जब कभी आसपास कोई पांच लोगो का या कोई समूह जब इकट्ठा होता हैं तब अकसर लोग एक दूसरे की चर्चा अवश्य करते हैं,चाहे बात पड़ोसी की हो,किसी रिश्तेदार की हो,परिवार या किसी अन्य इंसान की। कुछ लोगो के पास जब कोई कार्य शेष नहीं रहता तो वो अक्सर किसी ना किसी की निंदा या चुगली अवश्य करते हैं, लोगो की ऐसी मानसिकता ही उनके ही आपसी जीवन में उनकी खुशियों का एक रोड़ा बनने का कार्य करता हैं। जानना नहीं चाहोगे ऐसे लोगो को ईश्वर क्या समझते हैं ?
ईश्वर ऐसे लोगो को मनुष्य के नाम पर एक धब्बा मानते हैं, क्योकि किसी का मजाक बनाना,किसी को बिना जाने,बिना परखे ही उसको गलत समझना,किसी की चुगली करना,किसी की बेवजह निंदा करना ये एक अच्छे मनुष्य की पहचान नहीं कहलाती। ईश्वर सोचते हैं यदि तुम्हे खुद से ज्यादा दुसरो की जिंदगी में ताक-झांक करना इतना पसंद हैं, तो ये लो मैं तुम्हे इसी कार्य में छोड़ देता हूँ, क्योकि जब तुम अपने जीवन में असफलता के मुख को देखोगे तब तुम्हे अपनी प्रत्येक भूल का स्मरण स्वतः ही हो जाएगा।
जरा विचार करो क्या फायदा बड़ी डिग्रियां ले कर, जब तुम्हारे भीतर अच्छे गुण और अच्छे कर्मो का ज्ञान ही नहीं ? क्या फायदा तुम्हारी शिक्षा पूर्ण होने का जब तुम्हारे अंदर सही और गलत को परखने का हुनर ही नहीं ?
केवल स्वयं को अच्छा मानने से तुम अच्छे होने का दर्जा नहीं प्राप्त कर सकते जब तक सभी अच्छे गुण और अच्छे कर्म तुम्हारे भीतर विद्यमान नहीं ? मेरी एक बात अवश्य याद रखना जिन्हे कुछ बड़ा करना होता हैं वो कभी एक समूह का चुनाव नहीं करते,ना ही किसी की चुगली या निंदा करते हैं और ना ही किसी को स्वयं से छोटा समझते हैं।यदि कोई उन पर हंसता या उनका मजाक बनाता हैं, तो भी वो ऐसे फालतू लोगो की बातो को अनसुना कर जाते हैं, क्योकि वो इस बात को जानते हैं, कि उन लोगो का यही काम हैं और उन्हें अपने जीवन में इसके सिवा कुछ नहीं करना हैं,मगर मुझे तो कुछ बड़ा करना हैं जिससे मेरा भी भला हो साथ ही साथ किसी का अन्य का भी भला हो। जिस दिन तुम्हारे भीतर ऐसी सोच जागृत हो जाएगी याद रखना तुम्हारे रास्ते के बीच आने वाली हर दीवार स्वयं ही टूट कर चूर हो जाएगी।
तुम्हे शिक्षित क्यों किया जाता हैं ? जानना नहीं चाहोगे ? ताकि तुम अच्छे और बुरे की पहचान कर सको। यदि शिक्षित हो कर भी तुम किसी दूसरे की जिंदगी में ताक- झांक करते हो, किसी की चुगली करते हो,किसी का मजाक बनाते हो,किसी की निंदा करते हो, तो तुमसे बड़ा अनपढ़ और अज्ञानी कोई अन्य हो ही नहीं सकता।कभी ध्यान से गरुड़ पुराण का अध्ययन किया हैं ? उसमे चुगली करने वालो के विषय में और बुरे कर्म करने वालो के विषय में बहुत सी बाते लिखी गई हैं, क्योकि निंदा करना,चुगली करना या कोई गलत आदतों को अपनाना भी एक पाप ही कहलाता हैं। कर्म से आज तक कोई बच नहीं पाया हैं जिसने जैसा कर्म किया हैं उसने अपने कर्मानुसार ही फल प्राप्त किया हैं, ये विधि का विधान हैं जिससे आज तक कोई नहीं बच पाया हैं, ईश्वर से भी यदि कोई भूल हो जाती हैं तो वो भी अपनी भूल और अपने कर्मो का प्राश्चित करते हैं, फिर तुम सब तो एक मनुष्य हो।
एक अच्छे नागरिक बनो, अच्छी आदत को अपनाना शुरू करो और समय रहते अपनी हर भूल को सुधारने का प्रयास करो, क्योकि यदि तुमने समय रहते स्वयं को नहीं सुधारा तो आजीवन तुम्हे अपने प्रत्येक कर्मो का भुगतान करना होगा,और एक दिन पश्चाताप की अग्नि में जलना होगा।
दूसरों की चुगली करने वाले,दूसरो का मजाक बनाने वाले तो अपने उसी स्थान पर रह जाते हैं, मगर एक सभ्य व्यक्ति सबको नजरअंदाज कर अपने जीवन में बड़े मकाम हासिल कर जाते हैं। दूसरो की निंदा करने वाले,मजाक बनाने वाले पीछे ही रह जाते हैं,सिवाय नाकामी के ऐसे लोगो को कुछ भी हासिल नहीं होती हैं।
