भक्तों से कैसे प्रसन्न होती हैं देवी ? ( How is the Goddess Pleased With her Devotees?)

Snehajeet Amrohi
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नवरात्रि का आरंभ कल से होने जा रहा,सभी भक्तजन बड़े उल्लास से मातारानी का स्वागत करते हैं,भक्तो के हर्षोउल्लास को देख मुझे ऐसा प्रतीत होता हैं जैसे मानो सभी भक्तो को साक्षात् देवी महागौरी के दर्शन हो रहे हैं। अपने भक्तो से देवी बस यही कहना चाहती हैं,कि मेरे प्रिय भक्तो तुमने बड़ी श्रद्धाभाव से मेरा स्वागत किया, मेरे लिए नौ दिनों तक उपवास रखा,मेरी भक्ति पूजा,मेरा ध्यान किया,मगर जो सबसे विशेष और मुख्य बात हैं,तुम उसे ही भूल बैठे,क्या चाहती हूँ मैं तुम सभी भक्तो से ? क्या तुमने कभी इन बातो पर चिंतन किया हैं ?

ये नाना प्रकार के 56 भोग,प्रसाद,मिठाइयां,फल आदि मुझे प्रसन्न नहीं करते,भले ही तुम मुझे प्रसाद में कुछ भी चढ़ाओ मगर मुझे यदि सत्य में महसूस करना चाहते हो, तो सर्वप्रथम अपने विचारो,व्यवहारों और आदतों में बदलाव लाओ,जो बुरे कर्म तुम्हे बाद में ग्लानि महसूस कराए सर्वप्रथम उन बुरे कर्मो का सदा के लिए परित्याग करो, यदि सत्य में तुम मेरे दर्शन पाना चाहते हो तो सर्वप्रथम नारियो,छोटी मासूम कन्याओ पर हो रहे अत्याचार को बंद करो

अपने माता-पिता बड़े बुजुर्गो का भूल कर भी अपमान ना करो,दिल में सभी के लिए सम्मान और प्यार बसा कर ही तुम मेरी भक्ति और मेरी पूजा करो,क्योकि मैं मनुष्य के अच्छे कर्मो से प्रसन्न होती हूँ,मैं दुराचारियो बुरे कर्म करने वालो की पूजा-पाठ और उपवास से कभी प्रसन्न नहीं होती। यदि तुम स्वयं को एक अच्छे इंसान में बदलने की साहस रखते हो तो मेरे नवरात्र के प्रथम दिन तुम ये प्रतिज्ञा लो की आज से तुम कभी किसी का अहित नहीं करोगे,किसी का अपमान नहीं करोगे,किसी के अन्याय को देख शांत नहीं रहोगे,सत्य का सदैव साथ दोगे और असत्य से सदैव दूर रहोगे।  

इस कलयुग के कालचक्र में अनेको अधर्म और पाप हो रहे हैं, अपने स्वार्थ की पूर्ति हेतु मनुष्य अपने ही माता-पिता भाई-बहन की जान लेने पर तुले हैं। 

अब मुझे ये बताओ तुम्हारे गृह में सभी सदस्य रहते हैं,उनमे कुछ अच्छे हैं,कुछ बुरे भी हैं तो क्या तुम किसी एक सदस्य की गलती के लिए पुरे गृह को नुकसान पहुँचाओगे ? तुम प्रयास करोगे सायद समझाने से बात सुलझ जाए तुम्हारा गृह बर्बाद होने से बच जाए। आज ठीक वही स्थिति इस संसार की हो गई हैं,कुछ संतान के अपराधों को देख अपने सभी संतान के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकते कोई भी माता-पिता,इसलिए देवी के आगमन से पूर्व यही जिज्ञासा हैं आज मेरे दिल में कि ये संसार बिखर तो चुका हैं,मगर अभी भी उसे समेटने का प्रयास किया जा रहा, यदि फिर भी कोई समझने का प्रयास नहीं करेगा तो सौम्यता को त्याग कर देवी को अपने रौद्र स्वरुप में आना होगा,क्योकि बच्चे जब प्यार और स्नेह से समझाने पर भी यदि नहीं समझते तो उन्हें समझाने के लिए कठोर बनना पड़ता हैं, ताकि बच्चे की जिंदगी बर्बाद होने से बच जाए और समय रहते बच्चे सही और गलत क्या हैं ? इसे समझ जाए। 

प्रत्येक कन्याओ में वास हैं देवी का,प्रत्येक नारियो में वास हैं देवी का,चाहे वो नारी तुम्हारी माँ हो,पत्नी हो,बहन हो, चाहे बेटी हो या कोई अन्य। 

