एक माँ ने अपने गर्भ में स्थान दिया, तो एक माँ ने मुझे अपने दिल में स्थान दिया, कौन कहता है कि नोक झोंक से भरे होते है, सास बहू के रिश्ते ? यदि दिल में करवाहट की जगह प्रेम हो,तो बेहद अटूट और मजबूत होते है, सास बहू के रिश्ते।
चाहे दुनिया का कोई भी इंसान हो यदि उसके मन में किसी भी व्यक्ति के प्रति संशय जैसी भावना उत्पन्न होने लगती है, तो उसे एक अच्छा व्यक्ति भी बुरा प्रतीत होने लगता है, चाहे दुनिया का कोई भी रिश्ता हो यदि उस रिश्ते में कोई भी शक या संशय अपना स्थान बना लेता है, तो वो रिश्ता ना ही आगे बढ़ सकता है, और ना ही वो रिश्ता आपको कोई खुशी दे सकता है।
आज हम जिस रिश्ते की बात करने जा रहे है, वो रिश्ता है, सास और बहू का रिश्ता। अक्सर कुछ लोग कहा करते है, एक सास कभी माँ का स्थान नहीं ले सकती, कुछ लोग ये भी कहते है, एक बहू कभी बेटी का स्थान नहीं ले सकती, क्योकि बहू तो पराई होती है। कुछ लोग कहते है, जो प्यार एक माँ अपनी बेटी को दे सकती है, वो स्नेह और प्यार एक सास कभी नहीं दे सकती, क्योकि सास कभी माँ की तरह लाड प्यार नहीं दे सकती क्योकि बेटियों का ससुराल कभी बेटियों को मायके के जैसा प्यार नहीं दे सकता क्योकि वो पराया स्थान होता है। सास- ससुर कभी माता-पिता का स्थान नहीं ले सकते, ननद,देवर ये सब कभी भाई-बहन का स्थान नहीं ले सकते।
हमारे समाज में हर दिन ऐसी बातें होते रहती है, हर घर की कहानी लोग जानना चाहते है,तरह-तरह की बातें हमारे समाज में लोग करते रहते है, आज मैं इस दुनिया को हमारे समाज को एक सत्य से अवगत कराने जा रही हूँ जिसे जानने के पश्चात आप कभी किसी रिश्ते को शर्मशार करने की भूल कदापि नहीं करेंगे।
सब आपकी नजरो और आपकी समझ का फर्क है, यदि दोष है तो आपके सोच का दोष है,आपके नजरिए का दोष है, क्योकि यदि हमारी सोच और हमारा नजरिया किसी भी रिश्ते के प्रति सही और नेक है फिर किसी रिश्ते में कोई दोष नहीं रहता।
मान लीजिए आपके घर का दरवाजा आपको खोलना है, तो आप उसे हाथ से आराम से खोल सकते है मगर यदि आप दरवाजे को बंद करने के लिए अपने हाथ की जगह अपने पैर का प्रयोग करेंगे आप दरवाजे को अपने पांव से बहुत तेज बंद करने का प्रयास करेंगे तो यकीनन आपके पांव को चोट आएगी और दरवाजा भी टूट सकता है, जो कार्य आप प्रेमपूर्वक कर सकते है जिससे किसी को नुकसान ना हो जिस काम को आप अपना मान कर कर सकते है उसे यदि आप किसी दूसरे का काम मान कर गुस्से से करेंगे तो यकीनन हमे ही चोट पहुंचेगी। आज हमारे समाज में सभ्यता, संस्कृति और संस्कार लुप्त होते जा रहे है, या मैं कहूं कि अब तहजीब और संस्कार नाम की कोई चीज है ही नहीं तो ये गलत नहीं होगा क्योकि बड़ो का सम्मान करना भेदभाव को दूर रखना ये सब लोग अब करते कहां है ?
मैं पूछती हूँ आप सभी से यदि आप किसी को सच्चे दिल से सम्मान और प्यार देंगे तो बदले में आपको भी सम्मान और प्यार ही मिलेगा। ये बस आपके मन की शंका है, कि ससुराल कभी मायके का स्थान नहीं ले सकता, सास कभी माँ की जगह नहीं ले सकती,यदि बेटियां अपनी सास में अपनी माँ को देख कर उन्हें सम्मान और प्यार देगी तो यकीनन सास भी बहू को बेटी से कहीं बढ़ कर प्यार देगी।
विवाह उपरांत लड़कियां अपने पति को ही अपना सब कुछ मान लेती है,अपने पति पर पूरा अधिकार जताती है, उन बेटियों को एक बात अवश्य कहना चाहूंगी जिस पति पर तुम अपना अधिकार जता रही हो, वो पति पहले किसी का बेटा था, किसी का भाई था, तुमने अभी-अभी अपने पति के जीवन में कदम रखा है, फिर तुम कैसे अपने पति को उसके माता-पिता से दूर कर सकती हो, तुम कैसे अपने पति को उसके ही अपने भाई-बहन से दूर कर सकती हो ? क्या तुम्हारे पति ने कभी तुम्हे, तुम्हारे माता-पिता और भाई-बहन से दूर करने का प्रयास किया ? फिर कैसे तुम अपने ही पति के घर की सुख और शांति को भंग कर सकती हो ?
