जहां अधर्म और असत्य का बोलबाला होता हैं उस स्थान पर कभी ईश्वर की दिव्यता मौजूद नहीं हो सकती। आज इस दुनिया में हर घर में लोग ईश्वर की तस्वीर उनकी मूरत को स्थापित कर तो देते हैं मगर जो सबसे आवश्यक बात हैं उसे ही भूल जाते हैं। हर घर में पाए जाने वाले बड़े बुजुर्ग माता-पिता का स्थान पूजनीय होता हैं यदि आप उनका ही सम्मान नहीं करते फिर इस पत्थर की मूरत को पूजने से ईश्वर आप पर मेहरबान नहीं हो सकते क्योकि ईश्वर का वास कण-कण में मौजूद हैं जहां सत्य और धर्म का वास हैं ईश्वर का भी वहीं वास हैं। जिस घर में बड़ो का सम्मान होता हैं वहां पत्थर की मूरत में भी ईश्वर का वास स्वतः ही होने लगता हैं एकमात्र ऐसे घरों में ही ईश्वर की दिव्यता पाई जाती हैं।
ये दिव्यता एक साधारण इंसान में यदि मौजूद होती हैं तो वो उसे भी एक असाधारण इंसान में तब्दील कर देती हैं। दिव्यता उसी व्यक्ति के अंदर पाई जाती हैं जिसकी सोच सदैव सकारात्मक होती हैं जो कभी किसी के लिए बुरा ना ही सोचता हैं और ना ही बुरा करता हैं जो सदैव अधर्म और असत्य से स्वयं को दूर रखता हैं।
कुछ लोगो की मानसिकता ऐसी होती हैं की उन्हें ऐसा लगता हैं आज इस युग में जो गलत करता हैं वही सदैव खुश रहता हैं क्योकि इस कलयुग में ईश्वर किसी को नहीं देखते कौन क्या कर रहा ईश्वर को कोई मतलब नहीं यही भूल और ये विचार ऐसे व्यक्ति के विनाश का शंखनाद हैं अर्थात विनाश काले विपरीत बुद्धि। जब एक अधर्मी अनेक अधर्म करता है तो उसका विवेक छिन्न-भिन्न हो जाता हैं उससे कई पाप करवाता हैं जिससे उसका विनाश शीघ्र हो सके। आज इस बदलते युग में किसी को सही ज्ञान दो तो वो आपको ही गलत ठहरा जाता हैं और आपकी बात को अनसुना कर आगे बढ़ जाता हैं बाद में जब उसे ठोकर लगती हैं तो उसे उस ज्ञान भरी बातो की अहमियत का अंदाज़ा होता हैं वही आज घटित हो रहा हैं लोग काल्पनिक बातो के पीछे अधिक भाग रहे हैं मगर जो वास्तविक ज्ञान और उपदेश हैं उसी से खुद को वंचित करने की भूल कर रहे हैं। इसलिए मनुष्य को सदैव सत्य का ही साथ देना चाहिए क्योकि सत्य को कभी असत्य पराजित नहीं कर सकता। सच कहने वाला व्यक्ति कभी भयभीत नहीं हो सकता क्योकि भयभीत वही होता हैं जिसने असत्य का दामन पकड़ रखा हैं जो सदैव झूठ का साथ देता हैं और झूठ को ही सत्य से पकड़े जाने का खौफ होता हैं। झूठ बोलने वाला व्यक्ति कभी चैन की नींद नहीं सो पाता उसे हर घड़ी बस झूठ के पकड़े जाने की चिंता सताते रहती हैं उसके जीवन की तमाम खुशियां भी उससे छिन्न जाती हैं।
मैं पूछती हूँ क्या मिलेगा दो पल की खुशी के लिए किसी की खुशियों को छीन कर ? क्या मिलेगा ईश्वर की दी गई जिंदगी किसी से छीन कर ? क्या मिलेगा अपने ही माता-पिता को उनके ही घर से बेघर कर ? ये सब क्षणिक सुख तुम्हे पल भर ही आनंद दे सकता हैं मगर जो दिव्य ऊर्जा सब देख रही जरा विचार करो उसके मौन होने के पीछे क्या रहस्य हैं कहीं ये कोई भयंकर तबाही का कोई संकेत तो नहीं जिसे आज के मनुष्य समझ नहीं पा रहे ?
Wherever Divinity resides, There God's Abode is found.Divinity is seen only where truth and righteousness reside. Because God always supports righteousness and God always supports truth, therefore, wherever truth and righteousness are found, there is evidence of God's divinity.
God's divinity can never exist in a place where injustice and untruth prevail.Today in this world people install God's picture and idol in every home but they forget the most important thing.The place of elders and parents found in every house is worshipful. If you do not respect them, then God cannot be kind to you by worshipping this stone idol because God resides in every particle. Wherever truth and righteousness reside, God also resides there. In the house where elders are respected, God automatically starts residing in the stone idol. Only in such houses is the divinity of God found.
If this divinity is present in an ordinary person, it transforms him into an extraordinary person. Divinity is found in that person whose thinking is always positive, who never thinks bad about anyone nor does bad things, who always keeps himself away from injustice and untruth.
The mentality of some people is such that they feel that in this era, the one who does wrong is always happy because in this Kaliyug, God does not see anyone, God does not care who is doing what. This mistake and this thought is the clarion call for the destruction of such a person, i.e., when there is destruction, the intellect works in the opposite direction.When an unrighteous person commits many sins, his conscience is shattered and he commits many sins, which leads to his quick destruction.Today in this changing era if you give correct knowledge to someone then he considers you wrong and ignores your words and moves ahead, later when he stumbles, then he realizes the importance of those knowledgeable words, the same is happening today, people are running more after imaginary things but are making the mistake of depriving themselves of the real knowledge and teachings.Therefore, man should always support the truth because truth can never be defeated by falsehood. A person who speaks the truth can never be afraid because only he is afraid who has held on to falsehood, who always supports lies and the liar is afraid of being caught by the truth. A person who lies can never sleep peacefully, he is always worried about being caught in his lie, all the happiness of his life is also snatched away from him.
I ask what will you get by snatching someone's happiness for a few moments of happiness? What will you get by snatching someone's life given by God? What will you get by making your own parents homeless from their own home? All these momentary pleasures can give you happiness for a moment only, but just think about the mystery behind the silence of that divine energy which is watching everything. Is this a sign of some terrible destruction which today's people are unable to understand?
ReplyDeleteMan should support truth in every situation because truth always wins and a truthful person always wins. Very lovely article.
🥳🥳👍❤
Thank you....
Delete