जैसा मैं हमेशा से कहते आई हूँ और आज भी कह रही हूँ कि ये संसार एक ऐसा मायाजाल है, जिससे बाहर निकलना इतना सरल नहीं क्योकि इस मायाजाल में जो एक बार उलझ गया उसका स्वयं पर भी वश नहीं चलता अर्थात वो माया के चक्र में बंध जाता है।
ये भोग विलास,ऐशो आराम, धन दौलत और पैसा ही सभी मनुष्यो के लिए एक माया का जाल है, क्योकि इस धरा पर ऐसा कोई नहीं जिसे किसी भी वस्तु की आकांक्षा नहीं। बहुत कम ही ऐसे मनुष्य होंगे इस धरा पर जो इस माया से दूर है।
मगर आज मैं एक विशेष मुद्दे पर चर्चा करने जा रही हूँ,जो है कलियुग की माया।
कलियुग की माया एक ऐसी माया है जो तुम्हे अपनी माया में उलझा कर केवल अंधकार की ओर ले जा रही है जिसका अनुमान तुम्हे अभी नहीं है समय आने पर होने वाला है।
आज यदि तुम कलियुग की माया में फंस कर सही को गलत और गलत को सही दर्शाने की चेष्ठा कर रहे तो समय आने पर तुम्हे अपने प्रत्येक भूल का उत्तर अवश्य मिलेगा क्योकि जो गलत है वो कभी सही नहीं हो सकता चाहे वो तुम्हारे कर्म हो या रास्ता यदि तुमने जल्दबाजी में सबसे पहले आगे निकलने के लिए कोई गलत रास्ता चुना है, तो वो गलत रास्ता तुम्हे सही स्थान की जगह गलत रास्ते पर ही ले कर जाएगा।
आज इस कलियुग में लोग अपने माता-पिता, दादा-दादी को एक पुराना सामान समझ कर उनका हर दिन अपमान करते है, उन्हें दो वक्त की रोटी भी प्यार से नहीं देते तो क्यों ना संसार अपनी आखरी सांसे गिने जब पाप और अधर्म की बोझ तले ये पृथ्वी दबे ?
भाई अपने भाई का शत्रु बन बैठा है, भाई बहन का रिश्ता भी अपनी मर्यादा को भूल बैठा है, पुत्र अपने ही माता-पिता का हत्यारा बन बैठा है, पति पत्नी के पवित्र रिश्ते की गरिमा और विश्वास भी मिट चुका है, स्त्रियां अपने संस्कार शर्म लिहाज सब भुला चुकी है, मानव एक पशु की भांति व्यवहार करने लगा है, आज ये सब इस धरा पर क्यों हो रहा ? कभी किसी ने जानने का प्रयास किया है ?
ये सब कलियुग की ही माया है, यदि तुम समय रहते इस आसुरी प्रभाव से बाहर नहीं आए तो आगे चल कर तुम्हे भयंकर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
जैसा कि आप सबको पता है जब आप किसी परीक्षा के लिए बैठते है तो आपके सामने कई प्रश्न आते है, जिसका सही उत्तर आपको देना होता है, यदि आपने गलत उत्तर दिया तो आप अपनी परीक्षा में अनुतीर्ण हो सकते है, मगर परीक्षा के बाद आप सबको उस परीक्षा के नतीजे का इंतेजार रहता है,कि आप सफल हुए या असफल। ठीक वैसे आज इस कलियुग में समस्त मनुष्य जाति की परीक्षा ली जा रही मगर कुछ परीक्षार्थी तो इम्तेहान को पास कर लिए और कुछ अपनी परीक्षा में असफल हो गए।
जानना चाहते हो तुम असफल क्यों हुए ? क्योकि तुमने कलियुग की माया में फंस कर अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा मान लिया, चंद पैसो के लिए अपना ईमान बेच दिया, अपने कर्तव्यों का पालन करने के स्थान पर अपने कर्तव्यों से ही मुख मोड़ लिया, भोग विलास, ऐशो आराम भरी जिंदगी जीने के लिए तुमने ईश्वर द्वारा बनाए गए नियमो को ही तोड़ डाला।
यदि दिन को कोई रात्रि कहने का प्रयास करे तो उसके कहने से दिन रात्रि नहीं माना जाएगा,ठीक वैसे कोई अधर्मी और दुराचारी के कर्मो को यदि कोई छुपाने के लिए उसे एक अनजाने में की गई भूल में यदि बदलने का प्रयास करेंगे तो वो भूल नहीं कहलाएगी, क्योकि सत्य को कोई झुठला नहीं सकता और झूठ को कोई सत्य से बचा नहीं सकता, ईश्वर सत्य है, जिसे तुम ना ही झुठला सकते हो और ना ही बदल सकते हो और इस सत्य से तुम स्वयं को और अपने प्रत्येक बुरे कर्मो को बचा नहीं सकते हो।
ये जो लोग कहते है अंत भला तो सब भला, इसका सही मूल्यांकन क्या तुमने जानने का प्रयास किया है ? कहने का तात्पर्य है जब कुछ खत्म होता है, तो पुनः नया अवश्य अवतरित होता है, अर्थात जब इस सृष्टि का अंत समय आएगा सबको ईश्वर के समक्ष प्रस्तुत होना ही होगा फिर से नई सृष्टि के आरंभ में भाग लेने के लिए मगर यदि तुमने अपनी जिंदगी की शुरुआत ही बुराई से किया है तो तुम्हारा अंत कैसे अच्छा हो सकता है ? कैसे तुम्हे अच्छा परिणाम मिल सकता है।
परिवर्तन संसार का नियम है जिसे बदला नहीं जा सकता जैसे तुम कोई पुराना सामान खराब हो जाने पर नया लाते हो ठीक वैसे अपना पुराना शरीर त्याग कर नया शरीर प्राप्त करते हो यदि तुमने जानबूझ कर कोई गलत कर्म किया है तो यकीनन तुम्हे एक अच्छा शरीर प्राप्त नहीं हो सकता क्योकि तुमने ईश्वर द्वारा मिले शरीर और जीवन का दुरूपयोग करने की चेष्ठा की है जिसका भयंकर परिणाम तो मिलना ही मिलना है।
सत्य कब किस रूप में प्रकट हो जाए इसका अनुमान किसी को नहीं,'' एक अटल सत्य समय आने पर सबके प्रत्यक्ष प्रस्तुत होगा, इसे जानना और प्रत्यक्ष देखना चाहते हो तो सर्वप्रथम कलियुग की माया से बाहर आओ अन्यथा तुम्हे इस कलियुग के अंधकार से कोई बाहर नहीं निकाल पाएगा और उसी अंधकार में तुम्हरा अस्तित्व मिट जाएगा।
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As I have always been saying and I am saying it even today that this world is such an illusion that it is not so easy to get out of it because once a person gets entangled in this illusion, he does not have control over himself, that is, he gets trapped in the cycle of illusion.
