सत्य और असत्य की जंग में जिसने थाम रखा हैं असत्य का दामन,हो जाना खबरदार क्योकि जल्द ही गिरने वाली हैं न्याय के रास्ते के बीच खड़ी अन्याय की दीवार।
जब कोई इंसान झूठ कहता हैं या अपना कोई झूठ छिपाता हैं तो अपना एक झूठ छिपाने के लिए उसे कई झूठ बोलना पड़ता हैं जिससे वो अपना एक झूठ छिपाने के कारण कई झूठ के घेरे में आ जाता हैं जिससे बाहर निकल पाना इतना आसान नहीं जितना आसान वो समझता हैं। मगर जब कोई इंसान सच कहता हैं और सच का साथ देता हैं तो उसे कुछ भी सफाई देने की पेशकश नहीं करनी पड़ती हैं, क्योकि सच तो पानी की तरह साफ और निर्मल होता हैं,जिसे कोई भी कैद नहीं कर सकता हैं और ना ही सत्य को मिटा सकता हैं।
तुम सबूतों को मिटा सकते हो,गवाहों को मिटा सकते हो मगर जो किसी के मिटाए नहीं मिटता,''वो हैं सत्य, जिसे कोई ना ही मिटा सकता हैं और ना ही दफन कर सकता हैं। इंसान अपनी इंसानियत भूल सकता हैं,कुछ लोग अपने जमीर को बेच सकते हैं,तुम झूठे गवाह खरीद सकते हो मगर तुम जो नहीं कर सकते,वो हैं सत्य को बदलना,तुम सत्य को कभी बदल नहीं सकते,तुम अपने झूठ से लोगो की आँखों में धूल झोक सकते हो मगर तुम ईश्वर की आँखों में पट्टी नहीं बांध सकते,तुम अपने गुनाह और अपने कर्मो से पीछे नहीं हट सकते।
संसार के सभी प्राणियों जरा विचार करना,''क्या समय का चक्र कभी उल्टा घुमा हैं ? क्या समय किसी के लिए थमा हैं ? या कोई समय के कालचक्र को रोक पाया हैं ? कदापि नहीं समय तो समय हैं,ये समय किसी के लिए भी नहीं रुकता,ये समय किसी के लिए भी उल्टा नहीं घूमता,ठीक वैसे ही इंसाफ हमेशा सत्य के साथ होते आया हैं और होते आएगा भले ही इस कलयुग में मानव ने अपने पैसे,शासन और सक्ता के बल पर सत्य को दबाने का अपराध किया हैं,मगर कोई भी अपराध कानून से छुप सकता हैं,मगर जो कानून से भी सर्वोच्च हैं वो हैं ईश्वर का न्यायालय जहाँ ना ही सबूतों की जरूरत हैं और ना ही गवाहों की वहां तो बस गुनाहो की सजा सुनाई जाती हैं और गुनाह करने वाले का सारा गुनाह स्वयं ही उसके आँखों के सामने दिखाया जाता हैं।
यदि तुम मनुष्य हो कर भी पशु तुल्य व्यवहार और आचरण अपनाते हो तो तुम्हे स्वयं को मनुष्य कहलाने का कोई हक नहीं। आज खौफनाक और आदमखोर जानवरो को पकड़ने के लिए सभी परेशान हैं,क्योकि सबको अपने जान एवं हानि की चिंता हैं कभी सोचा हैं अचानक क्यों ये जानवर हिंसक आदमखोर भड़क उठे ? जब संसार में इंसान हो कर भी तुम जानवरो से भी ज्यादा क्रूरता दिखाओगे तो वो जानवर भी तो अपनी क्रूरता तुम्हे पेश करेंगे।
तुम मनुष्य एक परिवार को संभाल नहीं पाते कभी सोचा हैं, भगवान ने तो समस्त ब्रह्माण्ड को संभाल रखा हैं। तुम्हे कैसे लगता हैं की संसार में इतना कुछ घटित हो रहा हैं और भगवान शांत हैं ? जरा विचार करो तुम्हारे घर में कोई घटना या कोई छोटी सी भी कलह अशांति होती हैं, तो क्या तुम कोई प्रतिक्रिया नहीं देते ? क्या तुम चुपचाप तमाशा देखते हो ? उस समस्या का हल तो अवश्य ही निकालने का प्रयास करते होंगे तुम सभी मनुष्य मगर शांत तो नहीं बैठते होंगे, क्योकि ये तुम्हारे अपने घर की और परिवार की बात हैं, तो सोचो भगवान कैसे शांति धारण कर सकते हैं ? तुम मनुष्य कैसे कह सकते हो भगवान को दुःख नहीं होता ये सब देख ? भगवान भी दुखी होते हैं,भगवान भी रोते हैं,मगर भगवान अन्याय को ज्यादा दिन तक सहन नहीं कर सकते। सब कुछ तय होता हैं सब पहले से निर्धारित होता हैं, कि कब भगवान को हस्तछेप करना हैं। जब समय आएगा सब कुछ तुम सबकी आँखों के समक्ष ही घटित होगा ! जिस दिन ऐसा होगा ये देख समस्त संसार अचंभित होगा क्योकि अब जल्द ही झूठ का सामना साक्षात् ईश्वर से होगा।
झूठ अपने चारों ओर चाहे कितनी भी बड़ी दीवार खड़ी कर ले मगर एक ना एक दिन वो दीवार गिर कर रहती हैं क्योकि झूठ से खड़ी दीवार दीमक के द्वारा खाई लकड़ी की तरह खोखली होती हैं, वो कब गिर जाए इसका किसी को पता नहीं होता हैं। जैसे आप कोई इमारत या घर की नींव खड़ी करते हैं, यदि वो नींव कच्ची रहेगी तो उस इमारत और घर के गिरने का भय होता हैं ! क्योकि जब भी वो गिरेगा नुकसान एकमात्र इमारत या घर को ही नहीं बल्कि उसमे बसने वाले लोगो को भी क्षति पहुंचेगी।
