अपने और पराए का ये भेद सब आपस में उलझ के रह गए, दुनिया के तमाम रिश्ते यूँही आपसी मतभेदों से टूट कर बिखर गए।
कोई भी भी रिश्ता कब टूटता हैं ? जब आप अपने रिश्ते को बखूबी नहीं संभाल पाते,जब आपका अहंकार आपके रास्ते की दीवार बनता हैं, जो किसी भी रिश्ते को पल भर में तोड़ जाता हैं। अक्सर कुछ क्रोध में आ कर और अपने अहंकार में चूर हो कर कुछ कठोर बाते कह जाते हैं,या कोई गलत निर्णय या निष्कर्ष पर उतर जाते हैं,बाद में उन्हें जब अपनी भूल का एहसास होता हैं, तब तक बहुत देर हो जाती हैं, तब ऐसे लोगो का अहंकार टूटता हैं और तमाम उम्र वो आवेश में आ कर अपने लिए गए फैसले पर अफसोस जताते हैं।जबसे ये युग परिवर्तित हुआ हैं, तब से लोग भी इस युग के साथ परिवर्तित हुए हैं, क्योकि कलयुग का कुचक्र हैं ही ऐसा जो बहुत कम लोगो को ही अपने वश में कर पाने में असफल होता हैं, वरना आज के दौर में बहुत से लोग कलयुग के प्रभाव से काफी प्रभावित हुए हैं। ये कलयुग एक ऐसी आसुरी माया का चक्र हैं जो यदि किसी को अपने वश में कर ले तो उस व्यक्ति का उस माया चक्र से बाहर निकल पाना असंभव हैं।
यदि तुम कलयुग के प्रभाव से ग्रसित हो तो आज ही अपने मन में एक विचार अवश्य लाना, तुम जब भी कोई सामान खरीद कर लाते हो तो उस सामान का तब तक ही उपयोग करोगे ना जब तक तुम्हारी इच्छा होगी ? बाद में तुम उस सामान का क्या करोगे ? यकीनन सामान जब किसी काम का नहीं अब तो तुम उसे फेक दोगे। ठीक वैसे तुम और तुम्हारा शरीर जब किसी आसुरी माया के वश में होता हैं तो वो अपने फायदे के लिए तुमसे वो सब करवाती हैं जो उसे पसंद हैं और जब उसका कार्य पूर्ण हो जाता हैं,तो वो तुम्हारे साथ वही कार्य करती हैं जो एक खराब या अप्रिय वस्तु के साथ किया जाता हैं,अर्थात बर्बाद वो तुम्हे बर्बाद कर जाता हैं, क्योकि जितने भी गलत विचार या गलत कार्य हो रहे हैं,वो तुम्हारे द्वारा हो रहे हैं,ये सबको पता हैं उस कलयुगी आसुरी शक्ति को कोई नहीं देख रहा क्योकि वो अदृश्य हैं जिसे देख पाने में सब सक्षम नहीं सिवाय ईश्वर के उस आसुरी माया को कोई देख नहीं सकता।
दुनिया में आज जितने भी पाप और धर्म घटित हो रहे हैं,वो एकमात्र इंसानो से ही नहीं बल्कि आसुरी शक्तियों से भी घटित हो रहे हैं,इसे कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। कैसे एक मनुष्य इतना कुरुर हो सकता हैं ? कैसे कोई रिश्ता इतना निर्दयी और बेरहम हो सकता हैं ?