These pleasures, comforts, wealth and money are a web of illusion for all human beings, because there is no one on this earth who does not desire anything. There are very few people on this earth who are away from this illusion.
But today I am going to discuss a particular issue, which is The illusion of Kaliyug.
The illusion of Kaliyug is such an illusion that by entangling you in its illusion, it is only taking you towards darkness, which you cannot even imagine right now, it is going to happen when the time comes.
Today, if you are trapped in the illusion of Kaliyug and are trying to show right as wrong and wrong as right, then when the time will come, you will definitely get the answer to your each mistake because what is wrong can never be right, be it your deeds or your path. If in a hurry you have chosen a wrong path to move ahead first, then that wrong path will take you to the wrong path instead of the right place.
Today in this Kali Yuga, people treat their parents and grandparents like old things and insult them everyday. They don't even feed them two meals a day with love. Then why shouldn't the world count its last breaths when this earth is crushed under the burden of sin and injustice?
Brother has become the enemy of his brother, the relation of brother and sister has also forgotten its limits, son has become the killer of his own parents, the dignity and trust of the sacred relation of husband and wife has also vanished, women have forgotten their values, shame and respect, man has started behaving like an animal, why is all this happening on this earth today? Has anyone ever tried to know?
All this is the illusion of Kaliyug, if you do not come out of this demonic influence in time, then you may have to suffer terrible consequences in the future.
As you all know, when you sit for an exam, you are asked several questions which you have to answer correctly. If you answer incorrectly, you may fail in the exam. But after the exam, you all wait for the result of the exam, whether you passed or failed. Similarly, today in this Kali Yuga, the entire human race is being tested, but some candidates have passed the exam and some have failed.
Do you want to know why you failed? Because you got trapped in the illusion of Kaliyug and considered good as bad and bad as good, sold your integrity for a few bucks, instead of fulfilling your duties you turned away from them, to live a life of luxury and comfort you broke the rules made by God.
If someone tries to call day as night, then his saying so will not consider it as day and night. Similarly, if someone tries to convert the deeds of an unrighteous and wicked person into an unintentional mistake in order to hide it, then that will not be called a mistake, because no one can deny the truth and no one can save a lie from the truth. God is the truth, which you can neither deny nor change, and you cannot save yourself and your any bad deed from this truth.
These people who say that if everything ends well, then everything is well. Have you tried to evaluate it correctly? What I mean to say is that when something ends, then something new is definitely born again. That is, when the end of this world comes, everyone will have to present themselves before God again to take part in the beginning of the new world. But if you have started your life with evil, then how can your end be good? How can you get good results?
Change is the rule of the world which cannot be changed. Just like you buy a new thing when the old thing gets damaged, similarly you get a new body by abandoning your old body. If you have done any wrong deed intentionally, then you cannot get a good body because you have tried to misuse the body and life given by God, for which you are bound to get a terrible result.
No one can predict when and in what form the truth will be revealed. It is an unshakable truth. When the time comes, it will be revealed to everyone. If you want to know it and see it, then first come out of the illusion of Kaliyug. Otherwise, no one will be able to take you out of the darkness of this Kaliyug and your existence will be erased in the same darkness.
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ReplyDeleteIf you want to avoid the wrath of Kaliyug, then follow the path of truth and choose good deeds. Very lovely article by you....❤👍
Thanks a lot....
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