सहनशीलता खोने का परिणाम। The Result of Losing Patience.

Snehajeet Amrohi
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जिस इंसान में सहनशक्ति का वास होता है, उस इंसान के लिए हर समस्या से बाहर निकलना आसान होता है। 

यदि तुम अपने जीवन में चैन और सुकून चाहते हो तो सबसे पहले अपने मन को शांत करना सीखो अपने मन को अपने काबू में करना सीखो क्योकि ये मन बड़ा ही चंचल होता है यदि हमारा नियंत्रण अपने मन पर तथा अपनी इच्छाओ पर नहीं रहता तो इसका दुष्प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ने लगता है, जिससे हमारे अंदर की सहनशीलता खोने लगती है और जो इच्छा यदि पूरी नहीं होती तो हमारे जीवन का  चैन और सुकून भी खो जाता है। 

दुख हो या सुख कोई भी परिस्थिति हमे तभी विचलित करती है, जब हमारा मन एकाग्र नहीं रहता। जब हमारे मन में अनेको इच्छाएं जन्म लेने लगती है तो वो इच्छा यदि किसी कारणवश पूर्ण नहीं हो पाती तो हमारा विवेक भी अस्थिर होने लगता है। 

अपने जीवन में एक बात हमेशा याद रखना, ये जो तुम्हारा मन है, वो तुम्हारा सबसे अधिक इम्तिहान लेता है, क्योकि तुम्हारा मन तुम्हे ये समझाने का प्रयास करता है, यदि तुम मुझे काबू में रखना चाहते हो तो सबसे पहले अपने मन में आने वाली इच्छाओ को शांत करना सीखो उसपे काबू करना सीखो यदि तुम अपने दिमाग को अनेको उलझन और बेवजह की बातो से अशांत करने का प्रयास करोगे तो तुम्हारा मन भी इससे अशांत और विचलित होगा क्योकि तुम्हारा मन और दिमाग तुम्हारे ही अंदर बसा है तुमसे अलग नहीं। 

जरुरी नहीं हमारी हर इच्छा पूरी हो, कुछ लोग जिनकी सोच बड़ी होती है, जो हर दुख को भी सुख में बदलने का हुनर और ज्ञान रखते है वो सर्वप्रथम अपने मन को काबू में करने का प्रयास करते है, जो नहीं मिला उसका क्या शोक करना, जो प्राप्त है वही पर्याप्त है, क्यों अधिक की लालशा में अपने जीवन को और स्वयं को दुखी रखना ? मेरे पास क्या नहीं ? जो मैं शोक करू अनंत ज्ञान का भंडार हूँ मैं फिर क्यों दुनिया की निरर्थक अमूल्य वस्तुओ के लिए मैं अपने दिमाग और मन को अशांत करू ?  जो सबसे अहम है वो ये है कि मेरे अंदर मौजूद है संतोष की भावना, जो नहीं होती, हर किसी के पास वो है मेरे पास फिर किस बात का मैं शोक करू ?


सहनशीलता खोने का परिणाम -

जब कोई व्यक्ति अपनी सहनशीलता को खो देता है, तो ये मान लेना वो स्वयं ही अपने हाथो से अपनी जिंदगी को गलत दिशा की ओर अग्रसर करने की भूल कर देता है। क्योकि सहनशीलता ही तुम्हारे व्यक्तित्व की ढ़ाल है, यदि तुम्हारे अंदर सहनशीलता ही नहीं फिर तुम्हे अच्छी बात भी बुरी लगने लगती है, और बुरी बाते अच्छी लगने लगती है,क्योकि अपनी सहनशीलता को खोने से तुमने अपना विवेक भी खो दिया सही और गलत क्या है ? इसे परखने का तुमने हुनर खो दिया। 

अपने रिश्ते को बचाने के लिए तथा मजबूत करने लिए सबसे पहले हमे बुरी और कड़वी बातो को नजरअंदाज करना सीखना होगा, यदि सामने वाला इंसान आपका प्रिय है, तो अक्सर अपने रिश्ते को बचाने की खातिर किसी एक को विनम्र और सहनशील बनना पड़ता है। यदि दोनों ही अपनी सहनशीलता खो देंगे तो दोनों का रिश्ता टूट कर बिखर सकता है, और बाद में पछतावे  कुछ भी शेष नहीं रहता। 

चाहे आप किसी बड़े पद पर क्यों ना हो, चाहे आप किसी दफ्तर के मालिक या कर्मचारी ही क्यों ना हो यदि आप अपने स्वभाव को सौम्य और गंभीर नहीं बनाते तो लोग आपको सम्मान भरी नजरो से नहीं देख सकते है।  सौम्य और गंभीर मैंने इसलिए कहा है क्योकि जब परिस्थिति अनुकूल हो तो आपको अपने क्रोध का प्रदर्शन करने की कोई आवश्यकता नहीं, मगर यदि कहीं पर कोई अन्याय या अपराध घटित होता है, तो वहां आपको गंभीरता से परिस्थिति को संभालने का हुनर अपने भीतर जागृत करना होगा। जिसमे आपको विचलित नहीं होना है, बहुत ही सूझ बुझ से सोच समझ कर किसी भी निष्कर्ष पर उतरना है, जिससे किसी का अहित ना हो सके। 