ये ना सोचना कि बस नवरात्र में ही देवी का आगमन होता हैं, कण-कण में जिनका निवास हैं,वो देवी हर पल तुम्हारे पास हैं, यदि तुम अपनी पत्नी का अपमान करते हो तो ये ना भूलना ये अपमान उस देवी का ही अपमान हैं,यदि तुम अपनी माँ का अपमान करते हो तो ये अवश्य याद रखना ये अपमान देवी का ही अपमान हैं। किसी परायी स्त्री पर कुदृष्टि डालना ये एक जघन पाप हैं जिससे तुम्हे कभी मुक्ति नहीं मिलेगी क्योकि हर स्त्री में देवी का ही वास हैं। 

समय अब भी थोड़ा शेष हैं अपनी भूल के लिए क्षमा मांगने का, प्राश्चित करने का,वरना नवरात्रि क्यों इस संसार में विख्यात हैं ?  तुम्हे ज्ञात अवश्य होगा,जब अधर्म बार-बार अपनी सीमा को लांघने का प्रयास करता हैं,पाप और अन्याय का विस्तार करता हैं,दीन -हीन  प्राणियों पर अत्याचार करता हैं,तो उस अन्याय,पाप और अधर्म को रोकने के लिए ही देवी दुर्गा का अवतार इस धरा पर होता हैं। 

असत्यं पराजयितुं, सत्यं पुनः स्थापयितुं, मार्गभ्रष्टान् बालकान् सम्यक् मार्गस्य विषये अवगतं कर्तुं आगच्छामि, पुनः एतां अशुद्धभूमिं शुद्धीकर्तुं आगच्छामि।। 🔱

अर्थात,

आ रही हूँ मैं,असत्य को पराजित करने,सत्य को पुनः स्थापित करने, भूले भटके संतानो को सही मार्ग से अवगत कराने,आ रही हूँ मैं, इस अपवित्र धरा को पुनः पवित्र करने,आ रही हूँ मैं। 



Navratri is going to start from tomorrow, all the devotees welcome Mata Rani with great enthusiasm, seeing the joy of the devotees, it seems to me as if all the devotees are getting the darshan of Goddess Mahagauri in person. The Goddess wants to say only this to her devotees, that my dear devotees, you welcomed me with great devotion, kept fast for me for nine days, worshipped me with devotion, meditated on me, but you forgot the most special and important thing, what do I want from all of you devotees? Have you ever thought about these things?

These various types of 56 bhogs, prasad, sweets, fruits etc. do not please me, no matter what you offer me as Prasad, but if you really want to feel me, then first of all change your thoughts, behavior and habits, first of all give up those bad deeds which make you feel guilty later, if you really want to see me then first of all stop the atrocities on women, small innocent girls.

Do not insult your parents and elders even by mistake, you should worship me and do my devotion and worship me only after having respect and love for everyone in your heart, because I am pleased by the good deeds of a man, I am never pleased by the worship and fasting of the wicked and the people doing bad deeds. If you have the courage to transform yourself into a good person, then on the first day of my Navratri, take a pledge that from today onwards, you will never harm anyone, you will never insult anyone, you will never remain silent on seeing injustice done to anyone, you will always support the truth and will always stay away from untruth.

In this Kalyug cycle of time, many sins and evils are happening. To fulfil their selfish desires, people are bent on killing their own parents, brothers and sisters.

Now tell me, all the members live in your house, some of them are good, some are bad, so will you harm the whole house for the mistake of one member? You will try to solve the matter by explaining, maybe your house will be saved from getting ruined. Today the same situation has happened in this world, no parent can put the life of all their children in danger after seeing the crimes of some children, so before the arrival of the Goddess, there is this curiosity in my heart today that this world has been shattered, but still efforts are being made to bring it together, if even then no one tries to understand, then the Goddess will have to leave her gentleness and come in her fierce form, because when the children do not understand even after explaining with love and affection, then one has to become strict to explain them so that the life of the child is saved from getting ruined and the children understand in time what is right and wrong?

Goddess resides in every girl, Goddess resides in every woman, whether that woman is your mother, wife, sister, Whether it's a daughter or anyone else.

Do not think that the Goddess arrives only during Navratri, the Goddess who resides in every particle is with you every moment, if you insult your wife then do not forget that this insult is the insult of that Goddess, if you insult your mother then remember that this insult is the insult of the Goddess. Casting an evil eye on any other woman is a heinous sin from which you will never get freedom because the Goddess resides in every woman.

There is still some time left to ask for forgiveness for our mistakes, to repent, otherwise why is Navratri famous in this world? You must know that when unrighteousness repeatedly tries to cross its limits, spreads sin and injustice, oppresses the poor and downtrodden creatures, then Goddess Durga takes incarnation on this earth to stop that injustice, sin and unrighteousness.

I am coming to defeat falsehood, to re-establish truth, to guide lost children to the right path, I am coming to purify this impure land again.🔱

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  1. Goddess resides in every woman, that is why we should respect women and at the same time we should never disrespect our parents. Very lovely article and description of Goddess by you.👍

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