कोई व्यक्ति गलत निर्णय कब लेता हैं ?
जब कोई इंसान अति आवेश में आ जाता हैं, तो वो क्रोधवश बिना सोचे,बिना समझे शीघ्रता में कोई भी निर्णय ले लेता हैं, उस वक्त उसे इस बात की कोई परवाह नहीं होती कि कहीं उसका लिया गया ये निर्णय आगे चल कर उसके लिए ही कोई समस्या ना बन जाए। ऐसा इसलिए होता हैं क्योकि क्रोध में व्यक्ति का मस्तिष्क विपरीत कार्य करने लगता हैं,जिससे व्यक्ति को अपनी भी परवाह नहीं होती और ना ही दुसरो की इसलिए वो गलत निर्णय ले लेता हैं,जिससे उसका तो अहित होता ही होता हैं,साथ ही साथ वो दुसरो का भी अहित कर जाता हैं।
जैसे किसी उबलते पानी में यदि तुम जानबूझ कर अपना हाथ डालोगे तो इससे तुम्हारा ही हाथ जलेगा,तुम्हे ही कष्ट पहुंचेगा ना की उस उबलते पानी का कोई नुकसान या अहित होगा। इसलिए स्वयं को यदि पछतावे भरी जिंदगी जीते नहीं देखना चाहते, तो आज से ही अपने दिमाग को शांत करना सीख लो, बिना विचारे कोई भी निर्णय लेना छोड़ दो जब तक तुम्हे पूर्ण सत्य का पता नहीं तब तक तुम कोई भी निर्णय या फैसला मत करो,जिससे बाद में तुम्हे पछताना पड़े।
ये जरुरी नहीं केवल जिससे तुम्हारा खून का रिश्ता हो एकमात्र वही तुम्हारे अपने रिश्ते होते हैं, संसार के बाकि लोगो से तुम्हे कोई मतलब नहीं किसी को कोई हानि पहुंचे तो तुम्हे क्या ? तुम्हे तो बस अपनी फ़िक्र होनी चाहिए। यदि किसी की ऐसी सोच हैं तो,''बड़े दुःख के साथ मुझे ये कहना पड़ रहा हैं कि तुम बहुत ही बदनसीब हो'' क्योकि तुमने स्वयं को उस परमात्मा से ही विलग कर रखा हैं,अपने भीतर ऐसी सोच को पाल कर। क्योकि सभी जीव-जंतु,पशु-पक्षी,पेड़-पौधे एक ही परमात्मा की संतान हैं,फिर मनुष्य के भीतर ऐसी सोच यदि आती हैं, तो वो स्वयं को ईश्वर से अलग कर लेता हैं, ऐसी गलत सोच को अपना कर। तुम मनुष्य को तो एक जानवर के साथ भी गलत व्यवहार नहीं करनी चाहिए,तो इंसान के साथ यदि तुम गलत व्यवहार करते हो तो सोचो तुम एक अपराध के भागीदार बन रहे हो।
क्या तुमने देखा हैं कभी किसी गलत इंसान को किसी भी स्थान पर सम्मान मिला हैं ? चाहे घर हो या बाहर हर जगह सम्मान और प्रशंसा उसी की होती हैं, जो हमेशा सही फैसले और सही विचारधारा अपनाता हैं।
जैसे एक गलत दवा दिए जाने पर मरीज को नुकसान पहुँचता हैं,ठीक वैसे ही गलत आदत,गलत लोग या गलत फैसले, तुम्हे कभी सार्थक और अच्छे परिणाम नहीं दे सकते।
कुछ लोग कहते हैं, ना जाने क्यों मेरे साथ कभी सही नहीं होता ? मगर वो ऐसा क्यों नहीं सोचते की आखिर तुम्हारे साथ सही ना होने की वजह कुछ तो रही होगी ? तुम्हारे जीवन में सही ना होने के पीछे कुछ तो तुम्हारी भी भूल या गलती होगी। या तो तुमने किसी सही इंसान को अपने लिए नहीं चुना,या तो अपने जीवन में तुमने सही क्या हैं और गलत क्या ? इसे जानना कभी जरुरी नहीं समझा।
कभी-कभी तो अति उत्साह में भी इंसान कोई भी फैसला तुरंत कर लेता हैं,वो अपनी प्रसन्नता में ये भी नहीं सोचता,कि अति उत्साह में लिया गया उसका अभी का फैसला भविष्य में उसके दुःख का कारण ना बन जाए। इसलिए कहा जाता ज्यादा खुशी, ज्यादा गम किसी के संभाले नहीं संभलता अक्सर मनुष्य अधिक प्रसन्नता में भी अपनी बुद्धि और विवेक खो देते हैं। इसलिए कहा जाता हैं अति प्रसन्नता भी मनुष्य के चिंता का विषय बन सकता हैं। अपने जज़्बात पे काबू करना सीखे, दुःख में हिम्मत ना हारे,क्रोध में अपनी बुद्धि और विवेक पर काबू करना सीखे,धीरज और धैर्य से काम ले तथा अति उत्साह और प्रसन्नता में खो कर कोई भी निर्णय का फैसला ना करे।
It is very important to know the difference between right and wrong, because if you do not have the logic power to understand the right person or the right and wrong decision, then you can never achieve any big achievement or success in your life.People who fail to differentiate between right and wrong are never able to be happy with anyone in their lives, because often such people include wrong people in their lives, due to which their entire life is spent in sorrow and conflict.When does a person make a wrong decision ?
