इंसान ठान ले यदि तो पत्थर भी पिघल जाते हैं रास्ते में बिछे कांटे उसका बाल भी बांका नहीं कर पाते हैं।
देश में क्यों कानून की व्यवस्था स्थापित हुई ताकि निर्दोषो को न्याय और दोषियों को सजा मिल सके मगर आज हमारे देश में ना जाने कितने ऐसे लोग मौजूद हैं जो मासूम देश की जनता को लूटने का कार्य कर रहे हैं यदि ऐसा ना हो रहा होता तो आज देश में मासूम बच्चियों और बहु,बेटियों के साथ अन्याय और अपराध नहीं हो रहा होता।
जो कानून आपको न्याय ना दिला सके तो वो कानून कौन सा कानून और किस काम का ? जब देश की प्रजा पर आंच आती हैं तो उस राज्य का राजा सर्वप्रथम उनके लिए सुरक्षित कानून व्यवस्था की स्थापना करता हैं ताकि किसी के साथ अन्याय ना हो सके जब राजा के होते हुए भी यदि उसकी प्रजा मुसीबत का सामना कर रही फिर उस राजा का होना और ना होना बिल्कुल भी मायने नहीं रखता।
मगर यहां तो भय हैं शासन और सत्ता की लोग कहीं क्रोध में आ कर राजा को ही अपने पद से ना हटा दे शायद यही कारण हैं जो आज देश में कानून व्यवस्था और न्याय व्यवस्था कमजोर हो चुकी हैं। निर्दोष की जान जा रही और अधर्मी मौज कर रहे इस माहौल को देख बस एक ही ख्याल आज मेरे जहन में आया हैं कहीं ये सम्पूर्ण विश्व के लिए एक बड़ी तबाही की ओर संकेत तो नहीं ? देश में न्याय व्यवस्था एकमात्र वही सुचारु रूप से चला पाने में सक्षम होता हैं जो हर अन्याय और अपराध को देख मौन धारण करने के बजाय सख्त कदम उठाना जानता हो।
जिन लड़कियों का विवाह सही परिवार में सही लड़के के साथ नहीं होता आजीवन ऐसी लड़कियां अनेको कष्ट,दुःख और तकलीफ से गुजरती हैं क्योकि ससुराल वाले दहेज की लालच में उन मासूम बेटियों पर शोषण और जुल्म करते हैं या तो जान से मार देते हैं।
ऐसी मासूम लड़कियों को यही संदेश पहुँचाना चाहूंगी जुल्म करना जितना बड़ा पाप हैं उससे कहीं ज्यादा चुपचाप जुल्म को सहना पाप कहलाता हैं तुमने देखा होगा एक नारी सौम्यता तब तक धारण करती हैं जब तक कोई उस नारी के स्वरुप पर प्रश्नचिन्ह नहीं लगाता ? मगर जैसे ही अत्याचार और अधर्म अपना शीश उस नारी के सौम्यता को देख उठाने की भूल करते हैं तब वही नारी अपने विकराल स्वरुप का परिचय देती हैं जिस स्वरुप को देख दानव भय से काँप उठते हैं। आदिशक्ति देवी पार्वती ने सभी कन्याओं में अपना अंश प्रदान किया हैं मगर आज कलयुग के पाप और अधर्म में वृद्धि होने के कारण उन्हीं कन्याओं का शोषण किया जा रहा हैं जिसका परिणाम समस्त संसार भुगत रहा हैं।
यदि वाकई किसी से भय होना चाहिए तो वो हैं भगवान यदि आज संसार में सभी को भगवान से भय होता तो कोई जुर्म और पाप घटित ना होता। कोई भी कदम उठाने से पूर्व ये विचार अवश्य कर लेना चाहिए इसका अंजाम आगे चल कर बहुत भयंकर भी साबित हो सकता हैं। मगर अब तो काफी विलम्ब हो चुका हैं क्योकि अब हर बुरे कर्म करने वाले या उसका साथ देने वाले हर इंसान को उसके अंजाम से वाकिफ होना ही पड़ेगा। क्योकि भगवान के घर देर हैं मगर अंधेर नहीं। 👈
If a Human is determined, even stones melt and the thorns lying on his path cannot harm him.Why was the system of law established in the country so that the innocent can get justice and the guilty can get punishment, but today there are so many people in our country who are looting the innocent people of the country. If this was not happening then today there would not have been injustice and crime against innocent girls and daughters-in-law in the country.
If a law cannot provide you justice, then what kind of law is that and what is its use? When the citizens of a country are in trouble, then the king of that state first of all establishes a safe law and order for them so that no injustice is done to anyone. When the citizens are facing trouble despite the king being there, then the presence or absence of that king does not matter at all.
But here there is a fear of the government and the people in power getting angry and removing the king from his position. Perhaps this is the reason why the law and order and justice system have become weak in the country today. Seeing the innocent losing their lives and the unrighteous having fun, only one thought has come to my mind today, is this not a sign of a big disaster for the whole world ? The only person who can run the justice system in the country smoothly is the one who knows how to take strict action instead of keeping silent on seeing every injustice and crime.
Girls who are not married to the right boy in the right family, have to go through a lot of pain, sorrow and suffering throughout their lives because their in-laws, in greed for dowry, exploit and torture these innocent girls or even kill them.
I would like to convey this message to such innocent girls that as much as it is a big sin to commit oppression, it is even more a sin to silently endure oppression. You must have seen that a woman maintains her gentleness until someone does not question her nature. But as soon as oppression and injustice make the mistake of raising their head after seeing the gentleness of that woman, then the same woman reveals her fierce form, seeing which the demons tremble in fear. Adishakti Devi Parvati has given a part of herself to all the girls, but today due to the increase in sin and injustice in Kalyug, those same girls are being exploited, the consequences of which the entire world is suffering.
If there is anyone who should be feared, it is God. If everyone in the world feared God, no crime or sin would have happened. Before taking any step, one must think that its consequences can prove to be very terrible in the future. But now it is too late because now every person who does a bad deed or supports it will have to be aware of its consequences. Because in God's house there is delay but no injustice.👈
ReplyDeleteYou are right, such a law should be made for evil sinners that they think a hundred times before casting an evil eye on girls, daughters-in-law or daughters.👍
Thank you....
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