जान कर भी सच सब अनजान हैं मुझसे, हर निर्दोष मुझसे ही आस लगाते,क्योकि मैं हूँ न्याय जिसकी संरक्षण स्वयं ईश्वर करते।जो युगों युगों से चलता आ रहा,जो युगो युगो तक चलता रहेगा वो हैं न्याय जिसके समक्ष हर अन्याय झुकेगा।
मानती हूँ कि आज समस्त संसार लोभ और स्वार्थ से वशीभूत हैं, मानती हूँ कि पैसे का बोलबाला अधिक हैं,इंसानो की बस्ती में आज शैतानो का राज्य हैं,भुला कर जो ईश्वर को आज बना रहे अधर्म का सम्राज्य,निर्दोषो को सताने वाले,न्याय को कमजोर समझने वाले तुम ये ना भूलना देर हो या सवेर मगर एक ना एक दिन होता हैं हर अन्याय का अंत।
आज इस कलियुग में यह समझना बहुत कठिन हो गया है कि किस पर विश्वास करें और किस पर नहीं, क्योंकि यह जानना सरल नहीं कि किसके दिमाग में किस प्रकार का षड्यंत्र चल रहा हैं।
तुम किसी शत्रु को बाहर ढूंढने चले हो,मगर तुम्हे जरा भी अंदाजा नहीं कि शत्रु तुम्हारे घर में ही तो मौजूद नहीं ? आज कि दुनिया में तुम अपने परिवार के बीच रह कर भी जब सुरक्षित नहीं तो इससे बढ़कर अन्याय और पाप क्या हो सकता हैं ? बहुत शर्म की बात हैं कि तुम्हारे अपने ही तुम्हारे जान के दुश्मन बन बैठे हैं, वो कोई भी हो सकता हैं,पति,पत्नी,भाई,पुत्र,पिता,माता,बहू,सास कोई भी क्योकि इस घोर कलयुग में बहुत कम ही ऐसे परिवार या रिश्तेदार होंगे जिन्हे सच में अपने परिवार से प्यार या परवाह होगा। न्याय और अन्याय की जंग में आज इस सृष्टि की दशा काफी दयनीय हैं क्योकि रक्षा करने वाला ही जब भ्रष्टाचार से ग्रस्त हैं, तो देश की कानून में बदलाव और न्याय में रूचि रखना आज सबके लिए कहां आसान हैं। यही मुख्य कारण हैं जो देश कि बहू-बेटियां सुरक्षित नहीं,यही कारण हैं जो आज अधर्म और आतंक को न्याय के खिलाफ जाने से भय नहीं।
जब देवता भी न्याय का पालन करते हैं,तो फिर तुम मनुष्य क्या हो ? न्याय के समक्ष जब देवता भी अपना शीश झुकाते हैं, तो तुम न्याय के समक्ष अपना शीश उठा कर जो अनेको अधर्म और पाप कर रहे हो वो न्याय एक ना एक दिन तुमसे हिसाब अवश्य लेगा।
अहं प्रत्येकस्य अन्यायस्य अन्तः, अहं प्रत्येकस्य दुष्टस्य अन्तः, कोऽपि अन्यायः मम कृते निगूढुं न शक्नोति, यतः अहं प्रत्येकस्य अन्यायस्य अन्तः अस्मि, अहं न्यायः अस्मि ।।
अर्थात,( हर अधर्म का अंत हूँ मैं, प्रत्येक दुराचारियो का काल हूँ मैं, मुझसे कोई अन्याय छिप नहीं सकता,क्योकि हर अन्याय का अंत न्याय हूँ मैं। )
जिस न्याय की पूजा की जाती हैं, आज संसार में उसी न्याय को अपमानित किया जा रहा हैं,न्याय में ही ईश्वर छुपे हैं उस ईश्वर का ही तिरस्कार हो रहा हैं,फिर कैसे दुनिया में तबाही का सैलाब ना हो जब दुनिया को बनाने वाले को ही आज ये संसार भुला रहा हैं।
क्या तुम जानते हो अन्याय और न्याय में लंबी उम्र किसकी हैं ? न्याय की आयु लंबी हैं और न्याय अजर अमर हैं मगर अन्याय अल्पायु हैं जिस अन्याय को आज बढ़ावा देने की गुस्ताखी कर रहे हो तुम अपनी बची शेष आयु भी गवा रहे हो क्योकि एक ना एक दिन अन्याय का अंत होना हैं उसके साथ-साथ जिसने भी अन्याय का दामन थाम रखा हैं उसका भी अंत तय हैं, ऐसा कब होगा,किसके हाथो होगा ? इसका पता जल्द ही आने वाले समय में संसार जान लेगा।
हकीकत से दूर कब तक भागोगे ? एक ना एक दिन तुम्हारा सामना उससे अवश्य होगा जब न्याय अपने चरम पे होगा। किसी को सताना,किसी की हत्या कर देना, अपने स्वार्थ और लोभ में आ कर किसी गलत काम को अंजाम देना ये अन्याय ही एक दिन उन दुराचारियो के पतन का कारण बनेगा।
यदि तुम्हे पता हैं आगे का रास्ता खतरे से भरा हैं, तो तुम क्या करोगे ? यक़ीनन तुम आगे चलना नहीं चाहोगे अपने कदम पीछे कर लोगे, आज मैं इस लेख के माध्यम से समस्त संसार को यही संदेश पहुंचाना चाहती हूँ कि अभी समय शेष हैं,अपने कर्मो को सुधार लो,न्याय से हाथ मिला लो और अन्याय को अलविदा कह दो वरना समझने और समझाने का वक्त नहीं रहेगा जब न्याय अपने चरमसीमा पर होगा।