कलयुग किसे प्रभावित करता हैं ? इससे कैसे स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं आज मैं उन्ही बातो पर विशेष चर्चा करुँगी।
जब तुम हर वक्त ईश्वर को कोसते हो उस पल वो नकारात्मक शक्ति तुम्हारे भीतर अपना कब्जा बनाना शुरू कर देती हैं,जब तुम्हारे अंदर किसी बात को ले कर अभिमान आता हैं, तो उस क्षण वो नकारात्मक शक्ति तुमसे प्रसन्न होती हैं,जब तुम्हारे अंदर किसी स्वार्थ,लालच या ईर्ष्या का भाव उत्पन्न होता हैं, तो उस पल ही वो नकारात्मक शक्ति पूर्ण रूप तुम पर अपना कब्जा कर लेती हैं, फिर वो सबसे पहले तुम्हारे सबसे करीबी इंसान उससे तुम्हे दूर करने की योजना बनाती हैं, ना चाह कर भी तुमसे वो सब करवाती हैं, जो एक मनुष्य कदापि नहीं कर सकता हैं और ना ही सोच सकता हैं। सामने वाले इंसान को पता हैं, ये सारे अपराध या भूल तुम कर रहे हो मगर तुम तो एकमात्र कठपुतले हो उस आसुरी माया की,जब वो आसुरी शक्ति तुमसे अनेको अधर्म और गलत कार्य करवा लेती हैं, तब वो तुम्हे बर्बाद कर अपना दूसरा शिकार ढूँढना शुरू करती हैं। मगर ये ना सोचना की तुम बेकसूर हो क्योकि तुमसे जो हुआ अनजाने में हुआ,आखिरकार कोई तुम्हे ही अपना जरिया बना पाने में कैसे सफल हुआ ? यकीनन तुम्हारी कमजोरिया उसे दिखी तभी वो तुम्हे अपना शिकार बनाया। ये ना सोचना जो जुर्म और पाप हो रहा इंसान बेकसूर हैं, ये ना सोचना की बस बुरी आसुरी शक्तियां ही इसके दोषी हैं,दोषी वो और तुम भी हो क्योकि जब तक तुम किसी के संपर्क में नहीं आओगे कोई तुम्हारा मित्र या शत्रु नहीं बन सकता। तो दोषी वो भी हैं और तुम उससे कहीं अधिक दोषी हो क्योकि तुमने ईश्वर की संतान होने का परिचय खो दिया,तुमने अपने भीतर इतने बुरे विकारो को जन्म दिया जिससे दुसरो का तो अहित हुआ ही साथ ही साथ तुमने अपना ही अहित किया,जिसका अनुमान तुम्हे अभी नहीं हो रहा हैं,मगर हकीकत में जो सत्य हैं संसार उससे अभी अंजान हैं।
कीड़े,मकोड़े कहाँ आते हैं ? जहां गंदगी होती हैं,वो उस गंदे स्थान पर अपना निवास बना लेते हैं और अनेको बीमारियां भी वहीं से जन्म लेती हैं, मगर जहाँ साफ-सुथरी जगह होती हैं वहां कोई कीड़े-मकोड़े नहीं आ सकते और ना ही कोई बीमारी तुम्हे ग्रसित कर सकती हैं,ठीक वैसे ही बुरे नकारात्मक विचारो से,बुरे व्यवहार और आदतों से ही मनुष्य के भीतर आसुरी शक्ति अपना कब्जा बना पाने में सफल होती हैं और वो ऐसे ही मनुष्यो को अपना शिकार बनाती हैं। इसलिए स्वयं को आज से बदलना शुरू कर दो हर बुरी आदतों को सदा के लिए स्वयं से दूर कर दो और अच्छे विचार और अच्छी आदतों को अपने जीवन में आज से ही शामिल करना शुरू कर दो, फिर कोई अधर्म और अपराध तुम्हे अपना शिकार कदापि नहीं बना सकता।
कलयुग के प्रभाव से कैसे रहे सुरक्षित ?
कुछ लोग कहते हैं इस मन्त्र से सभी नकारात्मक और आसुरी शक्तियों से बचा जा सकता हैं,कहीं पे कुछ लोग कहते हैं इस देवी या देवता की पूजा से बुरी शक्तियों से स्वयं को रक्षित किया जा सकता हैं,मगर मैं कहती हूँ तुम सभी मनुष्य ना ही किसी मन्त्र से और ना ही किसी पूजा से सुरक्षित रह सकते हो,क्योकि पूजा और तप तो रावण ने भी बहुत की थी महादेव की तो क्या रावण सुरक्षित रह सका ? जानना नहीं चाहोगे इसकी वजह क्या थी ? इसकी वजह थी रावण के अंदर का अहंकार, लोभ, काम,क्रोध जो रावण के विनाश और पतन का कारण बना। जो हर वरदान को निरर्थक साबित कर गया,इसलिए भगवान भी कहते हैं मैं तो भावना का भूखा हूँ ,मुझे 56 भोग नहीं चाहिए, यदि कुछ चाहिए तो बस अपने सभी भक्तो से सच्ची भक्ति,एक निर्मल साफ ह्रदय,अच्छे गुणों से सुशोभित,अच्छी आदतों से सुसज्जित,जो सदैव बुरे विकारो से दूर रहे ,सद्भावना,परोपकार,अच्छी सोच और विचारधारा बस इसे अपना लो तुम्हे कोई भी आसुरी शक्ति या इस कलयुग का कोई बुरा प्रभाव कभी ग्रसित नहीं कर सकता क्योकि जिस इंसान में सत्य,और परोपकार की भावना रहती हैं उस इंसान के ऊपर सदैव ईश्वर की कृपा रहती हैं उसे कोई भी अपने वश में नहीं कर सकता। पूजा जप-तप और मन्त्र साधना तभी काम आते हैं जब इंसान के भीतर भगवान इंसानियत को पाते हैं,क्योकि बिना अच्छाई और इंसानियत के ये सब किसी काम के नहीं।
When does any relationship break? When you are not able to handle your relationship well, when your ego becomes a wall in your way which breaks any relationship in a moment. Often some people say some harsh things in anger and being full of ego or reach a wrong decision or conclusion and later when they realize their mistake, it is too late, then the ego of such people breaks and they regret the decisions taken in anger for the rest of their life. Since this era has changed, people have also changed with this era because the vicious cycle of Kalyug is such that it fails to control very few people, otherwise in today's era, many people have been greatly affected by the effect of Kalyug. This Kalyug is such a cycle of demonic illusion that if it controls someone, then it is impossible for that person to get out of that cycle of illusion.