Whenever a group of five people or any other person gathers around, people often talk about each other, whether it is about a neighbor, a relative, family or any other person. When some people have nothing to do, they often criticize or gossip about someone or the other. This kind of mentality of people acts as a hindrance to their happiness in their personal life. Don't you want to know what God thinks of such people?God considers such people a blot on the name of humanity, because making fun of someone, misunderstanding someone without knowing them, backbiting about someone, criticizing someone without any reason are not considered the mark of a good person.God thinks that if you like to peep into others life more than your own, then here I am leaving you to do this work, because when you will face failure in your life then you will automatically remember all your mistakes.
Just think, what is the use of having big degrees when you do not have the knowledge of good qualities and good deeds? What is the use of completing your education when you do not have the skill to differentiate between right and wrong?
Just by considering yourself good you cannot attain the status of being good unless all the good qualities and good deeds are present within you. Remember one thing of mine, those who want to do something big never choose a group, neither do they gossip or criticize anyone nor do they consider anyone inferior to themselves.If someone laughs at them or makes fun of them, even then they ignore the words of such useless people, because they know that this is their job and they have nothing else to do in their life except this, but I have to do something big which will benefit me as well as someone else. The day such thinking will awaken in you, remember that every wall coming in the way of your path will break down and crumble on its own.
Why are you educated? Don't you want to know? So that you can differentiate between good and bad. If despite being educated you peep into someone else's life, gossip about someone, make fun of someone, criticize someone, then no one can be more illiterate and ignorant than you.Have you ever carefully studied Garuda Purana? It has written many things about gossipers and those who do bad deeds, because criticizing, gossiping or adopting any bad habits is also considered a sin. No one has been able to escape from karma till date, whoever has done whatever deed, he has received the result according to his karma, this is the law of nature from which no one has been able to escape till date, even if God commits a mistake, he also repents for his mistake and his deeds, then you all are just humans.
Be a good citizen, start adopting good habits and try to correct your mistakes in time, because if you do not correct yourself in time, then you will have to pay for your every deed throughout your life, and one day you will have to burn in the fire of repentance.
Those who gossip about others, make fun of others remain in their same position, but a civilized person ignores everyone and achieves great heights in his life. Those who criticize others, make fun of others are left behind; such people achieve nothing except failure.
ReplyDeleteThose who gossip neither get respect from anyone nor get success in any work, so bring a change in yourself, do not make fun of others. Very lovely article. 👍
Thanks a lot....
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