कभी नारियो पर अत्याचार,कभी मासूम नाबालिक बच्चियों पर अत्याचार, तो कभी जानवरो पर अत्याचार, क्या हैं ये सब ऐसा जघन पाप कोई इंसान नहीं कर सकता, हाँ मगर इंसान के रूप में कोई हैवान ही ऐसा कर सकता हैं। देश में जो निरंतर बलात्कार और हत्याएं हो रही हैं वो असहनीय और बेहद दुखद हैं, जिसे सुन कर यदि तुम सब को इतनी पीड़ा हो रही तो सोचो जिसके साथ ये अन्याय हुआ हैं उनके दिल पर क्या गुजरती होगी।
हाँ मैं ये जानती हूँ कि बहुत से अपराधी अभी भी बड़े आराम से खुले आम घूम रहे हैं,उनमे से कुछ तो अभी भी नए घटना को अंजाम देने की फिराक में लगे हैं, कभी देश की सरकार और कानून ने ये जानने और समझने का प्रयास किया ? आखिर क्यों अपराधियों को इतनी हिम्मत और बल मिल रहा हैं, कि वो आए दिन बड़े कारनामो को अंजाम देने से नहीं चूकते ?
मेरी कुछ तथ्य को गंभीरता से समझने का प्रयास करे, जब कोई दुष्ट किसी मासूम के साथ दरिंदगी करता हैं तो उस पापी को जरा भी संकोच या अफसोस नहीं होता वो तो अपने कारनामे को तुरंत अंजाम दे जाता हैं, फिर मुझे ये बात आज तक समझ नहीं आई आखिर क्यों अपराधियों को सजा देने में सरकार और कानून इतना समय लेते हैं, क्या ये पीड़िता के साथ अन्याय नहीं जिसके साथ ये घटना घटी जिसने अपनी जिंदगी को हमेशा के लिए खो दिया, उस मासूम से जीने और खुश रहने का हक एक पल में छीन लिया गया। मैं पूछती हूँ क्या जुर्म हैं उन मासूम बच्चियों का ? क्या एक लड़की होना ही जुर्म हैं, उस मासूम का ? आखिर कब तक संसार में ये अधर्म, अपराध और पाप होते रहेगा ? आज जानवरो से कहीं ज्यादा यहां के इंसान खूंखार हो गए हैं, जिनके अंदर जरा भी दया और करुणा का भाव नहीं।
इंसान होकर भी जो अपनी क्रूरता का प्रदर्शन कर रहे, भुला कर अपनी इंसानियत जो आए दिन अपराध कर रहे, अरे दुष्टो ये ना भूलना,तुम प्रकृति के कोप का शिकार बन रहे।
अपनी जिंदगी किसको अजीज नहीं ? सबको अपनी जिंदगी प्यारी हैं। मगर एक समय पर जब उम्र पूरी हो जाती हैं तब यदि किसी की मृत्यु यदि होती हैं, जो ईश्वर के द्वारा निर्धारित हैं तो उसे कोई रोक नहीं सकता क्योकि ये तो नियति हैं जो आया हैं, वो अपनी आयु पूरी करने के बाद अपने इस मनुष्य काया को छोड़ कर एक ना एक दिन अवश्य जाएगा, मगर यदि किसी को जानबूझ कर कोई यदि मृत्यु के घाट उतार दे तो ये कहां का इंसाफ हुआ ? जब तुम सभी मनुष्यो को थोड़ी भी चोट आती हैं, तो उस दर्द को तुम सहन नहीं कर पाते तो सोचो कितनी बेरहमी और क्रूरता से आज इस दुनिया में मासूम बच्चियों की हत्याएं हो रही हैं, फिर भी उन्हें न्याय समय से नहीं मिल रहा, ये भी एक अन्याय हैं,एक पाप हैं।यही मुख्य कारण हैं जो उन अपराधियों को एक सह मिल रही हैं,जिससे वो अपराध और जुर्म करने से जरा भी नहीं झिझकते।
एक बात बताओ यदि एक बच्चा शुरुआत में कोई बुरी आदत सीखता हैं या अपनाता हैं तो उसे यदि उसी वक्त नहीं रोका गया तो वो अनेको गलत आदतों को अपनाना शुरू कर देता हैं, क्योकि उसे किसी बात या किसी अंजाम का भय नहीं होता, क्योकि उसे पता होता हैं कि घरवाले उसकी हरकतों को देख कर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं, तभी उसके अंदर का खौफ खत्म होने लगता हैं और वो छोटे अपराध को एक दिन एक बड़े अपराध में बदलना शुरू कर देता हैं। यही आज हमारे देश में इस दुनिया में हो रहा हैं, मगर जिसकी जिंदगी गई उसकी पीड़ा का अनुमान किसी अन्य को कैसे होगा ? क्योकि यहां तो बस सब यही विचारधारा रखते हैं हम सुरक्षित हैं ना, जिसकी जिंदगी गई जाने दो,हमे उससे क्या लेना देना ? मगर सबको अपनी बेटियां प्यारी होती हैं,इसलिए किसी को भी ऐसी सोच नहीं रखनी चाहिए,ये मानवता की पहचान नहीं। इसलिए जाग उठो अभी भी कुछ समय शेष हैं, वरना जब प्रकृति या ईश्वर का हस्तछेप होगा तब वो भी गुनहगार होंगे जिन्होंने जुर्म होते देखा मगर किसी ने पहल नहीं की उसे रोकने की।
Yes, I know that many criminals are still roaming freely, some of them are still planning to commit new crimes. Has the government and law of the country ever tried to know and understand this? Why are criminals getting so much courage and strength that they do not miss out on committing big crimes every day?