Even after knowing the truth everyone is unaware of me, every innocent has his hopes in me because I am the justice which is protected by God himself.That which has been going on for ages, that which will continue for ages is justice, before which every injustice will bow down.I believe that today the entire world is dominated by greed and selfishness, I believe that money has a lot of influence, today the human settlement is under the rule of devils, those who forget God are creating an empire of evil today, those who torture the innocent, those who consider justice to be weak, you should not forget that it may be late or early but one day every injustice comes to an end..
Today in this Kaliyug, it has become very difficult to understand whom to trust and whom not to, because it is not easy to know what kind of evil conspiracy is going on in someone's mind.
You have gone out to look for an enemy, but do you have no idea that the enemy is not present in your own house? In today's world, when you are not safe even while living with your family, what can be more unjust and sinful than this? It is a matter of great shame that your own people have become your enemies, they can be anyone, husband, wife, brother, son, father, mother, daughter-in-law, mother-in-law, anyone because in this terrible Kaliyug, there will be very few families or relatives who will really love or care their family.In the war between justice and injustice, the condition of this world is very pathetic because when the protector himself is corrupt, then it is not easy for anyone to have interest in justice and change the law of the country. These are the main reasons why the daughters and daughters-in-law of the country are not safe, these are the reasons why today injustice and terror have no fear of going against justice.
When even the gods follow justice, then what are you humans? When even the gods bow their heads before justice, then justice will one day take account of the many injustice and sins you are committing by raising your head before justice.
* I am the end of every injustice, I am the death of every evil-doer, no injustice can be hidden from me, because I am justice, the end of every injustice..
Justice which is worshipped is being insulted in the world today, God is hidden in justice and that very God is being insulted, then how can there not be a flood of destruction in the world when the world is forgetting the creator of the world today.
Do you know who lives longer between justice and injustice? Justice lives longer and is immortal but injustice is short-lived. You are committing the audacity of promoting injustice today and you are wasting your remaining life too because injustice will come to an end one day and along with it, the end of whoever is holding on to injustice is also certain. When will this happen and at whose hands will it happen? The world will soon know this in the times to come.
How long will you run away from reality? One day you will definitely face it when justice will be at its peak. Torturing someone, killing someone, doing any wrong deed due to selfishness and greed, this injustice will one day lead to the downfall of those evil-doers.
If you know that the path ahead is full of dangers, what will you do? Surely you will not want to move forward, you will take your steps back. Today, through this article, I want to deliver this message to the whole world that there is still time left, correct your deeds, join hands with justice and say goodbye to injustice, otherwise there will be no time to understand and explain when justice will be at its peak.
ReplyDeleteJustice can never lose, justice always wins. That is why we should always support justice and stay away from every injustice. Very lovely article by you. I was mesmerized after reading it..👍
Thank You So Much....
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