क्या दुनिया बस पैसों से चलती है ? Does The World run only on Money?

Snehajeet Amrohi
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वक्त चाहे कितना भी बदल जाए मगर इंसान के खयालात कभी वक्त के साथ नहीं बदलना चाहिए। कहने का अर्थ है दुनिया में सब कुछ पैसे से नहीं चलता, ये कुछ दंभ मनुष्यो की सोच है जो ऐसा सोचते है कि यदि उनके पास सबसे अधिक पैसा है तो दुनिया उनकी मुठ्ठी में है। 

आप सत्य को बदल नहीं सकते, ना ही आप पृथ्वी का आकार बदल सकते हो,आप दुनिया नहीं बदल सकते,ना ही आप धरती और आकाश की दूरी को कम कर सकते हो,आप दिन को रात्रि में नहीं बदल सकते,ना ही आप रात्रि को दिन में बदल सकते हो, आप किसी मृत इंसान को जीवित नहीं कर सकते, ना ही आप ईश्वर के बनाए ऋतुओ को बदल सकते हो, फिर किस बात का है गुरूर तुम्हे जो तुम दिन रात पैसे के अहंकार में चूर रहते हो। 

आज इस दुनिया में हर रिश्ता बिक चुका है,पैसे में आखिर ऐसा क्या है जो बेटे अपने ही माता-पिता के जान का दुश्मन बने हुए है, भाई ही भाई को देखना नहीं चाहता अपने ही भाई को शत्रु समझता है, ये पैसे और जायदाद के लोभ में पति पत्नी का रिश्ता भी मर्यादा को लांघ चुका है,आज कई ऐसे घर है जहां पत्नी अपने पति को धोखा दे रही है,कहीं पति अपनी पत्नी को धोखा दे रहे है। 

जो तुम पैसे और जायदाद के लोभ में आ कर अपने ही माता-पिता,भाई बहन से बटवारे कर रहे हो,कभी ये क्यों नहीं सोचा कि तुम अपने ही शरीर के एक अंग को खुद की अज्ञानता के कारण स्वयं से विलग कर रहे हो। तुम्हारे शरीर में जो खून है वो भी माता-पिता का ही है, फिर कैसे तुम अपनों का ही खून बहा रहे हो ? जिस पैसे के लिए तुम अपनी इंसानियत को भुला बैठे वो पैसा तो कभी तुम्हारा था ही नहीं और ना ही कभी होगा, यदि कुछ तुम्हारा है, तो वो है तुम्हारा कर्म,यदि कुछ तुम्हारा है, तो वो है तुम्हारा परिवार 

मैंने आज तक अपने हर रिश्ते में बस प्यार और सम्मान को ही अहमियत दिया है,अपनों से बढ़ कर कभी पैसे को अहमियत देने की मूर्खता नहीं की, मेरे लिए हर रिश्ता अनमोल है, क्योकि जो सबसे अनमोल है तो वो है हमारे अपने, माता-पिता दादा दादी,भाई बहन जिनका साथ पा कर हमे कभी अकेला महसूस नहीं होता। अपनों के साथ जुड़ी यादों को आप भुला नहीं सकते,गुजरे दिनों को आप वापस ला नहीं सकते,पैसा तो सब कमा लेते है,मगर क्या कोई सच्चा प्यार पा सकता है ?

पैसो के लिए तुम अपने बुजुर्गो का यदि तिरस्कार करते हो, तो मान लेना तुम स्वयं ही अपने विनाश की तैयारी करते हो, क्योकि बुजुर्गो से ही हमारा संसार,हमारा घर खुशहाल बनता है,बुजुर्गो के आशीर्वाद से ही हमारा भविष्य उज्जवल बनता है, बुजुर्गो के सानिध्य में रह कर ही हमे अच्छे और बुरे का ज्ञान होता है,बुजुर्गो के ही साए में रह कर हमे अच्छे संस्कारो का बोध होता है। 

दुनिया पैसो से नहीं चलती, क्योकि दुनिया को तुम मनुष्यो ने नहीं बनाया उस परमपिता परमात्मा ने बनाया है,दुनिया को चलाने की एकमात्र ताकत उस परमपिता परमात्मा में है,ना की तुम मनुष्यो में। इसलिए अपनी अज्ञानता से बाहर आने का प्रयास करो,अपने अच्छे कर्मो द्वारा दूसरो की सहायता करो,अच्छे विचारो को अपनाओ यकीनन एक दिन तुम्हे स्वयं पर फक्र होगा जब तुम्हारे कर्मो का हिसाब होगा और तुम्हारा साक्षात्कार उस परमपिता परमात्मा से होगा। 



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Sneha Amrohi - ( From- India )




No matter how much time changes, a person's thoughts should never change with time. What I mean to say is that money does not run everything in this world, this is the thinking of some arrogant people who think that if they have the most money then the world is in their hands.

You cannot change the truth, nor can you change the shape of the earth, you cannot change the world, nor can you reduce the distance between the earth and the sky, you cannot change day into night, nor can you change night into day, you cannot bring a dead person back to life, nor can you change the seasons created by God, then what are you so proud of that you remain immersed in the pride of money day and night.

Today in this world every relation has been sold. What is there in money that a son has become an enemy of his own parents. A brother does not want to see his brother and considers his own brother an enemy. In this greed for money and property, the relation of husband and wife has crossed all limits. Today there are many such houses where the wife is cheating on her husband and somewhere the husband is cheating on his wife.

You are dividing your own parents, siblings in the greed of money and property, why have you never thought that you are separating a part of your own body from yourself due to your ignorance. The blood in your body also belongs to your parents, Then how are you shedding the blood of your own people? The money for which you forgot your humanity was never yours and will never be, if something is yours, it is your karma, if something is yours, it is your family.

Till date, I have given importance to only love and respect in all my relationships, I have never made the mistake of giving more importance to money than my loved ones. For me, every relationship is precious because the most precious ones are our loved ones, parents, grandparents, siblings, with whose company we never feel alone. You cannot forget the memories associated with your loved ones, you cannot bring back the past days, everyone earns money, but can anyone get true love?

If you disrespect your elders for money, then accept that you are preparing for your own destruction, because it is because of the elders that our world, our home becomes prosperous, it is because of the blessings of the elders that our future becomes bright, it is by living in the company of the elders that we get to know about good and bad, it is by living in the shadow of the elders that we get to know about good manners.

The world does not run on money, because the world was not created by you humans but by the Supreme Father, the Almighty. The only power to run the world is in the Supreme Father, not in you humans. So try to come out of your ignorance, help others with your good deeds, adopt good thoughts, surely one day you will be proud of yourself when your deeds will be accounted for and you will meet the Supreme Father.


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Sneha Amrohi - ( From- India )

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  1. We should never give importance to money, we should give importance to our relationship, because money can never equate our relationship. Very lovely article by you.👍

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