If you are suffering from the influence of Kalyug, then you must think of one thing today, whenever you buy any thing, you will use it only till you wish, right? What will you do with that thing later? Surely, when the thing is of no use, you will throw it away. Similarly, when you and your body are under the control of some demonic illusion, then for its own benefit, it makes you do all that it likes and when its work is complete, it does the same thing with you which is done with a bad or unpleasant thing, that is, it ruins you, because all the wrong thoughts or wrong deeds that are happening are being done by you, everyone knows this, no one is seeing that demonic power of Kalyug because it is invisible, no one is able to see it, except God, no one can see that demonic illusion.
All the sins and crimes happening in the world today are not only happening due to humans but also due to demonic powers, nobody can ignore this. How can a human being be so cruel? How can a relationship be so ruthless and heartless?
Who is affected by Kalyug? How can we protect ourselves from it? Today I will discuss these things in particular.
When you curse God all the time, that negative power starts taking control of you, when you become proud of something, that negative power is happy with you, when you feel selfishness, greed or jealousy, that very moment that negative power completely takes control of you, then it first makes a plan to separate you from your closest person, and even without wanting to, it makes you do all those things that a human can never do or even think about. The person in front of you knows that you are committing all these crimes or mistakes, but you are the only puppet of that demonic illusion, when that demonic power makes you do many unrighteous and wrong deeds, then it destroys you and starts looking for its next victim. But do not think that you are innocent because whatever happened to you happened unknowingly, after all, how did someone succeed in making you his medium? Surely he saw your weaknesses, that is why he made you his victim. Do not think that the person committing the crime and sin is innocent, do not think that only evil demonic forces are responsible for this, they are guilty and so are you because until you come in contact with someone, no one can become your friend or enemy. So they are guilty too and you are even more guilty than them because you lost your identity of being a child of God, you gave birth to so many bad vices within you which not only harmed others but you harmed yourself as well, which you are not able to imagine right now, but the world is still unaware of the truth which is in reality.
Where do insects come from? Where there is dirt, they make their home in that dirty place and many diseases also take birth from there, but where there is a clean place, no insects can come there and no disease can affect you, similarly, with bad negative thoughts, bad behavior and habits, the demonic power within a human being is able to take over and it makes such people its prey. So start changing yourself from today, remove all bad habits from yourself forever and start incorporating good thoughts and good habits in your life from today itself, then no injustice and crime can ever make you its prey.
How to stay safe from the effects of Kaliyug?
Some people say that with this mantra, one can be saved from all negative and demonic powers, somewhere some people say that by worshiping this goddess or god, one can protect oneself from evil powers, but I say that all of you humans cannot remain safe from any mantra or any worship, because even Ravana had done a lot of worship and penance of Mahadev, so could Ravana remain safe? Don't you want to know what was the reason for this? The reason for this was the ego, greed, lust, anger inside Ravana which became the reason for Ravana's destruction and downfall. Who proved every boon futile, that is why even God says that I am hungry for feelings, I do not want 56 pleasures, if I want anything then I want true devotion from all my devotees, a clean heart, adorned with good qualities, equipped with good habits, always away from bad habits, goodwill, charity, good thinking and ideology, just adopt this, no demonic power or any bad effect of this Kaliyug can ever affect you because the person who has the feeling of truth and charity, God's grace is always on that person, no one can control him. Puja, chanting, penance and mantra sadhna are useful only when God finds humanity within the person, because without goodness and humanity all these are of no use.
ReplyDeleteEvil is such a swamp from which it is impossible to get out, so always choose the path of goodness and move forward in your life, no demonic power can affect you. A very lovely and inspiring article by you for the whole world.👍
Thank you..
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