चाहे छात्र हो या कोई अधिकारी,चाहे आप कोई भी हो आपके अंदर सहनशीलता का होना बेहद जरुरी है, क्योकि जीवन में अनेको उतार-चढ़ाव आते जाते रहते है, कुछ लोग समस्याओ को देख अपने घुटने टेक देते है, तो कुछ लोग समस्याओ को अपनी सहनशीलता से हमेशा के लिए अपनी जिंदगी से दूर कर देते है। 

हमेशा याद रखे कोई भी समस्या आपसे बड़ी नहीं है, दुनिया में कोई भी ऐसी समस्या नहीं जिसका हल ना हो सके, जरुरत है तो बस बुद्धि और विवेक की,सहनशीलता  की। 

आपका बुद्धि और विवेक तभी काम करता है जब आप में  सहनशीलता का वास होगा। जिस व्यक्ति ने अपनी सहनशीलता खो दी तो ये मान लेना वो अपने जीवन में कभी किसी भी समस्या को सुलझा नहीं सकता बल्कि उन समस्याओ में स्वयं उलझ जाता है। सहनशीलता खोने से मनुष्य का ज्ञान भी किसी काम का नहीं क्योकि उसे कब किससे कैसे पेश आना है इसकी भी समझ नहीं होती, वो उद्वेग हो कर सबका अपमान करने लग जाता है,जिससे उसका सम्मान तो जाता ही जाता है साथ ही साथ वो अपनी जिंदगी में खुद को अकेला महसूस करने लगता है। 

इसलिए अपनी सहनशीलता को बनाए रखे, अपनी जिंदगी को जीना सीखे, इच्छाओ का क्या है ? ये तो हर दिन बढ़ते रहती है, यदि इसे रोका ना गया तो आपकी जिंदगी में ये मुश्किलें खड़ी कर सकती है, यदि इच्छाओ में उलझ कर आपने अपनी सहनशीलता को खो दिया तो आपकी ये लापरवाही आपके जीवन में एक नई समस्या को जन्म दे सकती है। 





It is easy for a person who has the power of patience to come out of every problem.

If you want peace and comfort in your life, then first of all learn to calm your mind, learn to control your mind because the mind is very fickle, if we do not have control over our mind and our desires, then its ill effects start affecting our life, due to which our tolerance starts getting lost and if the wish is not fulfilled, then the peace and comfort of our life is also lost.

Be it sorrow or happiness, any situation disturbs us only when our mind is not concentrated. When many desires start arising in our mind, if that desire is not fulfilled due to any reason, then our conscience also starts becoming unstable.

Always remember one thing in your life, this mind of yours tests you the most, because your mind tries to make you understand that if you want to control me, then first of all learn to calm the desires coming in your mind, learn to control them, if you try to disturb your mind with many confusions and unnecessary things, then your mind will also get disturbed and distracted because your mind and brain are located inside you, not separate from you.

It is not necessary that all our wishes get fulfilled, some people who have big thinking, who have the skill and knowledge to turn every sorrow into happiness, first of all try to control their mind, why mourn for what we have not got, what we have got is enough, why keep our life and ourselves unhappy in the desire for more? What do I not have? What should I mourn for, I am a storehouse of infinite knowledge, then why should I disturb my mind and heart for the useless, priceless things of the world? What is most important is that the feeling of contentment is present within me, I have what everyone does not have, then what should I mourn for ?


The Result of Losing Patience-

When a person loses his tolerance, then it should be assumed that he himself makes the mistake of leading his life in the wrong direction with his own hands. Because tolerance is the shield of your personality. If you do not have tolerance then you start finding even good things bad and bad things good, because by losing your tolerance you have also lost your wisdom. You have lost the skill to judge what is right and what is wrong.

To save and strengthen our relationship, first of all we have to learn to ignore bad and bitter things. If the person in front of you is your dear one then often one of you has to become polite and tolerant to save the relationship. If both of them lose their patience then their relationship can break and shatter and later there is nothing left except regret.

No matter how big a position you hold, whether you are the owner or employee of an office, if you do not make your nature gentle and serious, then people cannot look at you with respect. I have said gentle and serious because when the situation is favorable, there is no need for you to show your anger, but if any injustice or crime occurs somewhere, then you will have to awaken the skill of handling the situation seriously. In which you do not have to get disturbed, you have to come to any conclusion after thinking very sensibly, so that no one is harmed.

Be it a student or an officer, whoever you are, it is very important to have patience because there are many ups and downs in life, some people bow down after seeing the problems, while some people remove the problems from their life forever with their patience.

Always remember that no problem is bigger than you, there is no problem in the world that cannot be solved, all that is needed is the patience of intelligence and prudence.

Your intelligence and wisdom work only when you have patience. If a person loses patience, then you should understand that he can never solve any problem in his life, rather he gets entangled in those problems himself. When a person loses patience, his knowledge is also useless because he does not understand how to behave with whom and when. He starts insulting everyone in anger, due to which he not only loses his respect but also starts feeling lonely in his life.

Therefore, maintain your patience, learn to live your life, what about desires? They keep increasing every day, if they are not stopped then they can create problems in your life, if you lose your patience by getting entangled in desires then this carelessness of yours can arise  to a new problem in your life.

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  1. We should have patience in every work, we should pay attention to others as well, if the person in front of you is your dear one then there is no need to show anger here. Very nice article by you. 👍

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