Try to understand some of my facts seriously, when any evil person does brutality with an innocent then that sinner does not feel even a little hesitation or regret, he immediately carries out his deed, then I have not understood this till date why the government and law take so much time to punish the criminals, is this not injustice to the victim with whom this incident happened, who lost her life forever, the innocent whose right to live and be happy was snatched away in a moment. I ask what is the crime of those innocent girls? Is being a girl itself a crime for that innocent girl? After all, till when will this injustice, crime and sin keep happening in the world ? Today the humans here have become more ferocious than the animals, they do not have any sense of mercy or compassion in them.
Those who, despite being humans, are displaying their cruelty, forgetting their humanity, are committing crimes every day, oh evil ones, don't forget this, you are becoming victims of nature's wrath.
Who does not love his life? Everyone loves his life. But at a certain time when the life span is over, if someone dies, which is decided by God, then no one can stop it because it is destiny, whatever has come, after completing his life span, he will leave this human body one day or the other, but if someone kills someone intentionally, then what kind of justice is this? When all of you humans get hurt even a little, then you cannot bear that pain, then think with how much cruelty and brutality innocent girls are being killed in this world today, yet they are not getting justice on time, this is also an injustice, a sin. These are the main reasons due to which criminals are getting support due to which they do not hesitate at all in committing crimes and offences.
Tell me one thing, if a child learns or adopts a bad habit in the beginning, if he is not stopped at that time, then he starts adopting many bad habits, because he does not fear anything or any consequences, because he knows that the family members are not reacting even after seeing his actions, then the fear inside him starts to end and one day he starts converting small crimes into big crimes. This is what is happening today in our country, in this world, but how will anyone understand the pain of the person whose life is lost? Because here everyone has the same ideology that we are safe, let the person whose life is lost go, what do we have to do with it? But everyone loves their daughters, so no one should have such thinking, this is not the identity of humanity. So wake up, there is still some time left, otherwise when nature or God intervenes, then those will also be guilty who saw the crime happening but no one took the initiative to stop it.
Today I would like to say to the daughters and daughters-in-law of the country that make yourselves so strong that no one should even look at you, let alone touch you. You have received education, acquired big degrees, but one education and one knowledge of yours still remains incomplete. Never consider yourself helpless or weak. Take a pledge to awaken the power within you and do not seek help from anyone else for your protection. Destroy those sinners who try to destroy you. Pick up the weapon in your hands when any evil sinner tries to touch you with his dirty hands, because all of you girls are a part of that divine superpower, on which this entire world sustains.
ReplyDeleteInjustice has a lot of influence in the beginning but its end is very terrible. Tolerating injustice is as much a sin as committing injustice, so learn to oppose injustice. Very lovely and inspiring article....👍
Thank you....
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