सब्र को खोना अर्थात स्वयं को कमजोर बनाना दोनों में जरा भी भिन्नता नहीं। इंसान को सब्र से ही काम लेना चाहिए,जो सब्र खो देते हैं वो अपनी जिंदगी के अनेको अवसर गवा देते हैं।
इसलिए हर व्यक्ति को धैर्य से काम लेना चाहिए, जो धैर्य से काम लेते हैं, वो कभी जिंदगी की किसी भी परिस्थिति में विचलित नहीं होते, ना ही कोई उन्हें विचलित कर सकता हैं। मगर जिसमे सब्र ही नहीं वो व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में चैन से नहीं रह पाता, उसे हर वक्त शीघ्रता रहती हैं,उसे लगता हैं कि बस मेरा हर काम समय से पहले हो जाए,यदि उस कार्य में थोड़ी भी रुकावट आ जाए तो वो व्यक्ति अपना सब्र खोने लगता हैं, दूसरे पर दोषारोपण करने लगता हैं,जिससे उसके निजी संबंधो में दरार उत्पन्न होने लगती हैं। ऐसे व्यक्ति से सब दूर रहना पसंद करते हैं।
जरा विचार करो जो कार्य धैर्य से किया जाए उसमे सफलता जल्दी मिलती हैं,या जो कार्य शीघ्रता से किया जाए उसमे जल्दी सफलता मिलती हैं ? कुछ भी जवाब सोचने से पूर्व ये अवश्य ध्यान रखना कि सफलता के रास्ते आसानी से नहीं खुलते हैं,क्योकि उसके लिए स्वयं में बदलाव का होना अनिवार्य होता हैं,और एक बेहतर बदलाव सभी के अंदर शीघ्रता से नहीं आता हैं,क्योकि हर गलती हमे कुछ सीखा कर जाती हैं,ताकि हम पुनः उस गलती को ना दोहराए। चाहे देवता हो या मनुष्य सब्र का होना दोनों में ही अनिवार्य हैं।अक्सर उत्सुकता में आ कर सभी से कोई ना कोई भूल अवश्य हो जाती हैं,जिसका भुगतान बाद में करना पड़ता हैं। इसका मुख्य कारण हैं मनुष्य में सब्र का ना होना।
अक्सर ऐसा हमारे समाज में होता हैं कि लोग जब किसी परिवार को सुखी समपन्न खुशहाल देखते हैं, तो समाज के कुछ लोगो को उनसे ईर्ष्या होने लगती हैं, ईर्ष्या के कारण वो परिवार के किसी सदस्य को दूसरे सदस्य के प्रति कुछ गलत और झूठ मनघडंत बाते बताने लगते हैं जिससे उनके परिवार में कलह या झगड़े हो, यदि उस वक्त वो व्यक्ति अपने सब्र को खो देता हैं और बिना तथ्य को जाने अपने परिवार से झगड़ा या बहस करने की भूल करता हैं तो बाद में जब उसे सत्य का पता लगता हैं तो वो व्यक्ति अपनी भूल पर शर्मिंदा होता हैं साथ ही साथ वो अपना सम्मान और प्यार भी खो देता हैं,तथा परिवार की नजरो से भी गिर जाता हैं। इससे सबको यही सीख मिलती हैं, कि हमे हर जगह सब्र से ही काम लेना चाहिए,अन्यथा बाद में हमे ही पछताना पड़ता हैं,यदि उस व्यक्ति में सब्र होता तो वो किसी भी निष्कर्ष पर उतरने से पहले विचार करता,सोचने-विचारने और पता करने के बाद ही वो किसी भी निष्कर्ष पर उतरता जिससे बाद में उसे अपने किए पर शर्मिंदा नहीं होना पड़ता।
अब यदि तुम सोचोगे कि तुम्हारा हर कार्य जैसे तुमने सोचा हैं वैसे ही हो,तो ये संभव नहीं कि हम जैसा चाहते हैं हमे हमारे मन मुताबिक ही परिणाम मिलेगा कभी-कभी किसी वजह से भी हमे हमारे इच्छानुसार परिणाम नहीं मिल पाता तो यदि हम अपने सब्र को खो दे तो इससे किसका अहित होगा हमारा या किसी और का ? धैर्य और अपने हिम्मत को खो कर आज तक किसी ने भी कुछ प्राप्त किया हैं ? जिसमे धैर्य और हिम्मत होती हैं वही व्यक्ति अपने हर समस्या से बाहर निकलने का मार्ग ढूंढ पाने में सफल होता हैं। मान लो किसी कुएं में से तुम्हे पानी निकालना हैं मगर उस कुएं में जिस रस्सी से तुम बाल्टी को बाँधने का प्रयास कर रहे हो वो रस्सी कमजोर हैं, और तुम यदि उस कमजोर रस्सी को जल्बाजी में बाल्टी से बाँध दिए और कुएं में डाल दिए और बहुत ताक़त लगा कर तुम उससे पानी खींचने का प्रयास करोगे तो वो बाल्टी रस्सी से छूट कर कुएं में गिरेगी या नहीं ? ठीक वैसे ही मनुष्य का दिमाग होता हैं यदि वो तनाव में होता हैं तो कमजोर होने लगता हैं, यदि मनुष्य में धैर्य और सब्र नहीं रहेगा तो कोई भी मनुष्य अपने जीवन में कुछ भी हासिल करने योग्य नहीं रहेगा।
इसलिए अपने सब्र को बनाए रखे,धैर्य से काम ले,जल्दबाजी और उत्सुकता में आ कर कोई भी निर्णय या निष्कर्ष पर ना उतरे जिससे बाद में आपको ही पछताना पड़े।
