तुम अपने जीवन को यदि चिंताओं से मुक्त करना चाहते हो, तो सर्वप्रथम तुम्हे अपने दिल से नफरत और घृणा जैसे विकारो को बाहर निकालना होगा तभी तुम अपने जीवन में सुकून पा सकते हो। नफरत एक ऐसा सैलाब हैं जो तुम्हे ही इस सैलाब में बहा ले जाता हैं,जहां ना ही कोई किनारा हैं और ना ही कोई सहारा। आखिर नफरत से तुम्हे क्या हासिल होगा ? किसी की बर्बादी बस, जिससे तुम्हे ऐसा महसूस होगा जैसे उसके जीवन को बर्बाद कर तुम्हारा मकसद पूरा हो गया, मगर ये तुम्हारी विडंबना हैं।
जब एक छोटा बच्चा कोई भूल करता हैं,तो लोग उसकी भूल को नासमझी कह कर टाल देते हैं,मगर जब कोई पढ़ा लिखा,समझदार व्यक्ति जानबूझ कर कोई भूल करता हैं तो उसे भूल नहीं अपराध कहते हैं।
नफरत भी भिन्न प्रकार के होते हैं,जिसे आज मैं दो पहलुओं में समझाने का प्रयास करती हूँ। एक वो नफरत जिसमे तुम किसी की खुशियों को देख उससे ईर्ष्यावश अपने दिल में उसके लिए नफरत पाल लेते हो,एक वो नफरत जिसमे किसी बुरे इंसान की आदतों को,उसकी हरकतों को बुरे कर्मो को देख तुम उससे नफरत करने लगते हो।
किसी बुरे व्यक्ति को देख कर कौन प्रसन्न हो सकता हैं भला ? जाहिर हैं उससे तो हर किसी को नफरत होगी,मगर जो इंसान गलत नहीं,जो इंसान अच्छे कर्म करता हैं,जो किसी का अहित नहीं सोचता यदि सब उस इंसान को पसंद करते हैं,उसे सम्मान देते हैं,तो उसकी प्रसंशा को देख यदि तुम उससे ईर्ष्यावश नफरत करते हो तो ये नफरत तुम्हे ही नुकसान पहुंचाने का कार्य करेगी।संसार की बर्बादी की वजह यदि कोई हैं तो ये नफरत ही हैं, जिसने सबके सुकून और खुशियों को बर्बाद कर दिया हैं। आज देश और दुनिया में दंगे,लड़ाई,तानाशाही की वजह ये नफरत ही हैं,किसी की प्रगति को देख नहीं पाते लोग,यदि कोई अन्य देश अधिक विकसित हो रहा हैं,तो उसके विकास को देख कर दूसरे देश उससे ईर्ष्या और नफरत करने लगते हैं।
देश की सरकार भी क्या करेगी भला जब तुम अपने परिवार को संभाल नहीं पा रहे हो तो यहां सरकार पूरे देश को चला रही हैं,इतनी जनसंख्या में किस-किस को सरकार रोकेगी अपराध और दंगे करने से ?
अब इस संसार की स्थिति को नियंत्रण में रखना एकमात्र भगवान के हाथ में हैं,क्योकि मानव को किसी कानून और सजा से कोई खौफ नहीं रहा,अपनी नफरत की आड़ में वो स्वयं को ही सूली पर चढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं,जिसकी खबर उन्हें अभी नहीं समय आने पर पता चलेगा।
मेरे द्वारा लिखे और कहे गए एक-एक शब्द जनहित कल्याण के लिए हैं,यदि पेड़ की एक शाखा भी कमजोर हो कर टूट जाती हैं, तो पूरा पेड़ अपना अस्तित्व खोने लगता हैं,वीरान होने लगता हैं,ठीक वैसे संसार के हर मनुष्य को यदि हर मनुष्य से नफरत के स्थान पर स्नेह होता तो आज ये संसार कलयुग के स्थान पर सत्यकली होता। जहां असत्य, घृणा, नफरत, लालच, स्वार्थ, ईर्ष्या का बोलबाला होता हैं,वहीं कलयुग के आतंक का भी विस्तार होता हैं,जो आज मानवता का सबसे बड़ा शत्रु बन बैठा हैं।
ये नफरत की आंधी तुम्हे ही अपने साथ बहा ले जाएगी, नफरत वो सैलाब हैं,जो तुम्हे ही खुद में समाहित कर तुम्हारा अस्तित्व मिटा जाएगा,ये नफरत वो आग हैं जो तुम्हे स्वयं में ही जला कर भस्म कर जाएगी।
आज तक नफरत से किसका भला हुआ हैं ? क्या तुमने रामायण,भगवतगीता का अध्यन नहीं किया ? क्या पुराणों में वर्णित कथाओ का तुमने श्रवण नहीं किया ? बड़े से बड़े प्रतापी राजा हो या कोई दानव जिसने भी गलत मनसा से किसी का अहित करने की भूल की हैं उसे उसका दंड अवश्य मिला हैं।
If you want to make your life free from worries, then first of all you have to remove the emotions like hatred and disgust from your heart, only then you can find peace in your life.Hatred is such a flood that it takes you away in this flood, where there is neither any shore nor any support.After all, what will you gain from hatred? Just destroying someone will make you feel that your purpose has been fulfilled by ruining his life, but this is your irony.
When a small child commits a mistake, people dismiss it as foolishness, but when an educated, intelligent person commits a mistake intentionally, it is not called a mistake but a crime.
There are different types of hatred, which I will try to explain in two aspects today. One is the hatred in which you see someone's happiness and develop hatred for him in your heart out of jealousy; the other is the hatred in which you start hating a bad person after seeing his habits, actions and bad deeds.Who can be happy seeing a bad person? Obviously everyone will hate him, but if a person who is not wrong, who does good deeds, who does not think ill of anyone, if everyone likes that person, respects him, then if you hate him out of jealousy seeing his praise, then this hatred will only harm you.
If there is any reason for the destruction of the world, it is this hatred, which has ruined everyone's peace and happiness. Today, this hatred is the reason for riots, fights, dictatorship in the country and the world. People are unable to see anyone's progress. If any other country is developing more, then seeing its development, other countries start getting jealous and hating it.
What will the government of the country do when you are not able to take care of your family, then here the government is running the whole country, in such a huge population whom will the government stop from committing crime and rioting?
Now it is only in the hands of God to control the situation of this world, because humans have no fear of any law or punishment, under the guise of their hatred they are trying to crucify themselves, which they will not know now but when the time comes.
Every word written and spoken by me is for the welfare of the people. If even one branch of a tree becomes weak and breaks, then the entire tree starts losing its existence and becomes desolate. Similarly, if every person in the world had love for each other instead of hatred, then today this world would have been Satyakali instead of Kaliyug. Where falsehood, hatred, greed, selfishness, jealousy prevail, the terror of Kaliyug also spreads, which has become the biggest enemy of humanity today.
This storm of hatred will sweep you away with it, hatred is that flood which will absorb you into itself and erase your existence, this hatred is that fire which will burn you to ashes within itself.
Who has benefited from hatred till date? Have you not studied the Ramayana, the Bhagavad Gita? Have you not listened to the stories described in the Puranas? Be it the most powerful king or a demon, whoever has committed the mistake of harming someone with a wrong intention has definitely received the punishment for it.
ReplyDeleteJealousy and hatred become obstacles in human development, so we should stay away from jealousy and hatred. Very nice article.👍
Thank you..
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