When a person gets very angry, he takes any decision in haste without thinking or understanding, at that time he does not care that his decision may become a problem for him in future. This happens because in anger the person's brain starts working in the opposite way, due to which the person does not care about himself or others, so he takes wrong decisions, which not only harms him, but also harms others.
For example, if you intentionally put your hand in boiling water, it will burn your hand, it will only hurt you and not cause any harm or damage to the boiling water. Therefore, if you do not want to see yourself living a life full of regrets, then learn to calm your mind from today itself, stop taking any decision without thinking, until you know the complete truth, do not take any judgement or decision, due to which you have to regret later.
It is not necessary that only those who are related to you by blood are your own relations. You are not concerned with the rest of the people in the world. If someone is harmed, what does it matter to you? You should only worry about yourself. If someone thinks like this, then, "With great sorrow, I have to say that you are very unlucky" because you have separated yourself from God by harboring such thoughts within you.Because all living beings, animals, birds, trees and plants are children of the same God, then if such a thought comes in a human being, then he separates himself from God, by adopting such wrong thinking. You humans should not misbehave even with an animal, so if you misbehave with a human being then think that you are becoming a partner in a crime.
Have you ever seen a wrong person getting respect anywhere? Be it home or outside, the one who always takes the right decision and adopts the right ideology gets respect and praise everywhere.
Just like giving a wrong medicine harms the patient, similarly wrong habits, wrong people or wrong decisions can never give you meaningful and good results.
Some people say, I don't know why things never go right with me? But why don't they think that there must be some reason why things are not right with you? There must be some fault or mistake of yours behind things not going right in your life.Either you did not choose the right person for yourself, or you never thought it necessary to know what is right and what is wrong in your life.
Sometimes, a person takes a decision in a jiffy. In his happiness, he does not even think that his decision taken in excitement may become the reason for his sorrow in future. That is why it is said that no one can handle too much happiness or sorrow. Often, people lose their intelligence and Discretion in extreme happiness. That is why it is said that extreme happiness can also become a cause of worry for a person. Learn to control your emotions, do not lose courage in sadness, learn to control your intelligence and Discretion in anger, work with patience and perseverance and do not take any decision by getting lost in extreme excitement and happiness.
ReplyDeleteAny decision should be taken after careful thinking, because wrong decision ruins our life, it is very important for a person to know the difference between right and wrong. Very lovely article.👍
Thank you....
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