In the battle between truth and falsehood, whoever holds on to falsehood, beware, because the wall of injustice standing in the way of justice is soon going to fall.When a person tells a lie or hides a lie, then to hide one lie he has to tell many lies, due to which he gets trapped in many lies, and getting out of it is not as easy as he thinks. But when a person tells the truth and supports the truth, then he does not have to offer any explanation because the truth is as clean and pure as water, which no one can imprison or erase.
You can erase evidence, you can erase witnesses but what cannot be erased is the truth, which no one can erase or bury. A person can forget his humanity, some people can sell their conscience, you can buy false witnesses but what you cannot do is change the truth, you can never change the truth, you can fool people with your lies but you cannot blindfold God, you cannot back out from your crimes and your deeds.
All the creatures of the world, just think, "Has the wheel of time ever turned backwards? Has time ever stopped for anyone? Or has anyone been able to stop the cycle of time? Never. Time is time, it does not stop for anyone, it does not turn backwards for anyone, in the same way justice has always been with the truth and will continue to be so, even though in this Kaliyug, man has committed the crime of suppressing the truth on the strength of his money, rule and power, but any crime can be hidden from the law, but the one that is supreme than the law is the court of God, where neither evidence is needed nor witnesses, there only the punishment for the crimes is pronounced and all the crimes of the sinner are shown in front of his eyes.
If you are a human being and still behave like an animal, then you have no right to call yourself a human being. Today everyone is worried about catching the dangerous and man-eating animals because everyone is worried about their lives. Have you ever thought why suddenly these animals have become violent man-eaters? When you, being a human in this world, show more cruelty than animals, then those animals will also show their cruelty to you.
You humans cannot handle even one family. Have you ever thought that, God is handling the entire universe. How do you feel that so much is happening in the world and God is calm? Just think, if any incident or any small quarrel or disturbance happens in your house, do you not react? Do you silently watch the spectacle? You humans must be trying to find a solution to that problem but you will not sit quietly because this is a matter of your own house and family, so think how can God be calm? How can you humans say that God does not feel sad seeing all this? God also feels sad, God also cries but God cannot tolerate injustice for long. Everything is decided, everything is predetermined as to when God has to intervene. When the time will come, everything will happen in front of your eyes. The day this happens, the whole world will be surprised to see this because soon the lie will be faced by God himself.
No matter how big a wall a lie builds around itself, one day or the other that wall will fall down because a wall built with lies is hollow like wood eaten by termites, nobody knows when it will fall down. Just like when you build the foundation of a building or a house, if that foundation is weak then there is a risk of that building or house collapsing! Because whenever it falls, not only the building or the house will be damaged but also the people living in it.
ReplyDeleteWe should support the truth because truth never defeated, because God's divine light is hidden in the truth. very nice Article,well done...👍
Thank you....
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