग से हटाने का कार्य करती हैं। क्योकि जब मनुष्य को स्वयं ही भरोसा नहीं तो उसका दिमाग उसे सही रास्ता कैसे दिखा सकता हैं ?
जब हर तरफ से रास्ते बंद हो जाते हैं तभी इंसान के अकल ठिकाने आती हैं कहने का अर्थ हैं जब नियति आपका साथ देती हैं आपको मौका देती हैं तो आप अपनी दुविधाओं को गले लगा लेते हैं, आपको बस यही लगता हैं की, क्या ये वाकई संभव हैं ? क्या मेरे अंदर वो हुनर हैं ? क्या मैं सफल हो सकता हूँ ? बेशक हो सकते हो तुम सफल यदि अपनी दुविधाओं से उभरने का ढूंढ़ लिया तुमने हल।
क्या हैं दुविधाओं से मुक्ति का रास्ता ?
जो आपको कठिन लग रहा हैं असलियत में वो कठिन होता नहीं उसे तो आप मनुष्यो ने कठिन नाम दे कर कठिन समझ रखा हैं। यही से तो होती हैं मनुष्यो की दुविधा की शुरुआत। एक सवाल है मेरा सभी मनुष्यों से आपको अपनी खुशियों से प्यार हैं या नहीं ? यदि आपका जवाब हाँ हैं यदि आपको वाकई अपनी खुशियों से अपनी जिंदगी से प्यार हैं तो सर्वप्रथम अपनी जिंदगी से संदेह को हर दुविधा को निकाल कर बाहर कर दे। आपको स्वतः ही अपनी हर दुविधाओं से मुक्त होने का रास्ता मिल जाएगा। यदि आप फिर भी नहीं समझे तो सबसे आसान भाषा में कहूं तो इस दुविधा को आपकी जिंदगी में लाया कौन ? बेशक आपने लाया हैं,तो इसे दूर भी आप ही कर सकते हैं।
निकाल दो हर एक तकलीफ को अपने जीवन से जो तुम्हे कष्ट पहुंचाने का कार्य करती हैं, निकाल दो हर संदेह को अपने जीवन से जो तुम्हे निराश करने का कार्य करता हैं। निकाल दो हर दुविधाओं को जो तुम्हारे जीवन के खुशियों को तुमसे दूर करने का कार्य करती हैं। क्या संभव नहीं हैं तुम्हारे लिए ? अपने जिंदगी से इस 'ना 'शब्द को बाहर करो। अपनी योग्यता और क्षमताओं पर विश्वास करो फिर देखो हर असंभव भी संभव होगा, हर समस्या का निदान होगा हर दुविधा से तुम्हारा जीवन मुक्त होगा।
आप स्वयं विचार क्यों नहीं करते जब आप प्रातः काल उठना चाहते हैं तो आपका आलस्य आपको रोकने का कार्य करता हैं मगर यदि आप अपने आलस्य को दूर कर उससे मुक्त हो कर समय से उठ जाते हैं तो आपका हर कार्य समय से होता हैं। क्योकि चाहना ना चाहना ये मनुष्य के हाथ में होता हैं इसलिए तो कहते हैं ''जो जागा वो पाया जो सोया वो खोया ''
* आज जो मनुष्य अपनी सफलता से दूर हैं बेशक इसमें थोड़ा तो उनका भी कसूर हैं,क्योकि दुविधाओं से घिरा मनुष्य स्वयं ही अपनी उन्नति से दूर हैं।।
मनुष्य के पास बस दो ही विकल्प हैं या तो वो अपने जीवन को संवार ले या तो अपने जीवन को दुविधाओं में उलझ कर यूँही बर्बाद कर दे। मगर संवारने के लिए खुद में सच्ची लगन और विश्वास का होना अनिवार्य हैं और स्वयं में निखार लाने के लिए व्यक्ति को सदैव सकारात्मक सोच के साथ ही जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। जब ठोकर नहीं लगेगा तो व्यक्ति को हर कदम सचेत हो कर आगे बढ़ने का पता कैसे चलेगा ? अर्थात अपनी हर एक भूल से ही व्यक्ति सही और गलत को परख पाने में कुशल होता हैं। ये ज्ञान यूँही प्राप्त नहीं होता, ज्ञान को प्राप्त करने के लिए भी आपके आत्मज्ञान का विकसित होना अनिवार्य हैं और जिसे आत्मज्ञान हो जाता हैं वो ही संसार का महानतम ज्ञानी कहलाता हैं।
आत्मज्ञान होता क्या हैं ? कुछ लोगो के प्रश्न यही आ कर ठहर जाते हैं। आत्मज्ञान वो ज्ञान हैं जो आपको किसी किताब और ग्रन्थ से प्राप्त नहीं होता। क्योकि आत्मज्ञान हर किसी में मौजूद नहीं होता। आत्म ज्ञान जब किसी व्यक्ति के भीतर समाहित होने लगता हैं तो उसके सोचने समझने का तरीका ही बदल जाता हैं उस व्यक्ति में सही और गलत को परखने का हुनर आ जाता हैं, सांसारिक मोहमाया से अर्थात धन-दौलत लोभ-लालच, ईर्ष्या,अहंकार और क्रोध से एक आत्म ज्ञानी व्यक्ति सदैव दूर रहता हैं। आत्म ज्ञान यूँही प्राप्त नहीं होता खास कर इस कलयुग में क्योकि आत्म ज्ञान की प्राप्ति तभी हो सकती हैं जब मनुष्य सत्य और धर्म के मार्ग पर चल कर अपने भीतर इंसानियत को जागृत कर पाने में सफल होता हैं,बड़े बुजुर्गो का सदा सम्मान करता हैं, सभी भेदभाव से दूर हो कर जन कल्याण के लिए अपना कदम बढ़ाता हैं।स्त्रियों को सदा सम्मान भरी नजरों से देखता हैं। ये सारे गुण उस व्यक्ति में जन्म से ही मौजूद होते हैं। क्योकि यही तो कहलाता हैं आत्म ज्ञान जो स्वयं ही व्यक्ति में जागृत होता हैं।जिसके अंदर आत्मज्ञान का समावेश होता हैं वो व्यक्ति अपने किसी भी फैसले के लिए किसी अन्य पर आश्रित नहीं रहता, अपने हर निर्णय को सरलता से ले पाने में वो व्यक्ति सफल होता हैं तथा जीवन में विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी उस व्यक्ति के अंदर कभी कोई भय और निराशा नहीं आती। अपने हर दुर्गम से दुर्गम कार्य को वो सुगम बना लेता हैं।
यही हैं वो आत्मज्ञान जिसके भीतर ही हर दुविधाओं से मुक्त होने का समाधान हैं।
