अनुशासन का हमारी जिंदगी में होना अनिवार्य हैं क्योकि बिना अनुशासन के सभी मायने बेकार हैं। बचपन से युवा तक और युवा से वृद्धावस्था तक अनुशासन का पालन करना सबके लिए अनिवार्य हैं। इसलिए बचपन से ही बच्चो को अनुशासन का पाठ पढ़ाना जरुरी है,जिससे बचपन से ही बच्चो में सही और गलत को समझने का ज्ञान हो सके जिससे वो सभी बुरी आदतों से दूर रह सके और अच्छी आदतों को अपने जीवन में शामिल करे।
माता-पिता को अपने बच्चो के लिए ये विचार कभी नहीं रखना चाहिए कि अभी बच्चे हैं अभी थोड़े और बड़े हो जाएंगे तो अच्छा क्या हैं और बुरा क्या ? खुद सीख जाएंगे। ऐसी सोच रखने वाले माता-पिता को मैं अभी से सावधान करना चाहती हूँ। बच्चो को उनके बालपन से ही अच्छे और बुरे की समझ से अवगत कराना आपकी जिम्मेदारी हैं ताकि बड़े होने के बाद वो गलत रास्तो से स्वयं को दूर रख सके क्योकि जब आप अपने घर कोई छोटा पौधा लगाते हैं तो उसकी देखभाल भी समय अनुसार ही करना अनिवार्य होता हैं यदि समय अनुसार उस पौधे की उचित देखभाल नहीं की गई तो वो पौधा क्षतिग्रस्त हो सकता हैं। तुम दुनिया के किसी भी कोने में चले जाओ यदि तुम्हारे अंदर अनुशासन नहीं तो तुम्हे कोई भी सम्मान भरी नजरो से नहीं देखेगा।
चाहे घर हो या दफ्तर स्कूल हो या कॉलेज कहीं भी तुम जाते हो तो सबसे पहले लोग तुम्हारे व्यवहार और संस्कार को परखने का प्रयास करते हैं, जहां तक मेरा मानना हैं अनुशासन की प्रथम सीढ़ी तुम्हारे घर से शुरू होती हैं। समय से उठना,समय से हर कार्य करना,अपने बड़े बुजुर्गो का सम्मान करना, पूजा पाठ धार्मिक ज्ञान को अर्जित करना,क्रोध अहंकार से दुरी बना कर रखना,बुरी आदतों को अपने जीवन में कभी शामिल ना करना,किसी का तिरस्कार ना करना,किसी जरूरतमंद की मदद के लिए सदैव तत्पर रहना,ये सभी अनुशासन के अंतर्गत ही आते हैं जिसका पालन अनुशासन प्रिय व्यक्ति करते हैं।
अनुशासन ही ज्ञान की सर्वोच्च सीढ़ी हैं,इसके बगैर तुम्हारा सारा ज्ञान अधूरा माना जाता हैं। महात्मा बुद्ध ने भी संसार को यही संदेश दिया हैं एक शांत मस्तिष्क ही ज्ञान की साधना के लिए सुलभ रास्ता माना जाता हैं,यही वजह थी जो महात्मा बुद्ध ने अपने शांत मस्तिष्क की सहायता से ज्ञान के मार्ग तक पहुंचने का रास्ता ढूंढ निकाला, और जिस ज्ञान की तलाश में वो इधर उधर घूम रहे थे, अपनी शांत मस्तिष्क और साधना के माध्यम से उस अनमोल ज्ञान की प्राप्ति उन्हें हो गई। मगर इस ज्ञान को पाने के लिए उन्होंने सर्वप्रथम अपने जीवन में अनुशासन का पालन किया।अनुशासन का पालन वही कर सकता हैं जिसे अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा मकाम हासिल करना हैं। अनुशासन ही तुम्हे अपनी जिंदगी में सही दिशा की ओर ले जाने में तुम्हारी मदद करता हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिंदगी में अनुशासन का पालन अवश्य करना चाहिए।
एक बात हमेशा याद रखना जब कोई अनुशासित व्यक्ति कहीं से गुजरता हैं तो वो सबकी नजरो को अपनी ओर स्वतः ही केंद्रित कर लेता हैं लोग उसकी सराहना करते हैं क्योकि लोकप्रियता केवल ऊंचे पद से नहीं बल्कि अनुशासन के पालन से प्राप्त किया जाता हैं,एक अनुशासित व्यक्ति के समक्ष कोई भी कुछ भी अनुचित कहने या करने से सौ बार सोचता हैं क्योकि जो अनुशासन का पालन करता हैं उसके समक्ष कोई भी अन्याय सर नहीं उठा सकता बल्कि अनुशासित व्यक्ति के समक्ष हर अन्याय अपने घुटने टेक देता हैं।
किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में यदि सफल होना हैं तो सर्वप्रथम उसमे अनुशासन को ग्रहण करने का तथा उसका पालन का प्रतिज्ञा लेनी चाहिए तभी वो अपनी जिंदगी को बदल सकता हैं,क्योकि बेहतर बदलाव लाने के लिए हमे स्वयं में भी बदलाव लाना अनिवार्य होता हैं।
Parents should never think for their children that they are our children, when they grow up a little more they will learn what is good and what is bad themselves. I want to warn parents who think like this. It is your responsibility to make children aware of the difference between good and bad from childhood so that when they grow up they can keep themselves away from the wrong path because when you plant a small plant in your house, it is necessary to take care of it in time. If that plant is not taken care of properly in time, then that plant can get damaged.You can go to any corner of the world, if you don't have discipline, no one will look at you with respect.
Whether it is home or office, school or college, wherever you go, people first try to judge your behavior and culture. As far as I believe, the first step of discipline starts from your home. Getting up on time, doing every work on time, respecting your elders, acquiring religious knowledge through worship, keeping distance from anger and ego, never including bad habits in your life, never despising anyone, always being ready to help the needy, all these come under discipline which is followed by discipline loving people.
Discipline is the highest step of knowledge, without it all your knowledge is considered incomplete. Mahatma Buddha has also given the same message to the world that a calm mind is considered an easy way to attain knowledge, This was the reason that Mahatma Buddha found the way to reach the path of knowledge with the help of his calm mind, and the knowledge he was searching for here and there, he attained that precious knowledge through his calm mind and meditation. But to attain this knowledge, he first followed discipline in his life.Only those who want to achieve something big in their life can follow discipline. Discipline helps you to take your life in the right direction. Every person must follow discipline in his life.
Always remember one thing, when a disciplined person passes by, he automatically focuses everyone's attention towards him, people appreciate him because popularity is not achieved only by a high position but by following discipline, in front of a disciplined person, anyone thinks a hundred times before saying or doing anything inappropriate because no injustice can raise its head in front of the one who follows discipline, rather every injustice bows down in front of a disciplined person.
If any person wants to be successful in his life, then first of all he should take a pledge to adopt discipline and follow it, only then he can change his life, because to bring better change, it is necessary to bring change in ourselves as well.
ReplyDeleteDiscipline creates a good future, that is why we should always follow it, we should always respect our elders. Very inspiring article by you. 👍
Thank you..
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