* पापा की परी हूँ मैं,अपनी माँ का स्वाभिमान हूँ मैं,और अपने पति की आन बान और शान हूँ मैं।।
* हर दुःख और समस्याओं से गुजरी हूँ मैं,कभी गिर कर संभली हूँ मैं,मुझे राह के कंटक क्या रोकेंगे ? खुद ही अपने पाँव के कांटो को निकाल कर यहां तक आई हूँ मैं।।
* दुनिया की भीड़ से जो अलग चलता हैं,एक दिन उसके ही किस्मत का सितारा चमकता हैं,ये अधर्म और जुल्म के अंधकार मुझे क्या भयभीत करेंगे ? क्योकि मैं तो सत्य हूँ जिसके साथ हर पल हर क्षण ईश्वर चलता हैं।।
* जब किसी ने नहीं दिया था मेरा साथ,फिर भी मेरे मन में था एक ही विश्वास,तो क्या हुआ आज कोई नहीं दे रहा मेरा साथ ? मैं तो सत्य हूँ फिर मुझे किसका भय,जब ईश्वर ने ही थाम रखा हैं मेरा हाथ,फिर मुझे नहीं चाहिए औरों का साथ।।
* रक्तरंजित हो रहे जो अधर्मियों के हाथ,जुल्म सितम ढा रहे जो नारियो के साथ, क्यों इस सत्य से हो रहा ये संसार अंजान,कि होती हैं, नारियो की शक्ति की मुझसे ही पहचान,आज नारियो की इस दशा को देख मैं स्वयं हूँ हैरान।।
* जब अकेले ही आना हैं और अकेले ही जाना हैं, फिर क्यों किसी बात से घबराना हैं ? आज अहमियत नहीं लोगो को मेरी अच्छाई की,वो भला क्या जाने होती हैं, क्या खूबियां सच्चाई की ? फिर भी अपनी तन्हाई में मगन हूँ मैं,क्योकि मैं तो सत्य हूँ, हर पल,हर घड़ी,हर क्षण हूँ मैं।।
* ये हिंसक नफरत की अग्नि में मुझे क्या जलाएंगे ? स्वयं ही एक धधकती अग्निपुंज हूँ मैं,अग्नि का भी स्रोत हूँ मैं, क्योकि मैं तो सत्य हूँ हर पल,हर घड़ी,हर क्षण हूँ मैं।।
* भीषण नदियों की धारा,समुंद्र भी जिससे मांगता अपना किनारा, उस जलधारा का भी स्रोत हूँ मैं, क्योकि मैं तो सत्य हूँ,हर पल,हर घड़ी,हर क्षण हूँ मैं।।
WRITER - ✍''SNEHAJEET AMROHI''
* I have gone through every pain and problem, sometimes I have fallen and then I have regained my balance, how can the thorns on the path stop me? I have come here by removing the thorns from my feet myself.
* One day the star of fortune shines on the one who walks away from the crowd of the world. How can the darkness of injustice and oppression frighten me? Because I am the truth with whom God walks every moment and every second..
* When no one supported me, even then I had only one faith in my mind, so what if no one is supporting me today? I am the truth then why should I fear, when God himself has held my hand, then I do not need the support of others..
* The hands of the unrighteous are getting bloodstained, the women are being oppressed, why is the world becoming unaware of this truth, that it is only through me that the power of women is recognized, today I myself astonished to see this condition of women..
* When I have to come alone and go alone, then why should I be afraid of anything? Today people do not value my goodness, how would they know the qualities of truth? Still I am happy in my loneliness, because I am the truth, I am there every moment, every hour, every second.
* How will they burn me in the fire of violent hatred? I myself am a blazing fire, I am the source of the fire as well, because I am the truth, I am there every moment, every hour, every second..
* The flow of the fierce rivers, from which even the ocean seeks its shore, I am the source of that stream too, because I am the truth, I am there every moment, every hour, every second..
WRITER - ✍''SNEHAJEET AMROHI''
ReplyDeletePower is the identity of a woman, woman is the family, woman is the society and the whole world exists because of the power of women, so learn to respect women. Very lovely poem by you.👍
Thank you....
DeleteWah kya baat 👏👏👍
ReplyDeleteThank you....
Delete