Losing patience means making yourself weak, there is no difference between the two. A person should always be patient, those who lose patience lose many opportunities in their life.That is why every person should be patient. Those who are patient are never perturbed in any situation of life, nor can anyone perturb them. But the person who has no patience is never able to live peacefully in his life, he is always in a hurry, he feels that his work should be done before time, if there is even a slight hindrance in that work, then that person starts losing patience, starts blaming others, due to which a rift starts developing in his personal relationships. Everyone likes to stay away from such a person.
Just think, the work which is done with patience brings success quickly or the work which is done quickly brings success quickly? Before thinking of any answer, keep in mind that the path to success does not open easily, because for that it is necessary to have a change in oneself, and a better change does not come quickly in everyone, because every mistake teaches us something, so that we do not repeat that mistake again.Be it a god or a human being, patience is a must for both.Often, out of curiosity, everyone makes some mistake, for which they have to pay later. The main reason for this is the lack of patience in humans.
It often happens in our society that when people see a happy, prosperous and prosperous family, then some people in the society become jealous of them, due to jealousy they start telling wrong and false things about one member of the family to another member which leads to discord or fights in the family, if at that time that person loses his patience and makes the mistake of fighting or arguing with his family without knowing the facts, then later when he comes to know the truth, then that person feels ashamed of his mistake, along with that he also loses his respect and love and also falls in the eyes of the family.Everyone learns from this that we should be patient everywhere, otherwise we have to regret later. If that person had patience, he would have thought before coming to any conclusion. He would have come to any conclusion only after thinking and finding out, so that he would not have to be ashamed of his actions later.
Now if you think that your every action will be as you have thought, then it is not possible that we will get the result as per our wish. Sometimes due to some reason we do not get the result as per our wish. So if we lose our patience then who will be harmed by this, ours or someone else? Has anyone achieved anything till date by losing patience and courage? Only the person who has patience and courage is able to find a way out of his every problem. Suppose you have to draw water from a well but the rope with which you are trying to tie the bucket in that well is weak, and if you tie that weak rope to the bucket in a hurry and put it in the well and try to draw water with it by applying a lot of force, then will that bucket get free from the rope and fall in the well or not? Similarly, the brain of a human being starts becoming weak if it is under stress, if a human being does not have patience and perseverance then no human being will be able to achieve anything in his life.
Therefore, maintain your patience, be patient, do not reach any decision or conclusion in haste or out of excitement, which you may have to regret later.
ReplyDeleteA person who is patient achieves something big in his life, people who take decisions in haste often face failure. Excellent article. 👍
Thanks a lot....
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