When all the doors are closed, only then a person comes to his senses. It means that when destiny favors you and gives you a chance, then you embrace your dilemmas. You just think that, is this really possible? Do I have that talent? Can I be successful? Of course you can be successful if you find a solution to overcome your dilemmas.
What Is The Way To Get Rid Of Dilemmas?
What seems difficult to you is not difficult in reality, you humans have considered it difficult by giving it a difficult name. This is where the dilemma of humans begins.I have a question for all human beings, do you love your happiness or not? If your answer is yes, if you really love your happiness and your life, then first of all remove every doubt and dilemma from your life.You will automatically find a way to get rid of all your Dilemma.If you still don't understand, then in the simplest language, who brought this dilemma into your life? Of course you brought it, so only you can remove it.
Remove every problem from your life that hurts you, remove every doubt from your life that disappoints you. Remove every dilemma that takes away the happiness from your life. What is not possible for you? Remove this word 'no' from your life. Believe in your abilities and capabilities, then see every impossible will become possible, every problem will be solved, your life will be free from every dilemma.
Why don't you think for yourself, when you want to get up in the morning, your laziness stops you, but if you get rid of your laziness and get up on time, then all your work gets done on time. Because whether you want it or not is in the hands of man, that is why it is said that ''The one who wakes up gets it and the one who sleeps loses it''
* Today the people who are far from their success, no doubt they are also partly at fault, because the man surrounded by dilemmas is himself far from his progress..
A man has only two options, either he should improve his life or he should ruin it by getting entangled in dilemmas. But to improve it, it is essential to have true dedication and faith in oneself and to improve oneself, a person should always move ahead in life with positive thinking.If one does not stumble, how will one know to move ahead with caution at every step? That is, it is through each of his mistakes that a person becomes skilled in judging right and wrong. This knowledge is not obtained just like that, to acquire knowledge, it is essential to develop your self-knowledge and the one who has self-knowledge is called the greatest knowledgeable person in the world.
What is self-knowledge? Some people's questions stop here. Self-knowledge is that knowledge which you do not get from any book or scripture. Because self-knowledge is not present in everyone. When self-knowledge starts getting absorbed in a person, his way of thinking and understanding changes. That person gets the skill to judge right and wrong. A self-knowledged person always stays away from worldly illusions i.e. wealth, greed, jealousy, ego and anger. Self-knowledge is not attained just like that, especially in this Kaliyug because self-knowledge can be attained only when a man is successful in awakening humanity within himself by walking on the path of truth and righteousness, always respects elders, stays away from all discrimination and takes steps for public welfare. Always looks at women with respect. All these qualities are present in that person from birth. Because this is what is called self-knowledge which awakens in a person by itself.The person who has self-knowledge in him does not depend on anyone else for any of his decisions, he is able to take all his decisions easily and even in the most adverse circumstances of life, he never feels any fear or despair. He makes every difficult task easy.
This is the self-knowledge that contains the solution to being free from all dilemmas.
ReplyDeleteEvery person should do every work by believing in himself, only then you can reach your destination easily. Each of your articles is very good. I wait for each of your articles.
Thank you so much...
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