जो लोग मायके और ससुराल में भेदभाव करते है, ऐसे लोगो को एक बात कहना चाहूंगी जैसे तराजू अपनी तरफ की दोनों भार को बराबर रहने पर ही संभाल सकता है, वैसे ही दुनिया का हर रिश्ता होता है, दोनों की सतह एक बराबर होनी चाहिए यदि एक का भार अधिक हुआ और दूसरे का कम तो वो अपना संतुलन खो सकता है।
प्यार सबको बदल देता है, क्योकि प्यार एक शीतल जल की भांति शांत और निर्मल होता है, जो भीषण से भीषण अग्नि को भी खुद में समा कर शांत कर देता है, फिर दुनिया का कोई भी रिश्ता कैसे नहीं संभल सकता ? देश की हर बहू को मैं यही कहना चाहूंगी तुम्हे प्रसन्न होना चाहिए कि तुम्हे एक साथ दो माँ का प्यार और ममता प्राप्त हो रहा, फिर तुम्हारे दिल में माँ और सास के बीच भेदभाव का विचार क्यों सता रहा ? अपने दृष्टिकोण को बदलो, भेदभाव से बाहर निकलो, यकीनन तुम्हे अपने हर सवाल का जवाब स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा, और तुम्हारे दिल से रिश्तों के प्रति भेदभाव और शंका मिट जाएगा।
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Sneha Amrohi - ( From- India )
A mother gave me a place in her womb and another mother gave me a place in her heart. Who says the relationship between a mother-in-law and daughter-in-law is full of arguments? If there is love in the heart instead of bitterness, then the relationship between a mother-in-law and daughter-in-law is very unbreakable and strong.
No matter who the person is in this world, if he starts having doubts about any person then even a good person starts appearing bad to him. No matter what the relationship is, if any doubt or suspicion takes root in that relationship then that relationship can neither move forward nor can that relationship give you any happiness.
The relationship we are going to talk about today is the relationship between mother-in-law and daughter-in-law. Often some people say that a mother-in-law can never take the place of a mother. Some people also say that a daughter-in-law can never take the place of a daughter because a daughter-in-law is a stranger. Some people say that the love that a mother can give to her daughter, a mother-in-law can never give that affection and love because a mother-in-law can never pamper her like a mother because the daughter-in-law's in-laws can never give them the love like their parents because it is a stranger's place. Mother-in-law and father-in-law can never take the place of parents. Sister-in-law and brother-in-law can never take the place of a brother or sister.
Such things happen every day in our society, people want to know the story of every household, people keep talking about different things in our society, today I am going to make this world and our society aware of a truth, after knowing which you will never make the mistake of shaming any relationship.
It's all a difference of your perspective and your understanding. If there is a fault, it's your thinking's fault, your perspective's fault. Because if our thinking and our perspective is correct and noble towards any relationship, then there is no fault in any relationship.
Suppose you have to open the door of your house, then you can easily open it with your hand, but if you use your foot instead of your hand to close the door, if you try to close the door very fast with your foot, then surely your foot will get hurt and the door may also break. The work which you can do lovingly so that no one is harmed, the work which you can do considering it as yours, if you do it with anger considering it as someone else's work, then surely we will be hurt. Today in our society, civilization, culture and manners are vanishing, or if I say that now there is no such thing as etiquette and manners, then it will not be wrong because where do people do now, respecting elders, keeping discrimination away?
I ask all of you that if you give respect and love to someone with a true heart, then you will also get respect and love in return. This is just a doubt in your mind that in-laws can never replace the parents' house, mother-in-law can never replace the mother, if daughters see their mother in their mother-in-law and give them respect and love, then surely the mother-in-law will also love the daughter-in-law more than her daughter.
After marriage, girls consider their husbands as their everything and claim complete rights over them. I would like to say one thing to those daughters that the husband on whom you are claiming your rights was earlier someone's son, someone's brother. You have just stepped into your husband's life. Then how can you separate your husband from his parents? How can you separate your husband from his own siblings? Has your husband ever tried to separate you from your parents and siblings? Then how can you disturb the peace and happiness of your own husband's house?
I would like to say one thing to those who discriminate between the parents' house and in-laws' house; just like a scale can handle equal weight on both its sides, similarly every relationship in the world is such that the surfaces of both should be equal; if the weight of one is more and the other less, then the other may lose his balance.
Love changes everyone, because love is calm and pure like cool water, which absorbs even the fiercest fire and calms it down, then how can any relationship in the world not be able to recover? I would like to say this to every daughter-in-law of the country that you should be happy that you are getting the love and affection of two mothers together, then why is the thought of discrimination between mother and mother-in-law troubling your heart? Change your perspective, get out of discrimination, surely you will get the answer to all your questions automatically, and discrimination and doubt towards relationships will disappear from your heart.
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ReplyDeleteWe should respect every relationship, give respect and love to mother-in-law like a mother. Very lovely article by you. 👍😊
Thank you....
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