भाग्य किसी का खराब नहीं होता, ना ही कोई अभागा होता है। फिर ना जाने किस व्यर्थ की चिंतन में ये समस्त संसार डूबता है ?
तुमने यदि किसी ज्योतिष या पंडित के कथनों को सत्य मान कर अपने भाग्य को कोसना शुरू किया है, तो ये मान लेना कि तुमने स्वयं ही अपने भाग्य के दरवाजे को बंद करने का कार्य किया है।
ये तो समय का खेल है, ये समय कब किसे कहां ले जाएगा इसकी खबर किसी को नहीं, मगर जिसने व्यर्थ की चिंतन में अपना सारा समय बर्बाद किया उसका अच्छा समय कैसे आएगा ?
आज दुख है,तो कल सुख भी आएगा। हर घनी अंधेरी रात के बाद सुबह का रोशन उजाला अवश्य आएगा।तुमने यदि अपनी आँखे नहीं खोली तो तुम्हे सुबह के उजाले का एहसास कैसे होगा ?
समय कभी विपरीत कार्य नहीं करता, यदि समय किसी के भी विपरीत कार्य करता तो घड़ी का कांटा सीधे की जगह उल्टा घूम रहा होता। बल्कि तुम खुद समय के साथ नहीं चल रहे हो, व्यर्थ की बातो में अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे हो।
तुम खुद गलती करते हो, तुम खुद लापरवाही बरतते हो और सारा दोष अपने भाग्य को देने लगते हो, ये तुम्हारी मूर्खता नहीं तो फिर और क्या है ?
यदि सबको मेरी बात सही प्रकार से समझ नहीं आई तो मैं सरल भाषा में समझाती हूँ, मान लो तुम रसोई में भोजन पका रहे हो, तुम जान बुझ कर गर्म कढ़ाई को अपने हाथ से छूने का प्रयास करोगे तो तुम्हारा हाथ जलेगा ही इसमें तुम्हारे भाग्य का क्या कसूर ? ये तो तुम्हारी भूल और लापरवाही का फल है, जो तुम नहीं मान रहे हो, बल्कि किसी और को इसका दोषी ठहरा रहे हो।
समस्या यूंही किसी के पास चल कर नहीं जाती, जब तक कोई समस्या को खुद आमंत्रित करने का प्रयास नहीं करता, कोई समस्या उसे परेशान नहीं कर सकती। इस संसार की समस्या ये है कि इस संसार के मनुष्य जागृत अवस्था में नहीं है, सब अभी भी सो रहे है, मेरी बाते थोड़ी अजीब लग सकती है, मगर यही सत्य है, इससे स्वीकारना ही होगा समस्त संसार को।
जो तुम्हारे बस में है, तुम उसे करो, जो तुम्हारे बस में है ही नहीं फिर क्यों व्यर्थ में उसकी चिंता कर तुम अपना जीवन बर्बाद कर रहे हो ?
तुम्हारे अज्ञान की वजह से तुम्हारा ज्ञान ढका है, तुम्हारी भूल की वजह से भाग्य भी तुम्हारे खिलाफ खड़ा है, तुम्हारी लापरवाही की वजह से तुम्हारा समय भी तुम्हारे विपरीत खड़ा है, फिर तुम दोषी हुए या तुम्हारा भाग्य ?
एक बात सदैव याद रखना जिंदगी तुम्हारी है, तुम जैसे चाहो वैसे अपनी जिंदगी को दिशा प्रदान कर सकते हो, भाग्य तुम्हारा है, तुम जैसे चाहो अपने भाग्य को बना सकते हो, समय भी तुम्हारा है, तुम जैसे चाहो समय का उपयोग कर सकते हो, मगर यदि तुम्हे अपनी जिंदगी, अपने भाग्य और अपना समय सुनहरा और उज्जवल चाहिए तो उसके लिए तुम्हे अपनी निद्रावस्था को त्याग कर जागृतावस्था में आना होगा अर्थात व्यर्थ की बातो से और व्यर्थ की चिंताओं से बाहर निकलना होगा, अपनी मेहनत सच्ची लगन और अच्छे कर्मो का चुनाव कर अपने जीवन में आगे बढ़ना होगा तभी तुम्हारा कल्याण संभव है।
Nobody's luck is bad, nor is anybody unlucky.Then I wonder in what useless thoughts this entire world gets drowned?
If you have started cursing your fate by believing the statements of any astrologer or pandit to be true, then you should accept that you yourself have closed the doors of your destiny.
This is the game of time, nobody knows when and where this time will take whom, but how will good times come for the one who has wasted all his time in useless thinking ?
If there is sadness today, then happiness will also come tomorrow. After every dark night, the bright light of the morning will definitely come. If you do not open your eyes, then how will you feel the light of the morning?
Time never works in the opposite direction, if time worked in the opposite direction then the hands of the clock would be moving in the opposite direction instead of in the forward direction. Rather you yourself are not moving with time, you are wasting your precious time in useless things.
You yourself make mistakes, you yourself become careless and you start blaming your fate for everything, if this is not your foolishness then what is it?
If everyone did not understand my point properly, I will explain in simple language, suppose you are cooking food in the kitchen, you intentionally try to touch the hot pan with your hand, then your hand will definitely burn, what is the fault of your fate in this? This is the result of your mistake and carelessness, which you are not accepting, rather you are blaming someone else for it.
Problems do not come to anyone just like that, unless someone tries to invite problems himself, no problem can trouble him. The problem of this world is that the people of this world are not in the awakened state, everyone is still sleeping, my words may sound a little strange, but this is the truth, the whole world will have to accept this.
Do what is in your control. If something is not in your control then why are you wasting your life worrying about it?
Because of your ignorance your knowledge is covered, because of your mistake even destiny is standing against you, because of your carelessness even your time is standing against you, then are you at fault or your destiny?
Always remember one thing, life is yours, you can give direction to your life as you wish, destiny is yours, you can make your destiny as you wish, time is also yours, you can use time as you wish, but if you want your life, your destiny and your time to be golden and bright, then for that you will have to leave your sleepy state and come to the awakened state, that is, you will have to get out of useless talks and useless worries, you will have to move forward in your life by choosing your hard work, true dedication and good deeds, only then your welfare is possible.
ReplyDeleteLuck is made by your hard work and luck supports you through your good deeds. Very lovely article by you...👍😊
Thank you....
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